Rail Security : हर कोच के गेट पर लगाए जाए सीसीटीवी कैमरे, स्टेशन पर यात्री ही पहुंचे व्यवस्था बनाने के निर्देश

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Rail Securityराज्य स्तरीय रेल सुरक्षा समिति की चौथी बैठक पुलिस मुख्यालय में हुई संपन्न, थानों के लिए जमीन आवंटित कराने की मांग

भोपाल। पुलिस महानिदेशक वीके सिंह की अध्यक्षता में (Rail Security) राज्य स्तरीय रेल सुरक्षा समिति की चौथी बैठक पुलिस मुख्यालय में संपन्न हुई। बैठक के दौरान डीजीपी ने कहा है कि हर कोच के गेट पर कैमरे लगाए जाएं ऐसी व्यवस्था पर फोकस किया जाए। इस बैठक में जीआरपी के अलावा आरपीएफ और रेलवे जोन के अफसर मौजूद थे।

डीजीपी ने बैठक में कहा कि (Rail Security) भारतीय रेल परिवहन के लिहाज से बड़ी चुनौती है। इसलिए सुरक्षा मानकों और उसके पैमाने को अधिक मजबूत बनाने की कोशिश की जानी चाहिए। इसके लिए राज्य के अलावा केन्द्र स्तर पर भी रेलवे अफसरों की मदद से कदम उठाया जाना चाहिए। डीजीपी सिंह ने कहा कि स्टेशन पर केवल टिकट लेने वाला ही प्रवेश कर सके ऐसे इंतजाम किए जाने चाहिए। स्टेशन के आस-पास चिन्हित करके चाहरदीवारी और फैसिंग कराई जानी चाहिए। स्टेशनों पर पर्याप्त सीसीटीवी कैमरों से निगरानी होनी चाहिए। इसका प्रचार-प्रसार भी होना चाहिए। ताकि वहां आने वाले व्यक्ति को (Rail Security) सुरक्षित होने का अहसास हो सके। उल्लेखनीय है कि गृह मंत्रालय के आदेश पर राज्य स्तरीय रेल सुरक्षा समिति का गठन सभी प्रदेशों में किया गया है। इसमें डीजीपी की अध्यक्षता में यह बैठक होती है। बैठक के बिंदु पर केन्द्र सरकार निर्णय लेकर उसमें फैसला लेने का काम लेती है। बैठक में डीजीपी के अलावा एडीजी रेल अरूणा मोहन राव, आईबी ज्वाइंट डायरेक्टर बलवीर सिंह, एडीजी एससीआरबी आदर्श कटियार, आईजी योगेश चौधरी, जयदीप प्रसाद के अलावा आरपीएफ के प्रधान मुख्य सुरक्षा आयुक्त, डीआरएम, एडीआरएम शामिल हुए।

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नक्सल प्रभावित जिलों के लिए प्लान
यह बैठक हर तीन महीने में (Rail Security) एक बार आयोजित होती है। इससे पहले यह बैठक अक्टूबर, 2018 में आयोजित हुई थी। बैठक में डीजीपी ने कहा कि प्रदेश के सभी रेलवे स्टेशनों को चिन्हित करके उसकी संवेदनशीलता और उसमें होने वाले गुणात्मक सुधार का एजेंडा बनाया जाए। अपराधियों की गतिविधि वाले प्रभावित स्टेशन के भौतिक कारण पता लगाकर उसके निदान के लिए आरपीएफ और जीआरपी संयुक्त रूप से (Rail Security) अभियान चलाए। डीजीपी ने कहा कि नक्सल प्रभावित जिले बालाघाट और मंडला के रेलवे स्टेशनों पर अतिरिक्त सुरक्षा व्यवस्था के लिए फोकस किया। उन्होंने कहा कि नक्सल प्रभावित स्टेशनों पर बम निरोधी दस्ते, डॉग स्क्वायड समेत अन्य संसाधनों के इंतजाम सुनिश्चित किए जाने चाहिए। आरपीएफ और जीआरपी के बीच इन इलाकों की सूचनाओं को वरिष्ठ अफसरों से भी साझा की जानी चाहिए।

महिला और बच्चों की सुरक्षा पर फोकस
बैठक में (Rail Security) डीजीपी ने कहा कि रेलवे स्टेशनों के आस-पास बच्चों को अगवा करने या फिर आपराधिक गतिविधियों में शामिल कराने के कई मामले प्रकाश में आए हैं। इसलिए महिला और बच्चों की सुरक्षा के लिहाज से स्टेशन काफी संवेदनशील होते हैं। इन इलाकों में महिला और चाइल्ड हेल्प लाइन से संबंधित हेल्प लाइन का ज्यादा प्रचार होना चाहिए। सोशल मीडिया में ग्रुप बनाकर लोगों को भी जोडऩे के लिए कहा। ट्रेनों में पत्थरबाजी रोकने के लिए थाना स्तर पर पहल करने के लिए कहा गया। डीजीपी ने सेना भर्ती रैली के दौरान विशेष चौकसी बरतने के आदेश दिए। स्टेशनों पर (Rail Security) बिना चरित्र सत्यापन के काम करने वाले लोगों को चिन्हित करने के लिए कहा गया। यह व्यक्ति अवैध वेंडर होते हैं जो स्टेशनों पर सक्रिय होते हैं।

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