Bhopal Loot News: यह तो पुलिस थाने की तरफ से की गई कार्रवाई की इंतहा ही है, बकौल पीड़ित ‘साहब मेरे हाथ और पीठ को चाकू मारकर चीर दिया और पैसा और आधार कार्ड भी ले भागा’
भोपाल। मध्यप्रदेश सरकार पुलिस विभाग को जनता के अनुकूल बनाने हरसंभव योजनाएं चला रही है। इसके बावजूद थानों में अफसरों की मनमानी जारी है। निगरानी करने वाले अफसर एयर कंडीशनर कमरों से बाहर निकलकर मैदान में आने को तैयार ही नहीं है। यह हालात राजधानी भोपाल (Bhopal Loot News) शहर के हैं। यहां पुलिस कमिश्नरेट प्रणाली जनता के लिए लागू की गई थी। लेकिन, इसमें अफसरों से मुलाकात करना काफी चुनौती भरा हो गया है। वहीं यूपी—बिहार पैटर्न में अब शहर की कार्यप्रणाली हो चली है। अपने मनमुताबिक धाराएं लगाई जा रही है। स्टेशन बजरिया में मारपीट की धारा जिसमें एक युवक की मौत हो गई। अब हनुमानगंज में लूट का मामला मारपीट में दर्ज कर लिया गया है। जिम्मेदार अफसर इस मामले में सुध लेकर कोई सख्ती दिखाएंगे।
यह है पुलिस थाने की एफआईआर
हनुमानगंज (Hanumanganj) थाना पुलिस के अनुसार 16 अगस्त की रात लगभग 11 बजे कन्हैया राम गुईया (Kanhaiya Ram Guiya ) पिता सुकट राम गुईयां उम्र 36 साल के साथ मारपीट की गई। वह मूलत: झारखंड के गढ़वा जिले के दंडई थाना क्षेत्र में पोस्ट जरही गांव का रहने वाला है। पुलिस ने उसकी शिकायत पर 597/23 धारा 294/323/506/34 (गाली—गलौज, मारपीट, धमकाना और एक से अधिक आरोपी का प्रकरण) दर्ज किया गया है। वह मजदूरी करने के लिए भोपाल आया था। नादरा बस स्टेंड(Nadra Bus Stand) में बस से उतरकर पैदल रेलवे स्टेशन की तरफ जा रहा था। तभी खजुराहो डेयरी के पास एक व्यक्ति मिला। उसने गाली—गलौज करते हुए मारपीट करने लगा। तभी दो अन्य व्यक्ति भी आ गए। जिन्होंने कोई नुकीली चीज से हाथ और पीठ पर मार दिया। इस दौरान पेंट की दाहिनी जेब में रखे आधार कार्ड और रूपए गिर गए। शोर मचाने पर वह जान से मारने की धमकी देते हुए भाग गए।
जबकि हकीकत मजदूर ने कुछ इस तरह से बताई
कन्हैया राम गुईया ने बताया कि वह सागर (Sagar) जिले में फिलहाल मजदूरी कर रहा है। उसके रिश्तेदार भोपाल (Bhopal Loot News) में काम करते हैं। उन्होंने यहां रहकर मजदूरी करने के लिए मुझे बुलाया था। उनके कहने पर मैं भोपाल आया था। लौट रहा था तो स्टेशन के पास नाश्ता की दुकान तलाश रहा था। तभी एक लड़का आया और उसने मेरी पेंट की जेब में हाथ डाल लिया। जिसमें मेरी रकम करीब नौ—दस हजार रूपए थे। मैंने ऐसा करने का विरोध किया तो पीछे से ऑटो में सवार उसके दो साथी आ गए। उन्होंने पीठ और हाथ में चाकू मारकर चीर दिया। जिस कारण नोट और आधार कार्ड से मेरी पकड़ ढ़ीली पढ़ गई। कन्हैया राम गुईया को यह नहीं पता था कि उसके आवेदन पर पुलिस ने लूट का मामला दर्ज किया है अथवा चोरी का प्रकरण। उसने बताया कि पुलिस ने एफआईआर की है।
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