कांग्रेस अध्यक्ष कमल नाथ ने पूछा- इतनी जल्दबाजी क्यों ?
भोपाल। Shivraj Singh Chouhan wins confidence motion मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार (Shivraj Govt) के विश्वास मत (confidence motion) हासिल कर लिया है। मंगलवार को विधानसभा में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने विश्वास मत हासिल किया। सोमवार देर रात विधानसभा सचिवालय ने अधिसूचना जारी की थी। विश्वास मत के दौरान बसपा के दो, सपा के एक और दो निर्दलीय विधायकों ने सरकार का समर्थन किया। रात को अधिसूचना और सुबह विश्वास मत हासिल किए जाने पर कांग्रेस ने सवाल उठाए है। पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस अध्यक्ष कमल नाथ ने ट्वीट कर पूछा कि इतनी जल्दबाजी क्यों की गई। वहीं पूर्व मंत्री जीतू पटवारी, कांग्रेस विधायक कुणाल चौधरी ने भी ट्वीट कर सवाल उठाए। वहीं दूसरी तरफ आईएएस इकबाल सिंह बैस को प्रदेश के मुख्य सचिव के पद पर पदस्थ कर दिया गया है।
मध्यप्रदेश विधानसभा में आज मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की ओर से पेश किए गए विश्वास मत प्रस्ताव को सर्वसम्मति से स्वीकृति प्रदान की गयी। इसके साथ ही एक दिन पुरानी चौहान सरकार ने सदन में बहुमत साबित कर दिया। चौहान ने विशेष सत्र के पहले दिन सदन की कार्यवाही प्रारम्भ होने के बाद विश्वास मत पेश किया, जिसे आसंदी पर आसीन सभापति जगदीश देवड़ा ने पारित कराने के लिए मतदान की औपचारिकता करायी। सदन में मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस का एक भी सदस्य मौजूद नहीं था। इस दौरान हुए मतदान में विश्वास मत को ध्वनिमत के जरिए सर्वसम्मति से पारित कर दिया गया।
इसके पहले चौहान ने अपने संबोधन में कहा कि राज्यपाल ने सरकार को पंद्रह दिनों के अंदर सदन में बहुमत साबित करने के लिए कहा था, इसलिए वे विश्वास मत पेश कर रहे हैं। सभापति देवड़ा ने विश्वास मत प्रस्ताव पारित होने के बाद सदन की कार्यवाही 27 मार्च, शुक्रवार को सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।
कमल नाथ (Kamal Nath) ने ट्वीट कर पूछा कि- विश्वास मत हासिल करने के लिये समय था , आख़िर इतनी जल्दबाज़ी क्यों ? कोरोंना से बचाव के लिये यह दोहरे मापदंड क्यों ? जनता के लिये नियमो के पालन की सख़्ती व ख़ुद उल्लंघन पर उल्लंघन ? अभी तो एक दिन ही हुआ है , कहेंगे कुछ करेंगे कुछ….
साथ ही उन्होंने कहा कि- एक तरफ़ कोरोना वाइरस को लेकर सुरक्षा व सावधानी के लिये लिये गये तमाम निर्णय,प्रदेश में भी लॉक डाउन,कर्फ़्यू जैसे निर्णय,वही दूसरी तरफ़ शिवराज सरकार द्वारा ख़ुद के निर्णयों का उल्लंघन कर कर्फ़्यू में भी विधानसभा सभा का सत्र आज बुलाने का देर रात में लिया गया निर्णय समझ से परे,
वहीं जीतू पटवारी (Jitu Ptwari) ने ट्वीट किया- लोकतंत्र की हत्या जारी है: रात 12:07 बजे विधानसभा का सत्र बुलाने की अधिसूचना जारी कर सुबह 11 बजे फ़्लोर टेस्ट प्रस्तावित हो जाता है। जब मप्र में लॉकडाउन और कर्फ़्यू है तब इस अति अल्प सूचना पर विधायक सदन में पहुँचेंगे कैसे और विधायकों के बग़ैर फ़्लोर टेस्ट कैसा..? आपातकाल..?