Bhopal RTO News: शहर की ट्रैफिक को लेकर चिंता जताने वाले पुलिस और आरटीओ अमले के बीच तालमेल की कमी, लापरवाही भेंट चढ़ी चार साल के मासूम की जान
अभिषेक श्रीवास्तव, भोपाल।
राजधानी में ट्रैफिक मैनेजमेंट को लेकर स्कीम लॉंच हुई है। यह मैदान में कितनी कारगर है उसकी कलई एक घटना से उजागर हो गई। मामला सड़क हादसे में हुई एक मौत से जुड़ा है। घटना भोपाल (Bhopal RTO News) शहर के जहांगीराबाद इलाके में हुई। इसमें महज चार साल के एक अबोध बच्ची की मौत हो गई। जिस वाहन ने टक्कर मारी वह फिटनेस और बीमा के सड़कों पर दौड़ रही थी। सीट-बेल्ट और हेलमेट तक पुलिस और आरटीओ का अमला इस घटना पर खामोश है। हमने जिस वाहन से दुर्घटना हुई तो वह चौका देने वाला था। बेहद कबाड़ हो चुका यह वाहन बीच शहर में धड़ल्ले से दौड़ रहा था।
यह है हमारी पड़ताल
यह घटना जहांगीराबाद (Jahangirabad) स्थित बैंक कॉलोनी (Bank Colony) में हुई। यहां गुरूवार इकरा (Iqra) पिता शफीक उम्र चार साल की सड़क हादसे में मौत हो गई। घटना के वक्त वह पिता शफीक और मां साबिया के साथ पैदल अपने घर अहीरपुरा (Ahirpura) जा रही थी। तभी मिनी ट्रक ने टक्कर मार दी। मासूम इकरा का पूरा सिर चकनाचूर मौके पर हो गया था। बेहद विचलित करने वाले इस दृश्य को देखकर उसके माता-पिता भी सदमे में आ गए। पुलिस ने मिनी ट्रक (Mini Truck) को जब्त कर लिया है। जिसको बरखेड़ी में रहने वाला चांद मियां (Chaand Miya) चला रहा था। उसमें रेत भरी हुई थी। ट्रक का नंबर एमपी-09-जीई-5608 है। बकौल आरटीओ रिकॉर्ड के अनुसार यह ट्रक 17 साल नौ महीना पुराना है। जबकि आरटीओ नियमों के अनुसार 15 साल पुराने वाहन को कंडम घोषित किया जा रहा है। जिस वाहन से दुर्घटना हुई उसकी फिटनेस 2011 में ही समाप्त हो चुकी थी। इस वाहन का इंश्योरेंस भी नहीं था। इसके बावजूद वाहन मालिक नियमित आरटीओ को राजस्व का भुगतान कर रहा था। यह टैक्स 2031 तक के लिए भरा गया है।
यह है मैदान की कड़वी सच्चाई
ट्रक ऐशबाग में रहने वाले सोहेल खान (Sohel Khan) के नाम पर हैं। इधर, शहर में हर चौराहे पर चैकिंग के नाम पर सिर्फ हेलमेट और सीट बेल्ट से जुर्माना वसूला जा रहा है। लेकिन, शहर में बिना परमिट दौड़ रहे आपे, मैजिक, यात्री बसों के अलावा कई अन्य वाहनों पर कोई सख्ती मैदान में नहीं दिखती है। दरअसल, यह विषय यातायात पुलिस को लगता है कि आरटीओ (Bhopal RTO News) का है। वहीं आरटीओ अपने पास अमले का अभाव बताकर जिम्मेदारियों से पल्ला झाड़ लेता है। इस हादसे से यह भी साफ हो गया है कि शहर में यातायात समस्या को लेकर परिवहन के साथ पुलिस विभाग में तालमेल की बहुत ज्यादा कमी है। जिस कारण ट्रांसपोर्ट माफिया सिस्टम में सेंध लगाकर हर वह काम कर रहे हैं जो नियमों के अनुसार गैरकानूनी है।
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