नवजातों की मौत के बाद अब राजनीति का अड्डा बना अस्पताल
शहडोल। (Shahdol) करीब 2 दर्जन नवजातों की मौत जैसी गंभीर लापरवाही की वजह से सुर्खियों में आया जिला अस्पताल (Shahdol District Hospital) फिर चर्चा में आ गया है। शहडोल जिला अस्पताल अब राजनीति का अड्डा बन गया है। यहां पदस्थ लगभग सभी डॉक्टर्स ने सामूहिक इस्तीफा दे दिया है। जिसके कारण मरीजों के लिए अफरा-तफरी की स्थिति बन गई है। डॉक्टर डीके सिंह ने बताया कि अस्पताल के 21 विशेषज्ञ और गैर-विशेषज्ञ डॉक्टरों ने इस्तीफा दिया है। अस्पताल में पदस्थ सभी डॉक्टर्स सिविल सर्जन की नियुक्ति से नाराज है।
डेंटिस्ट को बना दिया सिविल सर्जन
डॉक्टरों की नाराजगी की वजह भी सामने आ गई है। सीएमएचओ के नाम लिखे गए सामूहिक इस्तीफे में स्पष्ट किया गया है कि डॉक्टर्स सिविल सर्जन के पद पर एक डेंटिस्ट की नियुक्ति से नाराज है। बता दें कि डॉ जीएस परिहार, बीडीएस को जिला अस्पताल शहडोल का सिविल सर्जन बनाया गया है।
नहीं मिले सीएमएचओ
नियुक्ति से नाराज डॉक्टर्स मंगलवार को सीएमएचओ के दफ्तर पहुंचे थे। उन्होंने दोपहर 1 बजे तक सीएमएचओ डॉ. एमएस सागर का इंतजार किया। लेकिन जब वें नहीं पहुंचे तो डॉक्टर्स ने आवक-जावक शाखा के प्रभारी को इस्तीफा दिया और अस्पताल से घर रवाना हो गए। वर्किंग डे में अस्पताल के सभी डॉक्टर्स के अचानक गायब होने से मरीजों में अफरा-तफरी मच गई।
वहीं सिविल सर्जन पर नियुक्त हुए जीएस परिहार हटने को तैयार नहीं है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक उन्होंने साफ तौर पर कह दिया है कि उनकी नियुक्ति शासन स्तर पर हुई है। लिहाजा वें किसी दवाब में इस्तीफा नहीं देंगे। हाल ही में शहडोल जिला अस्पताल कई नौनिहालों की मौत हुई थी। मामले में डॉक्टरों पर लापरवाही के आरोप लगे है। ऐसे में डॉक्टरों के सामूहिक इस्तीफे की वजह से हालात बिगड़ सकते हैं।
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