Bhopal News: जिस वारदात पर टीआई ने पर्दा डाला उस पर सीएम यह बोले

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Bhopal News: राजधानी का प्रायवेट शिक्षण संस्थान फिर हुआ शर्मसार, मिसरोद स्थित निजी स्कूल की वारदात से भी नहीं लिया सबक, मुख्यमंत्री के बाद स्कूल मंत्री का भी ऐलान होगी स्कूल की जांच, थाना प्रभारी ने स्कूल में शिकायत होने के बावजूद घटना छुपाने पर नहीं की कोई कार्रवाई

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सांकेतिक ग्राफिक डिजाइन टीसीआई

भोपाल। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में महिला और बालिकाओं की सुरक्षा को लेकर एक बार फिर एक्सपोज हो गई है। यह सबकुछ भोपाल (Bhopal News) शहर के कमला नगर थाने में तैनात महिला निरीक्षक निरुपा पांडे के कारण हुआ। उन्होंने गुपचुप तरीके से एफआईआर की और कुछ चुनिंदा मीडिया हाउस में उसकी रिपोर्ट सामने आ गई। जिसके बाद सारा मीडिया पुलिस कमिश्नर सीपी हरिनारायण चारी मिश्र के पास पहुंच गया। उन्होंने स्थिति को साफ किया और घटनाक्रम बताया। इधर, इस मामले ने तूल तब और ज्यादा पकड़ लिया जब घटना को लेकर प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव ने बयान दिया।

मीडिया को बयान जारी करके यह बोले सीएम

इस मामले में मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव (CM Dr Mohan Yadav ) ने कहा कि कासिम रेहान (Kasim Rehan) शिक्षक ने जो कृत्य किया है वह निंदनीय है। इस मामले में चीफ सैकेट्री को आदेश दिया गया है कि प्रकरण को सीफ जस्टिस के जरिए फास्ट ट्रैक कोर्ट में ले जाया जाए। ताकि आरोपी को जल्द से जल्द सजा मिल सके। इस मामले में स्कूल प्रबंधन को बचाने का आरोप पुलिस पर लगा है। क्योंकि पीड़िता की मां 12 सितंबर को स्कूल गई थी। लेकिन, किसी तरह की कोई कार्रवाई नहीं की गई। इधर, पुलिस कमिश्नर ने कहा कि हम इस प्रकरण को देख रहे हैं। हमारे पास कोई सबूत नहीं आया है। थाना प्रभारी निरुपा पांडे (TI Nirupa Pandey) ने इस मामले को काफी पर्दे पर डालने की कोशिश की थी। लेकिन, खबर दो समाचार पत्रों में डीसीपी प्रियंका शुक्ला (DCP Priyanka Shukla) के हवाले से सामने आने के बाद सभी मीडिया इस गंभीर विषय पर टूट पड़ा। बागसेवनिया (Bagsewaniya) थाना क्षेत्र में ज्यादती के बाद खुदकुशी के एक मामले में पुलिस ने मुख्य आरोपी के साथ उसकी पत्नी उर्वशी ठाकुर (Urvashi Thakur) को भी आरोपी बनाया था। वह जानती थी कि पीड़िता के साथ ज्यादती हुई थी। लेकिन, कमला नगर थाना पुलिस की कार्रवाई सवालों के घेरे में आ रही है। जिससे बचने के लिए थाना प्रभारी मीडिया के फोन नहीं उठा रही।

हर बड़ी घटना पर थाने के अफसर हो जाते हैं मौन

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भोपाल में पदभार संभालने के बाद पुलिस कमिश्नर हरिनारायण चारी मिश्र। तस्वीर भोपाल पुलिस की तरफ से जारी।

भोपाल शहर के पुलिस कमिश्नरेट प्रणाली में सीपी हरिनारायण चारी मिश्र (CP Harinarayan Chari Mishra) हर बार मैदानी अफसरों का बचाव करने सामने आते हैं। जबकि मैदानी अधिकारी घटना होने के बाद मामले को दबाने का प्रयास करते हैं। इससे पहले गोविंदपुरा (Govindpura ) थाना क्षेत्र में हुआ हनीट्रैप (Honeytrap) को थाना पुलिस ने दबाया था। इसी तरह मिसरोद (Misrod) स्थित निजी स्कूल में हुई बच्ची के साथ ज्यादती के मामले में भी पर्दा डाला गया था। जबकि उस प्रकरण में जांच के बाद एसआई के खिलाफ पॉक्सो एक्ट में चार्जशीट दाखिल हुई थी। आलम यह है कि बैरसिया (Berasia) थाने में छेड़छाड़ के मामले में उग्र हजारों की संख्या में सड़क पर उतरी जनता ने घेराव कर दिया था। जिसके बाद थाना प्रभारी समेत दो लोगों को लाइन अटैच किया गया था। इस घटना के बाद सीएम का बयान आया। वहीं स्कूल शिक्षा मंत्री उदय प्रताप सिंह (Minister Uday Pratap Singh) ने कहा कि विभाग स्कूल प्रबंधन की जांच कर रहा है। (सुधि पाठकों से अपील, हम पूर्व में धाराओं की व्याख्याओं के साथ समाचार देते रहे हैं। इसको कुछ अवधि के लिए विराम दिया गया है। आपको जल्द नए कानूनों की व्याख्या के साथ उसकी जानकारी दी जाएगी। जिसके लिए हमारी टीम नए कानूनों को लेकर अध्ययन कर रही हैं।)

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