Bhopal Loot News: कार के डेश बोर्ड से ढ़ाई लाख रुपए की रकम निकाली, ऐसा करने वाले बाइक सवार का पीछा किया, डायल—100 को कॉल नहीं लगा, पीड़ित ने अपने स्तर पर ही संदेही का नंबर जुटा लिया, बीएनएस कानून में दो सप्ताह की जांच के बाद पुलिस ने निष्कर्ष की बजाय पूरी तरह से प्रकरण की खिचड़ी बना दी, घटनाक्रम के पीछे सही वजहों तक नहीं पहुंच सकी पुलिस
सांकेतिक ग्राफिक डिजाइन टीसीआई
भोपाल। भारतीय न्याय संहिता में एक अधिकार पुलिस को दिए हैं। जिसमें उसे दो सप्ताह तक प्रकरण को जांच में रखकर सही वस्तुस्थिति का पता लगाना है। इस कानून के तहत पुलिस को काम करने के बाद सही तथ्यों को पता करके कोर्ट को बताना है। लेकिन, नए कानूनों में भी किस तरह की मनमर्जी अभी भी चल रही है यह पूरी कहानी पढ़ने के बाद आपको पता चल जाएगा। घटना भोपाल (Bhopal Loot News) शहर के गोविंदपुरा थाना क्षेत्र की है। मामला पुलिस ने सादा चोरी में दर्ज किया है। हमारी तरफ से इस समाचार में किसी भी बिंदु पर टिप्पणी नहीं की जा रही है। आप खुद समझकर हमें भी बताइए कि थाना पुलिस को क्या करना चाहिए था। यह काम समाचार पढ़ने के बाद कमेंट बॉक्स में जाकर आप आसानी से कर सकते हैं।
तकनीकी बिंदुओं की लचर विवेचना से भरी हुई है एफआईआर
गोविंदपुरा (Govindpura) थाना पुलिस ने इस मामले में 19 फरवरी को प्रकरण 135/25 दर्ज किया है। घटना 06 जनवरी की रात लगभग आठ बजे हुई थी। थाने में शिकायत पवन बेन(Pawan Ben) पिता स्वर्गीय लक्ष्मी प्रसाद बेन उम्र 30 साल ने दर्ज कराई है। वह गोविंदपुरा स्थित पुराना नगर में रहता है। उसकी सुनवाई पहले थाना पुलिस ने नहीं की थी। इसलिए पवन बेन को अफसरों के पास जाकर शिकायत दर्ज करना पड़ी थी। इसके बावजूद उससे थाना पुलिस ने आवेदन लिया। जिसके आधार पर यह प्रकरण दर्ज किया। पवन बेन ने बताया कि उसकी कार (Car) एमपी—04—सीवी—1397 पर था। वह आन लाइन ट्रेडिंग में निवेश करने की बात कर रहा था। यह बातचीत उसकी अभिजीत से हुई थी। उसने पहले राहुल जाटव (Rahul Jatav) को उस कारोबार में शामिल किया। राहुल जाटव दोनों के बीच कॉमन फ्रेंड हैं। अभिजीत बाहर था तो उसने सूरज उर्फ गब्बर को उर्फ अमन को भेजा। पवन बेन ट्रेडिंग के लिए कार के डेशबोर्ड में रकम लेकर चला गया था। उसे सेंट जेवियर स्कूल (St. Xavier’s School) के पास बुलाया था। वहां राहुल जाटव ने सूरज उर्फ अमन, उर्फ गब्बर नाम के लड़के को भेज दिया। कार में पवन बेन और सूरज के बीच आन लाइन ट्रेडिंग को लेकर कुछ देर बाद बातचीत की। उसने कहा इस विषय पर उसका दोस्त और अधिक आसानी से समझा देगा वह आ रहा है। वह बाइक (Bike) एमपी—04—एसएल—9698 से आया। वह बोलने लगा कि बाइक में वह बैठे कहीं ओर जाकर वह समझा देगा।
पुलिस को पीड़ित ने घटना वाले दिन ही संदेही का नंबर सौंप दिया था
पवन बेन ने ऐसा करने से इंकार कर दिया। इसी बीच कार से उतरा सूरज उर्फ गब्बर उर्फ अमन (Suraj@Gabbar@Aman) डेश बोर्ड से रकम निकालकर बाइक में बैठ गया। पीड़ित कार में पहुंचा तो उसे डैश बोर्ड में रकम नहीं मिली। वह तुरंत ही कार से बाइक का पीछा करने लगा। वह पकड़ में नहीं आ सके तो उसने डायल—100 को कॉल किया। फोन भी नहीं लगा तो उसने राहुल जाटव को कॉल किया। यह पूरा वाक्या उसने अभिजीत को बताया। अभिजीत बोला कि वह राहुल जाटव से बोलकर रकम दिला देगा। इसके बाद अभिजीत का भी मोबाइल नंबर बंद हो गया। उसे शक हुआ तो उसने बाइक नंबर की मदद से वाहन स्वामी का नंबर निकाला। वह उनके पास पहुंचा तो पता चला कि बाइक वृद्ध की थी जो एक युवक मांगकर ले गया है। वह अभी तक उसके पास नहीं लौटा है। इसके बाद वह उसी दिन आधी रात को थाने पहुंचा तो उसे भगा दिया गया। उस दिन वृद्ध ने उन लड़कों का नंबर भी दिया था जो उसने पुलिस को सौंपा था। प्रकरण में काफी दिनों तक वह थाने के चक्कर यह सोचकर काटता रहा कि पुलिस जांच कर रही है। जब कोई कार्रवाई नहीं हुई तो वह अफसरों के पास शिकायत लेकर पहुंच गया। अब जिस तरह की एफआईआर हुई है। वह आपके सामने हैं। पुलिस ने इस मामले में सादा चोरी का प्रकरण दर्ज किया है। जिसमें संदेही सूरज उर्फ अमन उर्फ गब्बर एवं अन्य एक साथी हैं। मामले की जांच एसआई राजेंद्र शुक्ला (SI Rajendra Shukla) कर रहे हैं।
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