Bhopal Shelter Home News: राजधानी में बलात्कार पीड़िता के साथ पुलिस महकमे की सख्ती का दूसरा मामला, रसूखदार प्यारे मियां मामले की गवाह की संदिग्ध मौत का मामला
भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के बालिका गृह (Bhopal Shelter Home News) में एक पखवाड़े से चल रहे सरकारी सिस्टम के क्रूर रवैये के खिलाफ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj Singh Chouhan) की चुप्पी आम नागरिकों के लिए हैरान कर देन वाली है। इस बालिका गृह के भीतर एक पखवाड़े से कुछ चल रहा है करके खबरें मीडिया में बाहर आ रही थी। फिर भी मामले को दबाया जाता रहा। नाबालिग की संदिग्ध मौत के बाद फिर मामले ने तूल पकड़ा। इसको भी दबाने के लिए पूरा सिस्टम जुट गया। आलम यह था कि नाबालिग की लाश घर ले जाने नहीं दी गई। उत्तर प्रदेश की हाथरस की तरह भोपाल में भी किया गया।
भोपाल पुलिस में सबकुछ ठीक नहीं
यह पहला मामला नहीं है जब भोपाल पुलिस की किसी नाबालिग की मौत के मामले में इतनी बुरी तरह से किरकिरी हुई हो। इससे पहले भी बलात्कार पीड़िता को न्याय दिलाने में भोपाल पुलिस ने फजीहत कराई है। कोहेफिजा इलाके में मनुआभान टेकरी में हुई एक बालिका की संदिग्ध मौत के मामले की जांच जो अब सीबीआई के पास गई है, उसमें भी किरकिरी हुई थी। अब बालिका गृह के इस ताजा मामले ने कोहराम मचा दिया है। इससे पहले हबीबगंज आरपीएफ स्टेशन के नजदीक हुए गैंगरेप के बाद भी भोपाल पुलिस ने फजीहत कराई थी।
कमला नगर स्थित बालिका गृह में बच्ची को जहर दिया गया था। यह शाॅर्ट पीएम रिपोर्ट में भी सामने आ गया। इससे पहले बच्ची के परिजन आरोप लगाते रहे हैं कि घटना से कुछ दिन पहले महिला थाने की प्रभारी शेल्टर होम गई थी। उन्होंने कहा था कि उन्हें वरिष्ठ अफसरों ने वहां भेजा था। आखिर मामले की बारीकी से जांच की जानी चाहिए। ताकि सच्चाई सामने लाई जा सके।
यह भी पढ़ें: दिल्ली के इस एसीपी की वर्दी वाली तस्वीर की कहानी जिसको भोपाल के लोग आसानी से भूल नहीं पाए
प्यारे मियां का नेटवर्क सक्रिय!
मौत की इस खबर के बाद भोपाल शहर में दिनभर सोशल मीडिया में बातें होती रही। कई लोगों ने पुलिस महकमे पर तंज कसा तो किसी ने प्यारे मियां के नेटवर्क का यह कमाल बताया। दरअसल, प्यारे मियां काफी रसूखदार रहा है। वह उर्दू अखबार का मालिक भी था। उसके संपर्क शहर के कई जानी-मानी हस्तियों के सथ भी है। पुलिस सूत्रों के अनुसार जिस दिन यह मामला उजागर हुआ था उस दिन प्यारे मियां पुलिस नियंत्रण कक्ष में देखा भी गया था। लेकिन, उसको पुलिस कश्मीर से गिरफ्तार करके लाई थी। प्यारे मियां के खिलाफ भोपाल, इंदौर में आधा दर्जन से अधिक केस दर्ज है। जिसकी गवाह एक नाबालिग की दो दिन पहले संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। मामले में चार अन्य गवाह है जो अब भयभीत हैं।
अगर यह न्याय हैं तो हर कोई सिस्टम से डरेगा!
इस मामले में गवाह पांच नाबालिगों को सख्त पहरे में रखा जाता था। परिवार के सदस्य मुलाकात नहीं कर सकते थे। कुछ दिन पहले इसी बात को लेकर बालिका गृह में हंगामा भी हुआ था। इसी घटना के बाद नाबालिग की तबीयत बिगड़ी थी। इसके बाद उसको जेल बंदियों के वार्ड में इलाज के लिए पहुंचाया गया। जबकि वह कई नाबालिगों के साथ हुए गैंगरेप मामले की गवाह थी। फिर उसका भारी सुरक्षा बल में पीएम कराया गया। हिंदू रीति रिवाजों से पहले घर में क्रियाएं की जाती है। वह नहीं होने दी और शव को सीधे शमशान घाट पहुंचा दिया गया।
इसी तरह की कू्रता उत्तर प्रदेश के हाथरस में गैंगरेप पीड़िता में हुई थी। वहां भी पुलिस ने रातोंरात अंत्येष्टि कराई थी। परिवार भी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के चुप रहने पर सवाल खड़े कर रहा है। उसकी मांग है कि दोषियों को सजा मिले। लापहरवाह अफसरों को सबक। लेकिन, मुख्यमंत्री ने तीन दिनों में कोई प्रतिक्रिया नहीं दी।
यह भी पढ़ें: मध्य प्रदेश में माफिया को दफनाने का दावा करने वाले मुख्यमंत्री को राजधानी के इन हालातों पर सवाल अफसरों से जरुर पूछना चाहिए
खबर के लिए ऐसे जुड़े
हमारी कोशिश है कि शोध परक खबरों की संख्या बढ़ाई जाए। इसके लिए कई विषयों पर कार्य जारी है। हम आपसे अपील करते हैं कि हमारी मुहिम को आवाज देने के लिए आपका साथ जरुरी है। हमारे www.thecrimeinfo.com के फेसबुक पेज और यू ट्यूब चैनल को सब्सक्राइब करें। आप हमारे व्हाट्स एप्प न्यूज सेक्शन से जुड़ना चाहते हैं या फिर कोई घटना या समाचार की जानकारी देना चाहते हैं तो मोबाइल नंबर 9425005378 पर संपर्क कर सकते हैं।