Bhopal Health News: वक्त है सुधर जाइए, शहरों में यह हालात है संक्रमण गांव में सरक गया तो फिर क्या होगा
भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल (Bhopal Health News) में कोरोना संक्रमण के मामले थमते नजर नहीं आ रहे। सरकार के पास कोई ठोस रणनीति भी नहीं दिखाई दे रही। अफसरों को सुध ही नहीं आ रहा कि कैसे निपटा जाए। इन सबके बीच एक व्यक्ति के परिवार की परेशान करने वाली कहानी सामने आई है। परिवार को रेमडेसियर इंजेक्शन चाहिए था। वह चौबीस घंटे भटकता रहा। मंत्री से लेकर सारी पहुंच लगा ली। इंजेक्शन सरकार से उसे नहीं मिला। हालांकि एक निजी अस्पताल ने दो इंजेक्शन मुहैया करा दिए।
इसलिए था असहाय परिवार
मूलत: सिवनी निवासी गिरीश कुमार डहेरिया (Girish Kumar Daheriya) को संक्रमित होने पर भोपाल के त्रिलंगा स्थित न्यू ऐरा अस्पताल में भर्ती कराया गया था। अस्पताल ने रेमडेसियर इंजेक्शन लाने के लिए गुरुवार शाम को बोला। परिजन पूरे शहर भटक लिए। इंजेक्शन नहीं मिला। एक भाई माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता यूनिवर्सिटी में नौकरी करता है। यह भाई हाल ही में कुठियाला के मामले में आरोपों से क्लीन चिट पाया है। इसलिए सरकार के खिलाफ मुखर होकर बोल नहीं सकता था। उसने दूसरे पत्रकारों की मदद से पहुंच भी लगाई। मंत्री से लेकर तमाम अफसरों को फोन लगाए गए। इंजेक्शन का इंतजाम नहीं हो सका। परिजनों ने बताया कि उन्हें इंजेक्शन नोबल अस्पताल से चार हजार रुपए में मिला है। इससे पहले इंजेक्शन इंतजाम के लिए उन्होंने संदेश भी सोशल मीडिया में वायरल किए थे।
सुनिए शहर के तीन अस्पतालों की कलई खोली, नोटिस तो दूर अब तक फोन लगाकर भी नहीं पूछ सके यह अफसर
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