MP PHQ News: एमपी पुलिस के अफसर का जुनून ऐसा कि उन्होंने भूसे के ढ़ेर में सुई खंगालने वाला काम किया
भोपाल। यह सच है कि विश्व में किसी भी व्यक्ति के हाथ की रेखाएं एक जैसी नहीं होती। लेकिन, उनमें ऐसे संयोग होते हैं जो कुछ लोगों को अपराध की तरफ ले जाते हैं। इसी बात का पता लगाने के लिए एमपी के राजपत्रित पुलिस अधिकारी (MP PHQ News) ने बीड़ा उठाया। यह भूसे के ढ़ेर से सुई तलाशने जैसा काम था। इसके लिए एमपी के करीब पौने दो लाख अपराधियों के फिंगर प्रिंट का अवलोकन किया गया। फिर स्टडी रिपोर्ट बनाने के बाद उसको पुस्तक की शक्ल दी। इसी पुस्तक का एमपी पुलिस मुख्यालय में विमोचन किया गया।
यदि आपके हथेली पर यह मिला तो आपको रहेगा इस बात का खतरा
पुलिस मुख्यालय (PHQ) से जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार एडीजी मानव अधिकार आयोग बृजभूषण शर्मा (ADG Brajbhushan Sharma) ने इसी पुस्तक का विमोचन किया। इसको एमपी पीएचक्यू में तैनात एआईजी गणेश सिंह ठाकुर (AIG Ganesh Singh) ने लिखा है। पुस्तक का टाइटल ‘फिंगर प्रिंट-कुंडली अपराधों की’ का विमोचन किया। ठाकुर ने दावा करते हुए बताया कि फिंगर प्रिन्ट और आपराधिक व्यक्तित्व पर आधारित इस तरह की खोज इसके पूर्व कहीं पर भी नहीं की गई थी। अत्यंत सरल हिन्दी भाषा में लिखी इस पुस्तक को पढ़कर कोई भी व्यक्ति स्वयं का फिंगर प्रिन्ट ग्रुप पहचान सकता है। इसके अलावा अपने को भविष्य में अपराधों की चपेट में आने से बचा सकता है। ठाकुर ने पिछले 7 सालों में पौने दो लाख अपराधियों के 17 लाख फिंगर प्रिन्ट की जांच कर यह सिद्ध किया है। इसके अलावा उन्होंने दूसरा दावा किया है कि बलात्कारी और हत्यारों की अंगुलियों में एक विशेष प्रकार की रिज व्यवस्था पाई जाती है। यह उन्हें ऐसे गंभीर अपराध की तरफ धकेलती है। उल्लेखनीय है कि गणेश सिंह ठाकुर ‘अपराध की तह तक’ नाम से एक अन्य पुस्तक को लिखकर केन्द्रीय गृहमंत्रालय से पुरस्कार हासिल कर चुके हैं।
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