MP Political Joke: मेयर को दबाव में डालकर विधायक तो मंत्री अपने समर्थकों के जरिए विधायक के क्षेत्र में खड़ा कर रहे अपना नेटवर्क
भोपाल। राजनीति के क्षेत्र में भीतर ही भीतर बहुत कुछ चल रहा होता है। पार्टी में नेता एक—दूसरे की टांग भी खींचते हैं। वहीं अपना प्रभुत्व जमाने के लिए गुटबाजी भी करते हैं। ऐसा ही एक दंगल इन दिनों भोपाल की राजनीति में चुटकुला (MP Political Joke) बना हुआ है। यह दंगल एक मंत्री और विधायक के बीच चल रहा है। विधायक भी संगठन में काफी दखल रखती है। इतना ही नहीं नगर निगम, पुलिस और प्रशासन में भी उनका नेटवर्क है। इसलिए कई बार मंत्री के समर्थकों को वे पटखनी देने का काम उन्होंने कई बार किया।
ऐसे चल रहा है दांवपेंच
विधायक को कुर्सी उनको विरासत में मिली है। ऐसे ही जिन मंत्री से उनका भीतरी दंगल चल रहा है उन्हें भी पद विरासत में मिला है। विधायक के क्षेत्र पर कई बड़े नेताओं की नजर है। इस सीट को एक राष्ट्रीय पार्टी अपने अनुकुल सेफ मानती है। खबर है कि विधायक ने मेयर को परेशान करके मंत्री की काफी किरकिरी करा दी है। दरअसल, मेयर इन्हीं मंत्री के भरोसे कुर्सी पाने में सफल हुई है। इस कारण मंत्री ने पिछले दिनों एक सोसायटी के चूनाव में अपना गुट खड़ा किया। लेकिन, उस गुट से केवल दो व्यक्ति चुनाव जीत सके। जबकि विधायक अपने पांच समर्थकों को विजयी बनाने में कामयाब रहे। आपको बता दें कि मंत्री ने जिन पर हाथ रखा है वह कभी विधायक के काफी करीबी हुआ करते थे।
दो मंत्रियों की हुई किरकिरी
पिछले दिनों मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj Singh Chouhan) बच्चों के एक कार्यक्रम में पहुंचे थे। इस दौरान वे बच्चों से भी बातचीत कर रहे थे। बातचीत के दौरान सीएम ने मजाक ही मजाक में बच्चों से पूछ लिया कि बताओं मुख्यमंत्री कौन बनना चाहता है। कई बच्चों ने अपना हाथ उठा लिया। यह बच्चों के लिए सामान्य था। लेकिन, मंच में बैठे दो मंत्रियों के लिए यह बेहद असामान्य था। हाथ उठाने वाले एक मंत्री इंदर सिंह परमार थे तो दूसरे तुलसी सिलावट। हालांकि यह बात हंसी ठिठोली में चली गई। लेकिन, मध्यप्रदेश की राजनीति में इसको काफी चटखारे लेकर नेता एक—दूसरे को भाजपा कार्यालय के साथ—साथ कांग्रेस कार्यालय में बता रहे हैं।
पार्षद को पसंद नहीं आया केक कटवाना
पिछले दिनों एक वार्ड में काफी आयोजन हुआ। इसमें काफी लोगों की संख्या पहुंची थी। इस आयोजन के वीडियो व्हाट्स एप और स्टेट्स के जरिए बंटने लगे। यह देखकर उस वार्ड के पार्षद को अपनी कुर्सी खतरे में नजर आने लगी। क्योंकि जिस व्यक्ति ने यह आयोजन किया था वह राज्य (MP Political Joke) के नेतृत्व को बताना चाह रहे थे कि क्षेत्र में उनका प्रभुत्व कितना है। यह बात पार्षद महोदय समझ गए और उन्होंने तत्काल आयोजन करने वाले व्यक्ति को फोन लगा दिया। पार्षद ने कहा कि अगली बार जब कभी भी वे आयोजन करें तो उन्हें जरूर याद किया जाए। आयोजक ने बोला कि यह तो उसके निजी इंतजाम पर किया गया यह प्रयास था। इसमें पार्टी की कोई भूमिका नहीं है। यह सुनकर पार्षद का पारा सातवें आसमान पर था।
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