Smuggling Remdesivir injection: छोटों को पकड़कर बड़ों को बचा रही पुलिस

Share

Smuggling Remdesivir injection: दो थानों में हुई थी तीन युवकों की रेमडेसिविर इंजेक्शन के साथ गिरफ्तारी

Smuggling Remdesivir injection:
रेमडेसिवर इंजेक्शन- File Photo

भोपाल। मध्य प्रदेश में रेमडेसिविर इंजेक्शन (Smuggling Remdesivir injection) की पूर्ति के दावे जरुर किए जा रहे हैं। लेकिन, मैदानी हकीकत दूसरी है। कालाबाजारी अभी भी जारी है। क्राइम ब्रांच ने पिछले दिनों ऐसे चार लोगों को दबोचा था। इसके बाद को​हेफिजा और मिसरोद पुलिस ने भी तीन व्यक्तियों को गिरफ्तार किया है। इन सभी बातों में एक चीज सामान्य है। पुलिस अभी तक इनके बड़े नेटवर्क का पता लगाने का प्रयास ही नहीं कर रही है। आखिर कैसे इन लोगों तक किन माध्यमों से यह इंजेक्शन उन तक पहुंचा था। पूछने पर अफसर जांच का विषय बताकर जिम्मेदारियों से पल्ला झाड़ रहे हैं।

मेडिकल स्टोर में काम करने वाले

Smuggling Remedisivir injection
कोहेफिजा थाना, जिला भोपाल—फाइल फोटो

मिसरोद पुलिस ने 11 मील इलाके से रेतघाट निवासी 23 वर्षीय यासिर खान को दबोचा। उसके पास तीन रेमडेसिविर इंजेक्शन मिले थे। वह एक अस्पताल के मेडिकल स्टोर में काम करता है। यह इंजेक्शन उसे चिरायु अस्पताल के हॉस्टल में रहने वाले धर्मेंद्र चक्रवर्ती से मिले थे। प्रत्येक इंजेक्शन दस हजार का था जिसे वह 30 हजार रुपए में बेचना चाह रहा था। इसी तरह कोहेफिजा पुलिस ने लालघाटी इलाके से नरसिंहगढ़ निवासी 19 वर्षीय बलराम मीणा और भानपुर निवासी 23 वर्षीय राजेंद्र मीणा को हिरासत में लिया है। दोनों के कब्जे से तीन रेमडेसिविर इंजेक्शन मिले हैं। दोनों आरोपी चिरायु अस्पताल की कैंटीन में काम करते हैं। उनके पास से बरामद इंजेक्शन एक मरीज के लिए इश्यू हुए थे।

यह भी पढ़ें: जिस मरीज को डॉक्टर भी पीपीई किट पहनकर परीक्षण करते हैं उससे सिरफिरा मनचला आधी रात गंदी हरकत करने पहुंच गया

यह भी पढ़ें:   Bhopal News: मंत्रालय के पुराने भवनों से चोरी हो रहे थे सेंट्रल लॉक

मेडिकल स्टोर बन रहा जरिया

कोहेफिजा और मिसरोद के केस में एक अस्पताल का नाम चर्चा में आ रहा है। इससे पहले क्राइम ब्रांच ने भी जिन्हें पकड़ा था उनमें एक डॉक्टर तो दूसरा मेडिकल स्टोर में काम करता था। उस मामले की जांच भी आज तक आगे नहीं बड़ी। इसलिए सवाल खड़ा हो रहा है कि भोपाल पुलिस छोटे लोगों को पकड़कर अपनी वाहवाही कराने के लिए ऐसा कर रही है। जबकि भोपाल पुलिस के लिए हमीदिया अस्पताल से चोरी गए रेमडेसिविर मामले की भी चुनौती अभी बनी हुई है।

Don`t copy text!