Bhopal News: इंदौर के नजदीक पीथमपुर में काम दिलाने के बहाने ले गई थी, पिता—पुत्र ने किया था बलात्कार, कई सवालों पर पुलिस के पास नहीं है कोई जवाब
भोपाल। महिला हिंसा को लेकर पुलिस मुख्यालय बार—बार संजीदगी से पेश आने के लिए आदेश जारी करता है। लेकिन, मैदान में इनका कितना असर होता है यह इस घटना से पता चलता है। मामला भोपाल (Bhopal News) शहर के चूना भट्टी थाना क्षेत्र का है। यहां से लगभग दो साल पहले एक लड़की लापता हो गई थी। उसकी असल कायमी भी दर्ज करना पुलिस भूल गई थी। जब लड़की की फाइल आला अधिकारियों की नजर में आई तो फिर से पुराने बंद हुई जांच को खोला गया। जिसके बाद हैरान करने वाला मानव तस्करी का मामला उजागर हुआ। इस प्रकरण में कई तरह के तकनीकी पेंच हैं। जिसके उजागर होने पर पुलिस विभाग की किरकिरी हो सकती है। इसलिए आला अधिकारी बयान देने से बचते नजर आए।
यह है पूरा घटनाक्रम
कोलार झुग्गी बस्ती इलाके से एक नाबालिग लापता हो गई थी। जिसकी गुमशुदगी 17/21 दर्ज की गई थी। लेकिन, यह केवल गुमशुदगी तक मामला पड़ा रहा। क्योंकि सु्प्रीम कोर्ट के नियमों के अनुसार लापता नाबालिग के मामले में चौबीस घंटों बाद ही धारा 363 के तहत प्रकरण दर्ज करना होता है। लेकिन, ऐसा उस वक्त नहीं किया गया। यह पूरा प्रकरण तब सामने आया जब अफसरों के पास इस गुमशुदगी की फाइल पहुंची। अफसरों ने हैरानी जताई और मैदानी अफसरों को फटकार लगाई। फिर लापता लड़की को तलाश लिया गया। लड़की इंदौर के नजदीक पीथमपुर में हसलपुर पथवारी के पास मिली। उसने बताया कि उसको एक लाख रूपए में हरि सिंह (Hari Singh) नाम के व्यक्ति को बेच दिया गया था। पहले उसने बलात्कार किया था। फिर उसके बाद बेटे इंदर भावरकर ने ज्यादती की थी। यह पता चलने के बाद 20 मार्च की रात लगभग साढ़े नौ बजे 48/23 धारा 363/366—ए/370/376/376—2—एन/323/34/5एल/6 झांसा देकर नाबालिग को अगवा करना, झूठ बोलकर साथ ले जाना, दास बनाने के लिए बेचना, बलात्कार, कई बार बलात्कार, मारपीट, एक से अधिक आरोपी और पॉक्सो अधिनियम के तहत प्रकरण दर्ज किया गया।
इन बातों का पुलिस के पास नहीं है कोई जवाब
पुलिस ने इस प्रकरण में आरोपी लक्ष्मी को भी बनाया है। लक्ष्मी (Laxmi) लापता नाबालिग की कॉलोनी में ही रहती है। वह उसको इंदौर में नौकरी दिलाने का झांसा देकर ले गई थी। जांच (Bhopal News) में यह बात भी सामने आई है कि लगभग साढ़े अट्ठारह साल की पीड़िता के साथ शारीरिक संबंध पहली बार बनाते वक्त उसको बेहोशी की दवा दी गई थी। लेकिन, पुलिस ने जहरखुरानी की धारा ही नहीं लगाई। इसके अलावा यह भी बात सामने आई है कि आरोपी हरि सिंह के साथ—साथ इंदर भावरकर (Inder Bhawarkar) ने भी ज्यादती की थी। इस कारण गैंगरेप की धारा भी लगाई जानी थी। हालांकि पुलिस ने ऐसा भी नहीं किया। इन्हीं विषयों पर थाना प्रभारी से प्रतिक्रिया के लिए संपर्क किया गया तो वे बातचीत के लिए फोन पर उपलब्ध ही नहीं हुए। क्योंकि वे जानते थे कि मीडिया किन विषयों को लेकर उनसे चर्चा करना चाह रहा है।
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