Cyber Crime Seminar: सायबर क्राइम से निपटने 10 दिन 44 घंटे का लैक्चर

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Cyber Crime Seminar:पुलिस विभाग के छह हजार से अधिक प्रतिभागियों ने हासिल की जानकारी, डीजीपी का दावा यह अभ्यास मैदानी अमले का मनोबल बढ़ाएगा

Cyber Crime Seminar
मध्यप्रदेश पुलिस मुख्यालय भवन- फ़ाइल फोटो

भोपाल। मैं एक ऐसे भविष्‍य की कल्‍पना कर रहा हूँ जहां हम अपराधियों से आगे की सोच रहे होंगे। इंटरनेट की भौगोलिक सीमाएं नहीं होती हैं। इसलिए सायबर अपराध (Cyber Crime Seminar) भी वैश्विक समस्या हैं। इसको तब नियंत्रित किया जा सकता है जब देश और दुनिया एक मंच पर आकर साझा प्रयास करे। यह विचार पुलिस महानिदेशक सुधीर सक्सेना ने व्यक्त किए। वे दस दिवसीय कार्यशाला के चैथे संस्करण को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि सीआईआईएस इस दिशा में मील का पत्‍थर साबित होगी। पुलिस बल के हर स्‍तर पर क्षमता निर्माण और उपलब्‍ध प्रौद्योगिकियों तथा नवीनतम तकनीकों का उपयोग करने की योग्‍यता ही सायबर अपराधों से सुरक्षित जीवन सुनिश्चित करेगी।

इन विषयों की दी गई जानकारी

पुलिस मुख्यालय की तरफ से सेमीनार का आयोजन नरोन्हा प्रशासन अकादमी में किया गया। आयोजन की नोडल एजेंसी एमपी की सायबर पुलिस थी। दस दिवसीय सायबर क्राइम इंवेस्टिगेशन एण्ड इंटेलीजेंस समिट के समापन अवसर पर बोलते हुए डीजीपी सुधीर सक्‍सेना (DGP Sudhir Saxena)ने कहा कि टेक्‍नोलॉजी सुलभ होने से हमारी सोच से अधिक सायबर अपराध हो रहे हैं। वर्ष 2020 में इस तरह के 50 हजार से अधिक प्रकरण दर्ज किए गए। सीआईआईएस (CIIS) जैसे आयोजन इन सायबर अपराधों की रोकथाम में महत्‍वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। पूरे देश के कानून प्रवर्तन अधिकारियों को एक साझा प्‍लेटफार्म उपलब्‍ध कराने का असाधारण और कठिन कार्य था सीआईआईएस जिसे मध्‍यप्रदेश सायबर पुलिस टीम ने कुशलता से पूरा किया। डीजीपी ने कहा कि पिछले दस दिनों में समिट के दौरान कई तकनीकी आयामों के विषय में हमारे बलों का ज्ञानवर्धन हुआ है। इसमें डिजिटल फोरेंसिक, सायबर अपराध्‍ा से संबंधित कानून, क्रिप्‍टोकरेंसी, डेटा प्रायवेसी, सायबर फ्राड, धमकी सहित कई विषय शामिल हैं।

सिपाही और हवलदारों के लिए टैलेंट हंट चलाने का प्रस्ताव

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डीजीपी सुधीर सक्सेना फाईल फोटो।

अंतर्राष्‍ट्रीय सायबर विशेषज्ञों के कीनोट्स ने प्रतिभागियों को वैश्विक स्‍तर पर संभावनाओं की जानकारी दी। उन प्रकरणों पर भी विचार.विमर्श हुआ जिन्‍हें अंतर्राष्‍ट्रीय सहयोग से सुलझाने में सहायता मिली। डीजीपी सक्‍सेना ने समिट के सफल आयोजन की सराहना करते हुए कहा कि इसमें 6819 प्रतिभागियों (Cyber Crime Seminar) ने सहभागिता की। दस दिनों में 44 घंटों से अधिक के व्‍याख्‍यान हुए तथा चार अंतर्राष्‍ट्रीय सायबर विशेषज्ञों सहित 57 विशेषज्ञों ने व्‍याख्‍यान दिए। उन्‍होंने कहा कि हम इस समिट का समापन एक बेहतर सुप्रिशिक्षित बल, नई अनुभूत तकनीकों और अनंत संभावनाओं के साथ कर रहे हैं जो देश की कानून प्रर्वतन एजेंसियां प्राप्‍त कर सकती हैं। चुनौती बड़ी है पर मनोबल ऊंचा रखें। सायबर विशेषज्ञों से सतत् जीवंत संपर्क रखें ताकि तकनीकों से अपडेट रहें। सायबर सेल तथा जिला सायबर सेल पूर्ण सक्रिय रहे। टेलेंट हंट के जरिए आरक्षक और प्रधान आरक्षकों को सायबर सेल के लिए चयनित किया जाए। स्‍पेशल कोर्स तथा गहन प्रशिक्षण प्रदान करें। सायबर मनी फ्रॉड को जैसे दुर्घटना में गोल्‍डन ऑवर होते हैं इतनी गंभीरता से लें ताकि पीडि़त व्‍यक्ति का पैसा सुरक्षित किया जा सके।

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