MP Cop News: सिंहस्थ और सायबर की चुनौतियों से निपटना मेरी प्राथमिकता: मकवाणा

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MP Cop News: डीजीपी ने कुर्सी संभालते ही संकेत दे दिया कि अब जो पहले चलता था उसे बदल लो, पब्लिक कनेक्ट पॉलिसी पर करना होगा काम, पुलिसिंग सिस्टम की भी करेंगें समीक्षा, डीजीपी की विदाई पूर्व सलामी को लेकर यह बोलकर मामले को टाला

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कुर्सी संभालने के बाद पुलिस मुख्यालय में मीडिया से चर्चा करते हुए 32वें पुलिस महानिदेशक कैलाश मकवाणा जो भारतीय पुलिस सेवा में 1988 बैच के अधिकारी है। चित्र पुलिस मुख्यालय जनसंपर्क विभाग से जारी।

भोपाल। भारतीय पुलिस सेवा में 1988 बैच के आईपीएस कैलाश मकवाणा ने डीजीपी की कुर्सी संभाल ली। वे मध्यप्रदेश पुलिस (MP Cop News) के 32वें महानिदेशक बन गए हैं। पदभार ग्रहण करने के बाद उन्होंने मीडिया से अपने लक्ष्य को लेकर चर्चा की। उन्होंने इशारों ही इशारों में संकेत दिए है कि थानों को जनता के अनुकूल बनाने पारदर्शिता लाने के लिए वे कुछ कदम उठाने वाले हैं। इसके लिए वे पुलिस सिस्टम की समीक्षा भी करने जा रहे हैं। उन्होंने अधिकारियों के साथ बैठक करने के बाद कह दिया है कि वे मैदानी अधिकारियों से मिले। वहीं उनके प्रमोशन को टालने का प्रयास न किया जाए। डीजीपी ने कहा है कि उनका लक्ष्य सायबर की चुनौतियों से निपटना और सिंहस्थ की सुरक्षा को लेकर रहेगा।

सिंहस्थ इसलिए प्राथमिकता में लिया गया

डीजीपी कैलाश मकवाणा (DGP Kailash Makwana) ने कहा कि कानून-व्यवस्था को चुस्त-दुरस्त एवं परदर्शी बनाने तथा समाज में पुलिस के प्रति विश्वास जगाने के लिए पुलिस की तरफ से समय-समय पर विशेष अभियान देखने मिलेंगे। वे प्रयास करेंगे की पुलिस स्टेशनों में जनता की पूरी तरह से सुनवाई हो और पुलिस की भी सक्रियता दिखाई दे। उन्होंने कहा कि उज्जैन में महाकाल लोक बनने के बाद से प्रतिदिन लाखों की संख्या में श्रृदालु आ रहे हैं। इस लोक के बनने के बाद 2028 में पहला सिंहस्थ पड़ रहा है। इस बार पूर्व के सिंहस्थ की अपेक्षा कई गुना श्रृदालु आने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि पूर्व में डीआईजी रहते सिंहस्थ में बतौर नोडल अधिकारी के रुप में वे काम कर चुके हैं। इसलिए उन्हें सिंहस्थ का पूरा अनुभव है। सिंहस्थ के लिए पुलिस बल की तैनाती और तैयारी एक साल पहले से की जाती है। इसकी वजह से वे अभी से सिंहस्थ की सुरक्षा के लिए बल के साथ तमाम तरह की अधोसंरचना के कामों पर फोकस करेंगे। बढ़ते साइबर अपराध पर उनका कहना है कि जिस तरह से डिजिटलाइजेशन बढ़ रहा है उससे साइबर अपराध भी बड़े हैं। इस मामले में मप्र पुलिस (MP Police) अच्छा काम कर रही है। इसके लिए आमजन को जागरुक करने का अभियान चलाया जाएगा। इसके अलावा साइबर अपराध पर लगाम लगाने के लिए हमें अपनी कैपीबिल्टी बढ़ानी है, जिस पर काम किया जाएगा।

