एक्शन में आई शिवराज सरकार के अफसरों ने बताई मैदानी कार्रवाई की अपनी रिपोर्ट
भोपाल। मध्य प्रदेश में बढ़ते संक्रमण को देखते हुए शिवराज सिंह चौहान (MP CM Shivraj Singh Chouhan Action) की सरकार ने कई फैसले लिए है। इसमें दवा, ऑक्सीजन की उपलब्धता के अलावा बजट मंजूर किया है। प्रत्येक जिलों में कोविड केयर सेंटर बनाने के अलावा दो करोड़ रुपए का बजट आवंटित किया गया है। चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग और प्रशासनिक अफसरों ने इस बात की जानकारी पत्रकार वार्ता के जरिए दी।
एक क्षेत्र में फैल रहा है इसलिए खतरा
मंत्री विश्वास सारंग ने कहा कि 104 करोड़ रुपए मंजूर हुए है। प्रत्येक जिले को दो करोड़ रुपए दिए जाएंगे। जनता को सरकार यह भरोसा दिलाती है कि हम पूरी तरह से तैयार है। संक्रमित मरीजों का इलाज किया जाएगा। मोहम्मद सुलेमान ने सफाई देते हुए कहा कि 32707 एक्टिव केस है। वेस्टर्न इंडिया में ज्यादा असर आ रहा है। संक्रमण के नजर में मध्यप्रदेश आठवां राज्य है। पॉजिटिव रेट 10 से बढ़कर 12 फीसदी हो गई है। यह हमारे लिए चुनौती का विषय है। देश का आधा हिस्सा प्रकोप से अछूता है। इसलिए मध्यप्रदेश में सूचकांक बढ़ रहा है।
यह है प्रभावित पांच जिले
मोहम्मद सुलेमान ने बताया कि कोरोना से प्रभावित जिलों में यह पांच जिले टॉप पर है। इसमें इंदौर नंबर एक पर है। यहां 5893 एक्टिव केस है। जबकि दूसरे नंबर पर भोपाल है। यहां 4354 एक्टिव केस है। इसलिए सरकार मिनी कंटेनमेंट जोन बनाने का फैसला ले रही है। तीसरे नंबर पर जबलपुर है जहां 1979 एक्टिव केस है। चौथे नंबर पर ग्वालियर है यहां 1453 एक्टिव केस है। इसी तरह उज्जैन में 763 एक्टिव केस है। यह आंकड़े 10 अप्रैल की स्थिति के उन्होंने बताए हैं।
बिस्तरों की यह है संख्या
सुलेमान ने बताया कि सामान्य बिस्तर की संख्या 2504 है। इसके अलावा आॅक्सीजन युक्त सामान्य बिस्तर की संख्या 5948 है। एचडीयू/आईसीयू बिस्तरों की संख्या 2755 है। होम आईसोलेशन 21500 है। इनमें भर्ती मरीजों की संख्या 34 फीसदी है। उन्होंने चिंता जताई है कि आक्सीजन को घरों में स्टोर किया जा रहा है। हमारे पास पर्याप्त मात्रा में आॅक्सीजन है। हमें घबराने की जरुरत नहीं है। मप्र में 54 लाख लोगों को टीका लगाया जा चुका है। भोपाल में 40 फीसदी टीकाकरण हो चुका है। प्रभावित जिलों में वैक्सीन ज्यादा लगाई जा रही है। चार दिनों के अभियान में यह संख्या बढ़ाने जा रहे हैं। सरकार ने 6 जिलों में किल कोरोना अभियान चलाया है। यह जिले बड़वानी बैतूल, बडवानी, छिंदवाड़ा, खरगोन, अलीराजपुर, और झाबुआ है। नीरज मंडलोई कोविड केयर सेंटर का काम देखेंगे। सरकार ने टेस्ट की कीमतों का भी निर्धारण कर दिया है।
अफसरों को अलग—अलग जिम्मेदारी
दोनों वैक्सीन डोज लगने के बाद पॉजिटिव वाली बात सामने आई है। मौत होने की भी जानकारी भी सामने आई है। ऐसे में सरकार ने फैसला लिया है कि ऐसे मरीजों को विशेष निगरानी में रखकर वास्तविक कारणों का पता लगाया जाएगा। ऑक्सीजन के सवाल पर उन्होंने बताया कि 180 मीट्रिक टन आइनॉक्स देता है। यह गुजरात, उत्तर प्रदेश और राजस्थान से मिलता है। अतिरिक्त ऑक्सीजन के लिए भिलाई से सप्लाई ली जा रही है। पी नरहरि ऑक्सीजन और दवा की निगरानी का काम देख रहे हैं। प्रदीप हजेला निजी अस्पतालों की फीस का निर्धारण का काम देख रहे हैं। आठ जिलों में पीएसए संयंत्र की स्थापना की जा रही है।
रिजर्व होगी कोरोना की दवा
सुलेमान ने कहा कि हमने रेमडेसियर दवा का उत्पादन सरकार ने नहीं किया है। हमने इस दवा को इस्तेमाल में नहीं लिया था। इसी महीने की 7 अप्रैल को एम्स ने रिवाइस ट्रीटमेंट प्लान जारी किया है। इस प्रोटोकॉल के तहत हमने इस दवा को खरीदने का टेंडर जारी किया है। सरकार ने 50 हजार डोज खरीदने का फैसला लिया गया है। यह कवायद सीएसआर के जरिए किया जा रहा है। यह दवा उन्हीं लोगों को दवा दी जाएगी जो उसके पात्र हैं। निजी अस्पतालों को भी यह दवा कंपनी के जरिए आरक्षित की जा रही है। डॉक्टर राजेश राजौरा ने बताया कि 11 जिलों में नौ दिनों से अधिक लॉक डाउन लगाने का निर्णय लिया गया है।
छापे मारने की तैयारी
इसके अलावा छह अन्य जिलों में भी लॉक डाउन के आदेश जारी कर दिए गए हैं। इस तरह के 11 जिलों में लॉक डाउन में इजाफा किया गया है। जबलपुर में 12 से 22 अप्रैल की सुबह तक लॉक डाउन रहेगा। जिला आपदा प्रबंधन समिति फैसला लेने के लिए अधिकृत कर दिया गया है। छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र से आने वालों को प्रवेश नहीं दिया जाएगा। मंत्री ने कहा कि सीएसआर के माध्यम से रेमडेसियर के डोज मिल चुकी है। दवा को ब्लैक करने के सवाल पर कहा कि कालाबाजारी को सरकार बर्दाशत नहीं करेगी। सरकार ने इस बात से निपटने के लिए टीम छापे मारकर कार्रवाई करेगी।