MP Unemployed Issue: देशभर में जिनके लिए ताली और थाली बजाई अब वे सड़क पर उतरे

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MP Unemployed Issue: स्वास्थ्य सेवाओं में बजट की कमी बताकर आयुष चिकित्सकों, पैरामेडिकल स्टाफ समेत 10 हजार लोगों को अगले महीने तक कर दिया जाएगा बेरोजगार

MP Covid-19 योद्धा संघर्ष संगठन के संरक्षक डॉक्टर कबूलचंद्र प्रजापति पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए। वीडियो और तस्वीरें संगठन ने मुहैया कराई है।

भोपाल। देश अभी कुछ दिन पहले कोविड—19 के झंझावतों से उबरा है। दो साल पहले उससे लड़ने के लिए कोई जनसामान्य नागरिक सामने नहीं था। इसलिए एमपी में आयुष चिकित्सक, पैरामेडिकल स्टाफ, नर्सिग स्टाफ, लैब टेक्निशियन समेत 10 हजार लोगों ने नागरिकों की सेहत के लिए मोर्चा संभाला था। यह वे लोग थे जिन्हें तीन—तीन महीने की संविदा में रखा गया था। कोविड दो साल रहा इस कारण अवधि बढ़ाई जाती रही। अब इन कर्मचारियों को निकालने का काम मध्यप्रदेश में शुरु हो गया है। अगले महीने तक यह सारे कर्मचारी एक बार फिर बेरोजगार (MP Unemployed Issue) हो जाएंगे। यह आरोप लगाकर कोविड—19 योद्धा संघर्ष संगठन ने मध्यप्रदेश सरकार पर कई संगीन आरोप लगाए हैं।

आमने—सामने जंग की तैयारी

संगठन के कई पदाधिकारियों ने अपनी इस बात को बताने के लिए शुक्रवार सुबह पॉलीटेक्निक स्थित गांधी भवन के कबीर कक्ष में पत्रकार वार्ता आयोजित की थी। इसमें बताया गया कि एमबीबीएस डॉक्टर, आयुष चिकित्सकों, लैब टेक्निशियन, नर्सिग स्टाफ समेत अन्य कर्मचारियों की सेवाएं 02 मार्च को समाप्त करने के आदेश दिए गए हैं। इस संबंध में कोविड—19/2022/3910 पत्र के जरिए सूचित किया गया है। जबकि जिन्हें निकाला गया है वे संक्रमित होने के बावजूद खतरा मोल लेकर जनता की सेवा करते रहे। पहली, दूसरी और तीसरी लहरों में सरकार का बखूबी साथ दिया गया। कर्मचारियों की मांग है कि अब उन्हें बहाल किया जाए। संगठन ने इस आदेश केे खिलाफ लंबी जंग के साफ—साफ संकेत दे दिए हैं।

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डायरेक्टर ने नहीं दिया कोई रिस्पांस

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पत्रकार वार्ता में चिकित्सक समेत अन्य स्टाफ मौजूद था जो दो महीने के भीतर बेरोजगार होने वाले हैं। युवाओं के चेहरों पर भविष्य की समस्याओं की झलक नजर आ रही थी।

पत्रकार वार्ता के दौरान बताया गया कि इस संबंध में संगठन ने 55 से अधिक विधायकों से मिलकर अपनी मांग रखी है। इसके अलावा राज्यपाल और मुख्यमंत्री से मुलाकात का समय भी मांगा है। हमें अभी तक कोई समय नहीं दिया गया है। वहीं एनएचएम डायरेक्टर शैलेन्द्र कुमार साकल्ले (Dr Shailendra Kumar Sakalle) ने भी कोई सहयोग नहीं किया। संगठनों का दावा है कि अगले महीने तक सभी कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखा दिया जाएगा। इन आरोपों पर सरकार की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। जबकि डॉक्टर शैलेन्द्र कुमार साकल्ले से प्रतिक्रिया के प्रयास करने पर उन्होंने मोबाइल पर कोई रिस्पांस नहीं दिया।

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