Bhopal Corona Curfew: देरी से लिया गया फैसला, बताने में भी हुई देरी की वजह से शहर में फैली अफरा—तफरी
भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल (Bhopal Corona Curfew) में सोमवार रात 09 बजे से 19 अप्रैल की सुबह 06 बजे तक के लिए कोरोना कर्फ्यू लगा दिया गया है। यह फैसला कलेक्टर अविनाश लवानिया ने क्राइसिस मैनेजमेंट की बैठक में लिया है। आदेश देर शाम जारी हुए जिसके बाद शहर में अफरा—तफरी मच गई। लोगों जरुरी सामान लेने के लिए घरों से निकल पड़े। वहीं कई सामान दुकानों से गायब भी होने लगे।
यह लिखा है आदेश में
कलेक्टर ने आदेश में लिखा है कि सामाजिक, राजनीतिक, धार्मिक संगठनों ने प्रतिबंधात्मक कदम उठाने की मांग रखी थी। जिसको देखते हुए यह आदेश जारी किया जा रहा है। आदेश भोपाल नगर निगम के अलावा बैरसिया नगर पालिका में भी प्रभावी होगा। इस दौरान सभी तरह के व्यवसायिक गतिविधियां बंद रहेगी। अस्पताल, नर्सिग होम, मेडिकल इंश्योरेंस कंपनी, स्वस्थ्य—चिकित्सा सेवा को पूरी छूट रहेगी। इसके अलावा अन्य राज्य और जिलों से आने वाला माल सेवा का आवागमन जारी रहेगा। वह किराना दुकानें जो होम डिलीवरी करती है उन्हें खोलने की छूट रहेगी। पेट्रोल पंप, बैंक, एटीएम, दूध, सब्जी के ठेलों को अनुमति रहेगी। साप्ताहिक हाट नहीं लगेंगे।
इन्हें भी रहेगी छूट
कलेक्टर ने अपने आदेश में कहा है कि इंडस्ट्रीयल एरिया के मजदूर, कच्चा माल, इंडस्ट्री के कारोबारियों और उनके कर्मचारियों को भी अनुमति होगी। एम्बुलेंस, फायर, टेलीकॉम, बिजली सप्लाई, रसोई गैस, सामान डिलीवरी और कलेक्शन करने वाले कारोबारियों को रियायत दी गई है। सरकारी राशन दुकान खुली रहेगी। केंद्र और राज्य सरकार के कर्मचारी ड्यूटी आ—जा सकेंगे। इलेक्ट्रिशियन, प्लम्बर, कारपेंटर भी काम में आना—जाना कर सकेंगे। कंस्ट्रक्शन का काम नहीं रुकेगा। कृषि से संबंधित सभी तरह के कारोबार को अनुमति रहेगी। परीक्षा कार्यक्रम में आने—जाने वाले और उससे जुड़े अधिकारियों को अनुमति दी गई है।
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होटल के लिए यह है आदेश
टीकाकरण के लिए आने—जाने वाले लोगों को अनुमति रहेगी। बस, रेल, एयरपोर्ट आने—जाने वाले यात्रियों को नहीं रोका जाएगा। आईटी कंपनी के बीपीओ, मोबाइल कंपनी के सपोर्ट यूनिट के अलावा अखबार वितरण एवं अधिमान्यता प्राप्त पत्रकार आना—जाना कर सकेंगे। होटल में केवल इन रुम डायनिंग व्यवस्था के साथ कार्य करने की अनुमति होगी। इसके अलावा कोई अन्य बिना वजह घुमता मिलता है तो पुलिस एफआईआर दर्ज करेगी।
अधिमान्य पत्रकार को आने जाने की अनुमति गैर अधिमान्य पत्रकार क्या करेगा बेचारा काम नहीं करेगा तो संस्था बोलेगी भजन करो बैठ कर घर पर और भत्ता कटेगा तो क्या सरकार भुगतान करेगी
बेहद तार्किक प्रश्न उठाया, सरकार तो डिजीटल पॉलिसी आज तक नहीं बना सकी।