MP Cop News: पांच साल के भीतर बनने हैं मैदानी पुलिस कर्मचारियो के लिए सरकारी आवास, पूरी मैदानी स्थिति जानिए
भोपाल। मध्यप्रदेश पुलिस विभाग में कर्मचारियों के साप्ताहिक अवकाश का मुद्दा 2018 के विधानसभा चुनाव में जमकर उठा था। उस वक्त लगा था कि भाजपा—कांग्रेस दोनों ही दल पुलिस महकमे (MP Cop News) को गंभीरता से ले रहे हैं। लेकिन, चुनाव बाद सबकुछ शून्य हो गया। यह बात हम इसलिए कर रहे हैं क्योंकि गुरुवार को प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा (Home Minister Narottam Mishra) ने पुलिस कर्मचारियों के बने नवीन आवास का लोकार्पण किया था। इसको लेकर सरकार की तरफ से जमकर वाहवाही लूटी जा रही है। जबकि मैदानी हकीकत यह है कि सरकार अपने तय लक्ष्य से काफी पीछे चल रही है। हालांकि इसकी वास्तविक वजह फंड या इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी है यह बताना संभव नहीं हैं।
यह है पुलिस की नई कॉलोनी की खासियत
पुलिस मुख्यालय की तरफ से जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार मुख्यमंत्री पुलिस आवास योजना के तहत गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने आवासों का लोकार्पण किया। उन्होंने 138 बहुमंजिला गृह आवास का फीता काटकर लोकार्पण किया। उन्होंने आवासों में उपलब्ध व्यवस्थाएं भी देखीं। कार्यक्रम भदभदा रोड स्थित पुलिस रेडियो कॉलोनी में किया गया था। इन आवासों को मध्यप्रदेश पुलिस आवास एवं अधोसंरचना विकास निगम ने बनाया है। इस अवसर पर डीजीपी सुधीर कुमार सक्सेना (DGP Sudhir Kumar Saxena) , डीजी एवं मध्यप्रदेश पुलिस आवास एवं अधोसंरचना विकास निगम के अध्यक्ष कैलाश मकवाणा और एडीजी एवं मध्यप्रदेश पुलिस आवास एवं अधोसंरचना विकास निगम के प्रबंध संचालक उपेंद्र जैन (ADG Upendra Jain) समेत पुलिस विभाग के कई अधिकारी और कर्मचारी उपस्थित थे। यह आवास तृतीय चरण में 32.46 करोड़ रुपये की लागत से बने। यह पांच मंजिला है जिसमें सीसी रोड, 8 लिफ्ट, 1,25000 लीटर सम्वेल, पम्प हाउस, पेवर ब्लॉक, फायर फाइटिंग सिस्टम, लैंड स्केपिंग, 125 केवीए जनरेटर सुविधा, बाह्य विद्युतीकरण, स्ट्रीट लाइट, वाहनों हेतु पार्किंग, जल प्रदाय हेतु नगर निगम कनेक्शन आदि सुविधाएं हैं।
यह है पुलिस आवासों को लेकर मैदानी सच्चाई
मध्यप्रदेश सरकार ने मुख्यमंत्री पुलिस आवास योजना (MP Cop News ) के तहत 25000 मकान बनाने का लक्ष्य रखा था। यह मकान पांच साल में बनाए जाने हैं। जिसके लिए सरकार ने 5726.25 करोड़ रुपये मंजूर किए हैं। स्वीकृत योजना के पहले, दूसरे और तीसरे चरण के 11500 आवास गृहों का निर्माण प्रदेश के विभिन्न जिलों में प्रारंभ कराया गया था। इसमें से अब तक 8590 आवास बनाए जा चुके हैं। यानि अभी भी 2910 मकान बनना बाकी है। जबकि सरकार ने लक्ष्य 25 हजार का रखा है। मतलब साफ है कि अभी 16 हजार से अधिक मकान बनना आज भी बाकी है।
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