रायसेन के गैरतगंज में नाबालिग आदिवासी ज्यादती (Minor Rape In MP) का हुई शिकार, चार आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज, मुख्य आरोपी के राज से वाकिफ उसके साथी करते थे ब्लैकमेल, परिजनों का आरोप सात संदेहियों के खिलाफ की थी शिकायत, ज्यादती में शामिल चार आरोपियों को पुलिस ने दबोचा
रायसेन। मध्यप्रदेश ज्यादती के (Minor Rape In MP) मामले में फिर शर्मसार हो गया। ताजा मामला रायसेन जिले के गैरतगंज तहसील का है। इस मामले में खुलासा तब हुआ जब नाबालिग को प्रसव पीड़ा हुई। उसने एक बच्ची को अस्पताल में जन्म दिया है। अस्पताल की सूचना मिलने पर पुलिस ने एफआईआर दर्ज करके चार आरोपियों को हिरासत में ले लिया है।
गर्भवती सुनकर होश उड़े
रायसेन जिले के अस्पताल में 16 साल की नाबालिग पेट दर्द की शिकायत लेकर पहुंची। परिवार ने बताया कि पेट फूला देखकर आदिवासी पारंपारिक रीति रिवाज से उसका इलाज करते रहे। अस्पताल में चिकित्सकों ने 10 मई को उसे भर्ती किया। टेस्ट रिपोर्ट में पता चला कि वह गर्भवती है। उसने खुलासा किया कि उसके साथ गांव के ही एक व्यक्ति ने (Minor Rape In MP) ज्यादती की थी। अस्पताल ने देरी नहीं कि और गैरतगंज थाने के प्रभारी को घटना की सूचना दे दी। पुलिस ने भी देरी नहीं कि और आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया।
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सच्चा कौन, परिवार या पुलिस
इस घटना के सामने आने के बाद अब प्रश्र भी खड़े होने लगे हैं। सवाल यह पैदा हो रहा है कि सच्चा कौन हैं। दरअसल, नाबालिग के माता-पिता का आरोप है कि बेटी ने ज्यादती की जानकारी दी थी। जिसकी शिकायत करने वे थाने भी गए थे। लेकिन, पुलिस ने कोई एक्शन नहीं लिया। परिवार का आरोप है कि उसने सात संदेहियों के नाम पुलिस को बताए भी थे। हालांकि थाना प्रभारी डीडी आजाद इन आरोपों को खारिज करते हुए दावा कर रहे हैं कि उन्हें जैसे ही सूचना मिली मामला दर्ज कर लिया गया। उन्होंने बताया कि इस मामले में मुख्य आरोपी संदीप यादव है। उसने ही नाबालिग से ज्यादती (Minor Rape In MP) की थी। बाकी उसके तीन साथी बबलू, कोमल और सलमान ने उसका सहयोग किया था। सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया।
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परिवार क्या बोल रहे मुझे मतलब नहीं
इस मामले का खुलासा (Minor Rape In MP) होने के बाद एसपी मोनिका शुक्ला भी थाना स्टाफ के बचाव में उतर आई है। उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा कि नाबालिग के मजिस्ट्रीयल बयान दर्ज कर लिए गए हैं। उसने ही चार नामों का खुलासा किया था। जिन्हें पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी सात है यह परिवार को मालूम है यह मायने नहीं रखता। पीडि़ता के बयान वास्तविक माने जाते हैं।