मध्यप्रदेश राज्य सहकारी बैंक और निजी कंपनी की जमा हुई राशि को लेकर भागा
भोपाल। भारतीय स्टेट बैंक (SBI) में एक फर्जीवाड़े (SBI Bank Fraud Case) का खुलासा हुआ है। इस मामले में आर्थिक प्रकोष्ठ विंग (EOW) ने गबन और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम (Prevention Of Corruption Act) के तहत मामला दर्ज किया है। मामला मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) के सतना जिले का है। आरोपी बैंक का ग्राहक सहायक अधिकारी (Customer Assistant Officer) हैं। आरोपी की फिलहाल गिरफ्तारी नहीं हो सकी है।
इस फर्जीवाड़े का खुलासा भारतीय स्टेट बैंक रीवा मुख्यालय (SBI Rewa Headquarter) की प्राथमिक जांच में हुआ था। जिसके बाद मुख्य प्रबंधक (Chief Manager) अनिल कांत वर्मा ने रिपोर्ट जांच के लिए ईओडब्ल्यू (EOW Bhopal) के पास भेजी थी। रिपोर्ट की जांच में पाया गया कि यह फर्जीवाड़ा (SBI Bank Fraud Case) अगस्त, 2018 से फरवरी, 2019 के बीच अंजाम दिया गया। आरोपी सतना जिले के उचेहरा स्थित भारतीय स्टेट बैंक में ग्राहक सहायक अधिकारी निकला। आरोपी अल्बर्ट गौरव सुरेन है जो सतना के भरत नगर इलाके का रहने वाला है। आरोपी का काम बैंक में रकम जमा करने का था। जिसके बदले में वह स्लीप देता था। इस स्लीप को देने के बावजूद रकम वह बैंक में जमा करने की बजाय घर ले गया।
इस मामले की शिकायत सबसे पहले मध्यप्रदेश राज्य सहकारी संघ मर्यादित (Madhya Pradesh State Cooperative Union) कार्यालय ने की थी। इस कार्यालय में तैनात भृत्य देवेन्द्र बहादुर थापा ने उचेहरा बैंक में अल्बर्ट गौरव सुरेन को रकम जमा करने दी थी। यह रकम खाद बिक्री से मिली थी। लेकिन, अल्बर्ट ने ऐसा न करते हुए 27 लाख, 43 हजार रुपए से अधिक की रकम की हेर—फेर की गई। इसी तरह दिल्ली की एक कंपनी की तरफ से अंकलेश श्रीवास्तव ने करीब 43 लाख रुपए जमा कराए थे। यह रकम भी अल्बर्ट ने बैंक में जमा नहीं की। जांच के बाद अल्बर्ट के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया है। ईओडब्ल्यू को शक है कि इस फर्जीवाड़े में अल्बर्ट अकेला नहीं है। उसका साथ देने वाले अन्य कर्मचारियों का पता लगाया जा रहा है।