MP Vyapam Scam: डेयरी फेडरेशन में अवैध तरीके से हुई थी दो दर्जन नियुक्तियां, विपणन के अफसर को हटाने के बाद फेडरेशन ने ठंडे बस्ते में डाल दी थी फाइल, कर्मचारी नेता ने दिल्ली सीबीआई, मुख्यमंत्री समेत कई अन्य अफसरों से की थी शिकायत
भोपाल। मध्यप्रदेश में इस साल विधानसभा चुनाव (MP Assembly Election) होना है। उससे पहले व्यापमं (MP Vyapam Scam) का जिन्न फिर बाहर निकल आया है। ऐसा नहीं है कि यह प्रकरण पूर्व में प्रकाश नहीं आया हो। प्रकरण को लेकर 2018 से शिकायतें की जा रही थी। अब इस घटनाक्रम में नया मोड़ आ गया है। इस संबंध में भोपाल (Bhopal News) शहर के एमपी नगर थाने में जालसाजी (MP Government Job Scam) का प्रकरण दर्ज कर लिया गया है। शिकायत फेडरनेशन के कर्मचारी नेता ने सीबीआई से लेकर हर बड़े मंत्री और अफसरों से की थी। प्रकरण की परतें खुली तो व्यापमं का जिन्न इस साल होने वाले चुनाव में असर डाल सकता है। मतलब साफ है कि मौजूदा सरकार के लिए यह अच्छा संकेत नहीं है।
इनके खिलाफ दर्ज किया गया मुकदमा
एमपी नगर थाना पुलिस के अनुसार प्रकरण 13 अप्रैल को दर्ज किया गया है। जिसमें 163/23 धारा 420/120—बी (जालसाजी और साजिश) की धारा लगाई गई है। करीब पांच साल पूर्व हुई इस शिकायत में सिर्फ आवेदन के आधार पर प्रकरण दर्ज किया गया। इसके अलावा एक भी नई लाइन पुलिस एफआईआर में नहीं लिख सकी है। इससे साफ है कि पुलिस पर कितना भारी राजनीतिक दबाव इस मामले को लेकर था। शिकायत जबलपुर में एमपी स्टेट को—आपरेटिव डेयरी फेडरेशन के कर्मचारी नेता विजय कुमार पांडे (Vijay Kumar Pandey) ने की थी। पुलिस ने इस मामले में फिलहाल आरपीएस तिवारी (RPS Tiwari), शारदा जोहरी और जयश्री रमेशन (Jaishree Rameshan) को आरोपी बनाया है। आरोपियों में शामिल गोविंदपुरा निवासी आरएस तिवारी फेडरेशन में डेयरी मैनेजर थे। वहीं उनके अधीन जयश्री रमेशन जो कि अवधपुरी में रहती है वह ग्रेड—3 पद पर भर्ती हुई थी। इसके अलावा अयोध्या नगर निवासी कर्मचारी श्रीधरन (Shridharan) की भूमिका भी संदिग्ध पाई गई है।
एफआईआर पर चार साल बाद लिया गया फैसला
पुलिस ने बताया कि जबलपुर (Jabalpur News) जिले के गोरखपुर निवासी विजय कुमार पांडे ने भोपाल सीबीआई (Bhopal CBI News) को आवेदन दिया था। पांडे ने बताया था कि इंदौर विपणन मैनेजर पंकज पांडे (Pankaj Pandey) की नियुक्ति को हाईकोर्ट ने अवैध करार दिया था। उनकी नियुक्ति की वैधता जनवरी, 2018 में समाप्त हो गई थी। इसके बावजूद वे सितंबर, 2018 तक तैनात रहे। यह बात मध्यप्रदेश को—आपरेटिव डेयरी फेडरेशन को भी मई, 2018 में पता चल गई थी। फेडरेशन ने सरकार की कान में यह बात डाल भी दी थी। पांडे का आरोप है कि इनके अलावा 23 अन्य नियुक्तियां भी फर्जी तरीके से की गई। पंकज पांडे के प्रकरण में हाईकोर्ट ने किसी तरह की रोक से भी इंकार कर दिया था। पंकज पांडे समेत अन्य व्यक्तियों के मामले में विधिक राय की आड़ में किसी तरह के निर्णय को रोके रखा गया। इस बीच उसी कार्यालय में तैनात आरोपी आरपीएस तिवारी, शाखा जोहरी और जयश्री रमेशन सबूतों को मिटाते रहे। यह आवेदन सीबीआई को दिसंबर, 2019 में दिया गया था।
भविष्य में बहुत सारी बातें होने लगेगी साफ
यह आवेदन (MP Vyapam Scam) विजय कुमार पांडे ने भोपाल सीबीआई के अलावा, तत्कालीन मुख्यमंत्री कमलनाथ (EX CM Kamalnath), गृहमंत्री बाला बच्चन, पशुपालन मंत्री, दिल्ली सीबीआई के निदेशक और एमपी स्टेट डेयरी के एमडी को भी भेजा गया था। कांग्रेस सरकार 2019 में कोई एक्शन लेती उसके पहले उसकी विदाई हो गई थी। पुलिस सूत्रों ने बताया कि हाईकोर्ट के आदेश के बाद इंदौर प्रबंधक विपणन को हटा दिया गया था। पंकज पाण्डे रीवा (Rewa News) के रहने वाले हैं, जिनके खिलाफ शिकायतकर्ता ने मोर्चा खोल रखा था। जिन पदों पर व्यापमं के जरिए भर्ती हुई थी वह 2016 में आयोजित की गई थी। इसमें आरएस तिवारी को 18 महीने में नियुक्त करने के आदेश दिए गए थे। पुलिस ने जिस तरह से एफआईआर को शक्ल दी है। उससे यह नहीं लगता कि वह प्रकरण को जल्द सुलझाना चाहती है।
खबर के लिए ऐसे जुड़े
हमारी कोशिश है कि शोध परक खबरों की संख्या बढ़ाई जाए। इसके लिए कई विषयों पर कार्य जारी है। हम आपसे अपील करते हैं कि हमारी मुहिम को आवाज देने के लिए आपका साथ जरुरी है। हमारे www.thecrimeinfo.com के फेसबुक पेज और यू ट्यूब चैनल को सब्सक्राइब करें। आप हमारे व्हाट्स एप्प न्यूज सेक्शन से जुड़ना चाहते हैं या फिर कोई घटना या समाचार की जानकारी देना चाहते हैं तो मोबाइल नंबर 7898656291 पर संपर्क कर सकते हैं।