महिला एवं बाल विकास विभाग में हुए करोड़ों रुपए के घोटाले में मंत्रालय का एक्शन, खातों की जानकारी जुटाकर होगी एफआईआर
भोपाल। मध्यप्रदेश में सरकार ने अफसरशाही (Corrupt Officer) के खिलाफ नकेल कसना शुरू कर दिया है। ताजा मामला महिला एंव बाल विकास विभाग (Women and Child Development Department) का है। इसमें एक डीपीओ को निलंबित कर दिया गया है। आरोप है कि विभाग की तरफ से आंगनबाड़ी में तैनात महिला सहायिकाओं का मानदेय पुरूषों को भुगतान किया गया। घोटाला (Madhya Pradesh Scam) लाखों रुपए का है जिसकी जांच रिपोर्ट बनाकर पुलिस को सौंपने की तैयारी की जा रही है।
जानकारी के अनुसार जांच के दायरे में आई जिला कार्यक्रम अधिकारी उपासना राय के खिलाफ विभागीय जांच (Departmental Inquiry) शुरू हुई थी। भोपाल में मई, 2017 से जुलाई, 2018 में तैनाती के दौरान यह गड़बड़ी की थी। जांच में पाया गया कि उपासना राय ने एक बिल लगाकर दो बिल का पैसा ले लिया। यह बिल करीब पौने पांच लाख रुपए के लिए था। पूरे दस्तावेज खंगाले गए तो पता चला कि जिस बिल से पौने पांच लाख रुपए का भुगतान करना बताया जा रहा है उसमें तो करीब 14 लाख रुपए मंजूर किए गए थे। इसका कोई रिकॉर्ड नहीं मिला। इस बिल पर आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का भुगतान करना दर्शाया गया। आंगनबाड़ी में महिलाएं तैनात है। लेकिन, जिन खातों में भुगतान करना पाया गया वह पुरूषों के निकले। ऐसे खातों की संख्या 11 है।
जांच में यह भी पता चला कि जिन्हें भुगतान किया गया वह राशि केवल पांच लाख रुपए हैं। भुगतान के लिए ई—भुगतान की सुविधा शुरू की गई थी। लेकिन, ई—भुगतान की बजाय एक—एक महीने बाद भी मैन्यूअली भुगतान किया गया। रिपोर्ट मिलने के बाद महिला एवं बाल विकास विभाग के उप सचिव पीके ठाकुर ने उपासना राय को निलंबित कर दिया। सूत्रों ने बताया कि इस पूरे मामले की जांच पुलिस को सौंपने की तैयारी की जा रही है। ताकि इस घोटाले से जुड़े अन्य चेहरे भी बेनकाब हो सके।