MP Society Scam : नगर निवेश, नगर निगम और राजस्व विभाग के आधा दर्जन अफसरों ने तीन सोसायटी के पदाधिकारियों के साथ मिलकर किया षडयंत्र
भोपाल। कांग्रेस नेता पर फर्जीवाड़ा (Congress Leader Society Scam) करने का आरोप लगा है। यह फर्जीवाड़ा (MP Society Scam) थ्री स्टार होटल बनाने के लिए जमीन मुहैया कराने के लिए किया गया था। घटना मध्य प्रदेश (MP Crime News) के उज्जैन (Ujjain Crime News) शहर की है। इस फर्जीवाड़े (Ujjain Society Scam) को लेकर इंदौर हाईकोर्ट बैंच (Indore Highcourt Bench Order) में याचिका लगी थी। जिसकी सुनवाई के बाद आर्थिक प्रकोष्ठ विंग (MP Economic Offense Wing) के महानिदेशक को अदालत ने एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए थे। जांच के बाद ईओडब्ल्यू (MP EOW) ने इस मामले में एक दर्जन व्यक्तियों के खिलाफ मुकदमा (Ujjain Grih Nirman Samiti Ghotala) दर्ज किया है। इसमें तीन विभाग नगर निवेश, नगर निगम और राजस्व विभाग के अलावा तीन गृह निर्माण समितियों के पदाधिकारी आरोपी हैं।
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सात साल बाद एफआईआर
ईओडब्ल्यू (Bhopal EOW) के अनुसार यह घटना मार्च, 2004 में अंजाम दी गई। जिसकी जानकारी मिलने के बाद अधिवक्ता विजय आसुदानी (Vijay Asudani) ने हाईकोर्ट बैंच में याचिका लगाई थी। याचिका में बताया गया था कि रिंग रोड स्थित शांति पैलेस होटल (Shanti Palace Hotel Scam) मालिक ने जमीन फर्जी तरीके से खरीदी है। इस होटल के मालिक सुदामा नगर निवासी चंद्रशेखर श्रीवास (Chandrashekhar Srivas) और उसकी पत्नी सीमा श्रीवास (Seema Srivas) हैं। हाईकोर्ट ने जून, 2019 में मुकदमा दर्ज करने के आदेश जारी किए थे। घटना 2013 से पहले की है। आरोपियों का होटल पहले से था। जिसके विस्तार के लिए जमीन खरीदी गई थी।
ऐसे बेचे थे प्लॉट
होटल के लिए जमीन आदर्श विक्रम गृह निर्माणस सोसायटी (Adarsh Vikram Grih Nirman Sanstha), नमन गृह निर्माण संस्था और अंजली गृह निर्माण सहकारी समिति (Anjali Grih Nirman Samiti) से खरीदी गई थी। योगेश शर्मा आदर्श गृह निर्माण के तत्कालीन अध्यक्ष थे। कांग्रेस नेता योगेश शर्मा (Congress Leader Yogesh Sharma) ने सोसायटी के प्लॉट बेचे थे। इसी तरह नमन गृह निर्माण संस्था के मनोज बंसल (Manoj Bansal) और अंजली गृह निर्माण समिति के तत्कालीन अध्यक्ष नंद किशोर शर्मा (Nandkishore Sharma) ने प्लॉट होटल मालिक को बेचे थे। तीन समितियों के अध्यक्षों ने सोसायटी को कागजों में विकसित (Ujjain Society Scam) बताया था। जिसकी विकास राशि करीब सवा 13 लाख रुपए भी ली थी।
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यह है आरोपी
ईओडब्ल्यू ने जांच के बाद इस मामले में सुदामा नगर निवासी चंद्रशेखर श्रीवास, उसकी पत्नी सीमा श्रीवास, फव्वारा चौक निवासी योगेश शर्मा, ऋषि नगर निवासी मनोज बंसल, विवेकानंद नगर निवासी नंद किशोर शर्मा, नगर तथा ग्राम निवेश के तत्कालीन संयुक्त संचालक राजीव कुमार पांडे (Rajiv Kumar Pande), तत्कालीन पटवारी बसंत विहार निवासी आदर्श जमगड़े (Adarash Jamgade), तत्कालीन एसडीओ सारनाथ कॉलोनी निवासी आरएस मीणा (RS Meena), खंडवा निवासी तत्कालीन कार्यपालन यंत्री गिरीराज कुमार जायसवाल (Giriraj Kumar Jaisawal), रामी नगर निवासी सब इंजीनियर श्याम सुंदर शर्मा (Shayam Sunder Sharma), न्यू लक्ष्मी नगर निवासी तत्कालीन लिपिक भूपेन्द्र वेगड़ (Bhupendra Wegad) और तत्कालीन अधीक्षक यंत्री नगर निवेश रामबाबू शर्मा (Rambabu Sharma) को आरोपी बनाया है।
ऐसे किया गया फर्जीवाड़ा
ईओडब्ल्यू ने जांच में पाया कि सरकारी अफसरों ने भू राजस्व और नगर निगम के सारे नियमों को ताक पर रखकर यह सौदा कराया। जिन सोसायटी से यह जमीन खरीदी गई उसमें प्रशांत जैन (Prashant Jain), नरसिंह, नवीन, प्रकाश समेत कई अन्य के प्लॉट थे। इन प्लॉट को पहले आवासीय कॉलोनी बताई गई। फिर मनमुताबिक डायवर्सन करके उसको कृषि भूमि बनाया गया। इसके बाद इस भूमि को लाखों रुपए में शांति पैलेस होटल के मालिक को बेचा गया।
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