पुलिस को और अधिक बनाया जाएगा जबावदेह

डीजीपी ने कहा कि पुलिस को और अधिक जबावदेह बनाया जाएगा। इसकी वजह है 95 फीसदी लोगों का वास्ता पुलिस से पड़ता है। हमारा प्रयास होगा पुलिस जन मैत्रीय अधिक बने। इसके लिए जरुरी है कि थानों पर पहुंचने वाले हर व्यक्ति की पूरी बात सुनी जाए और उस पर पुलिस तत्काल कार्रवाई करे। उन्होंने कहा कि उनका फोकस रहेगा की कैसे पुलिस को और अधिक जवाबदेह, पेशेवर और उत्तरदायी बनाया जाए। नशे को लेकर उन्होंने कहा इसके लिए और अधिक सख्ती से अभियान चलेगा। जिससे की इस तरह के कामों में लगे अपराधियों पर पूरी तरह से शिंकजा कसा जा सके। इसी तरह से सुरक्षित यातायात को लेकर उनका कहना है कि सड़क हादसों में जिस तरह से आमजन की जान जा रही हैं, वह चिंता का विषय है। यातयात सभी पर असर डालता है। सुरक्षित यातायात के लिए सभी तरह के जरुरी कदम उठाए जाएंगे। इसके लिए दुर्घटना वाले स्थानों को भी चिहिन्त किया जाएगा और उन्हें गैर दुर्घटना वाले स्थान बनाने का प्रयास किया जाएगा।

लोकायुक्त डीजी रहते चर्चा में आए थे

डीजीपी ने बड़ी साफगोई से कहा है कि वे तीन साल से पुलिस मुख्यालय (PHQ) से बाहर थे, जिसकी वजह से उन्हें पुलिस मुख्यालय की शाखाओं के बारे में अधिक जानकारी नहीं हैं। इसलिए हम सभी शाखाओं की समीक्षा करने जा रहे हैं। इससे कामकाज में आसानी होगी। इसी तरह से पुलिस (MP Cop News) की सलामी को लेकर उनका कहना है कि विश्राम गृह और अन्य ठहरने वाले स्थानों को लेकर सलामी बंद की गई है। वैसे भी वर्दीे वाली नौकरियों में सलामी की पारंपरिक प्रथा है। इस पर रोक नहीं है। कैलाश मकवाणा इससे पहले चेयरमेन पुलिस हाउसिंग कॉरर्पोरेशन भोपाल थे। मकवाणा अभियांत्रिकी में स्‍नातकोत्‍तर (एमटेक) हैं। उल्‍लेखनीय पुलिस कार्यो के लिए उन्‍हें वर्ष 2005 में राष्‍ट्रपति के सराहनीय सेवा पदक और वर्ष 2014 में विशिष्‍ट सेवा पदक से सम्‍मानित किया गया। मकवाणा दंतेवाड़ा, बस्‍तर, मंदसौर व बैतूल जिले के पुलिस अधीक्षक रह चुके हैं। उन्‍होंने अतिरिक्‍त पुलिस महानिदेशक प्रबंध, सीआईडी, इंटेलीजेंस, प्रशासन व नारकोटिक्‍स के दायित्‍व का निर्वहन भी किया है। इसके अलावा स्‍पेशल डीजी सीआईडी एवं डीजी (विशेष पुलिस स्‍थापना) लोकायुक्‍त के रूप में भी पदस्‍थ रहे हैं। (सुधि पाठकों से अपील, हम पूर्व में धाराओं की व्याख्याओं के साथ समाचार देते रहे हैं। इसको कुछ अवधि के लिए विराम दिया गया है। आपको जल्द नए कानूनों की व्याख्या के साथ उसकी जानकारी दी जाएगी। जिसके लिए हमारी टीम नए कानूनों को लेकर अध्ययन कर रही हैं।)

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