Employee Selection Board News: पटवारी मैरिट सूची पर मलय श्रीवास्तव बयान देकर बुरे फंसे

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Employee Selection Board News: कर्मचारी चयन मंडल में नॉर्मलाइजेशन के नाम पर चल रहा फर्जीवाड़ा, गेट के बाहर सैंकड़ों उम्मीदवारों ने लाइन में लगकर भर्ती में धांधली करने का आरोप लगाकर ज्ञापन सौंपा, कांग्रेस—भाजपा में वार फिर पलटवार, चार दिन बाद कोचिंग संचालक करेंगे प्रदर्शन

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कर्मचारी चयन मंडल के गेट के बाहर गुरुवार दोपहर नारेबाजी करते वे उम्मीदवार जिन्होंने पटवारी भर्ती परीक्षा दी थी। यह सभी नार्मलाइजेशन प्रणाली से असहमत है।

भोपाल। कर्मचारी चयन मंडल —पुराना नाम व्यापमं— एक बार फिर विवादों में हैं। ताजा विवाद पटवारी भर्ती परीक्षा के बाद जारी हुई मैरिट लिस्ट का है। जिसको लेकर हुई मीडिया रिपोर्ट में मंडल के चेयरमेन मलय श्रीवास्तव (Malay Shrivastav) ने बयान दिया था कि उनके पास शिकायत नहीं आई है। जिसके बाद गुरुवार दोपहर सैंकड़ों अभ्यर्थी मंडल (Employee Selection Board News) के गेट के बाहर पहुंच गए। सभी उम्मीदवारों ने मिलकर सामूहिक आवेदन दिया। इससे पहले युवाओं ने जमकर वहां नारेबाजी भी की। इधर, इस मुद्दे पर गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने बयान दिया। जिस पर यूथ कांग्रेस ने पलटवार किया।

इन कारणों से खड़े हो रहे हैं परीक्षाओं पर सवाल

परीक्षा व्यवस्था से नाराज अभ्यर्थियों ने बताया कि पूरे प्रदेश में नार्मलाइजेशन के नाम पर फर्जीवाड़ा किया जा रहा है। एक उम्मीदवार ने बताया कि वह दो बार दशमलव अंक के कारण उसको मैरिट लिस्ट में नहीं लिया गया। उसी छात्र ने बताया कि पटवारी भर्ती परीक्षा  में लगभग 40 दिन दो पाली में परीक्षा हुई। किसी दिन टफ तो किसी दिन नार्मल परीक्षा हुई। इस दौरान कुछ गलत सवाल कर्मचारी चयन मंडल (Staff Selection Board) ने पूछे। उसे हटाने और टफ—नार्मल प्रश्न पत्र के आधार पर नंबर तय किए जाते है। उस प्रक्रिया को नार्मलाइजेशन कहा जाता है। इसी प्रक्रिया में अपनों को चयन करने के नाम पर फर्जीवाड़ा चल रहा है। इस व्यवस्था को चुनौती भी नहीं दी जा सकती है। उम्मीदवार ने बताया कि शक इसलिए हो रहा है कि उसका दो बार पुलिस कांस्टेबल और पटवारी भर्ती परीक्षा में दशमलव पच्चीस अंक से चयन नहीं किया गया। छात्र ने बताया कि यदि उसी पाली में दूसरे छात्र का नंबर मेरे से कम आता है तो नार्मलाइजेशन में भी उसके अंक उतने ही होने चाहिए। लेकिन, ऐसा किसी भी परीक्षा में नहीं हो रहा है। उम्मीदवारों की मांग है कि इस मामले की सीबीआई से जांच कराई जाए। ऐसा करने तक चयनित पटवारी के दस्तावेजों के कार्य को स्थगित किया जाए। दरअसल, चयनित पटवारी को 17 जुलाई को दस्तावेजों का सत्यापन कराना है। जिसके बाद उन्हें सरकारी नौकरी में सर्टिफिकेट जारी किया जाएगा।

भाजपा नेताओं के कॉलेजों में परीक्षा देने वालों का ही हो रहा चयन

इधर, यूथ कांग्रेस ने इस मुद्दे पर पत्रकारों से चर्चा की। जिसमें विवेक त्रिपाठी (Vivek Tripathi) और गौरव त्रिपाठी ने बताया कि 17 जुलाई को पूरे प्रदेश के कोचिंग संचालक भोपाल में जमा होंगे। वह कर्मचारी चयन मंडल की मनमानी के खिलाफ प्रदर्शन करेंगे। गौरव त्रिपाठी (Gaurav Tripathi) जो अशोक नगर के रहने वाले हैं और कोचिंग संचालक है। उन्होंने बताया कि पटवारी भर्ती परीक्षा परिणाम जारी होने के एक सप्ताह बाद मैरिट लिस्ट जारी की गई। जिससे सरकार की मंशा पर सवाल खड़े होते हैं। उन्होंने ग्वालियर (Gwalior) के एनआरआई कॉलेज (NRI College) के ही सात उम्मीदवारों के चयन होने को धांधली बताया। उन्होंने आरोप लगाया कि सभी पात्र उम्मीदवारों के हस्ताक्षा की बजाय सिर्फ नाम लिखे हुए हैं। तीन महीने पूर्व की तस्वीर पकड़ने वाला साफ्टवेयर किसी तरह की गड़बड़ी नहीं पकड़ पाया। इसके अलावा फर्जी विकलांग सर्टिफिकेट लगाकर पटवारी में चयन कराया गया। गौरव त्रिपाठी ने बताया कि उनके पास ऐसे उम्मीदवारों की भी जानकारी है जिनकी उम्र 19 साल है। लेकिन, उन्होंने पांच साल सरकारी सेवा में रहने का अनुभव प्रमाण पत्र लगाया है।  त्रिपाठी ने दावा किया कि प्रदेश में लगभग 50 लाख युवा सरकारी सेवा में जाने के लिए कई साल से तैयारी कर रहे हैं। जिनके साथ भाजपा की सरकार कुठाराघात कर रही है।

गृहमंत्री के बयानों पर प्रतिक्रिया देते वक्त जुबान फिसली

इस मामले को लेकर गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा (Narottam Mishra) ने कहा कि भर्ती परीक्षा प्रणाली बहुत सटीक है। यह आईआईएम (IIM) जैसे इंस्टीट्यूट की तरफ से तैयार किया गया है। गृहमंत्री ने कहा कि इस बात को लेकर गौरव त्रिपाठी जबरन मामले को तूल दे रहे हैं। उन्होंने कहा त्रिपाठी कांग्रेस के पूर्व प्रवक्ता रहे हैं। वे युवाओं के कंधे पर बंदूक रखकर राजनीति कर रहे हैं। दरअसल, भाजपा ने तय किया है कि वह इस साल युवाओं को जॉब देकर रहेगी। इस बात पर पलटवार करते हुए गौरव त्रिपाठी की जुबान फिसल गई। उन्होंने कहा कि जब मेरा सरकारी नौकरी में चयन नहीं हुआ तो उन्हें कांग्रेस में आना पड़ा। हालांकि वह यह कहना चाह रहे थे कि सरकार की इस कमजोरी को लेकर वे कांग्रेस में आकर उसका खुलासा करेंगे। इधर, माकपा ने भी कहा है कि ताजा पटवारी भर्ती परीक्षा घोटाला व्यापमं घोटाले का विकास है। वहीं सूत्रों के अनुसार आम आदमी पार्टी (Aam Admi Party) ने भी इस विषय पर आंदोलन की चेतावनी दी है।

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