Bhopal ADRM Gaurav Singh के मामले में दबे हैं कई राज, हरदा एसपी के पास भी हुई थी शिकायत, रिटायरिंग रूम का होता है गलत इस्तेमाल, भोपाल रेलवे मंडल ने व्यवस्थाएं सुधारने की बजाय सबूत मिटाने का शुरु किया काम
भोपाल। भोपाल रेलवे मंडल में तैनात गौरव सिंह (Bhopal ADRM Gaurav Singh) का तबादला कर दिया गया। जबकि उनके खिलाफ 7 मई की शाम को भोपाल शहर के गोविंदपुरा थाने में बलात्कार का मुकदमा दर्ज हुआ था। जिसकी मीडिया रिपोर्टिंग भी हुई थी। यह जानने के बावजूद रेलवे मंत्रालय ने प्रकरण को कमजोर करने तबादले का सहारा लेकर बचाने का प्रयास शुरु कर दिया। इधर, पीड़िता ने आरोप लगाया है कि उसके साथ हबीबगंज रेलवे स्टेशन के रिटायरिंग रूम में भी शारीरिक संबंध (Railway Officer Rape News) बनाए गए थे। इसके अलावा पीड़िता के पति का भीएक आवेदन सोशल मीडिया में वायरल हुआ है। यह आवेदन उसने पत्नी और गौरव सिंह के खिलाफ हरदा (Harda) एसपी को दिया है। मतलब साफ है कि बेहद सामान्य यह दिख रहा मामला कई जिलों में फैला हुआ है। इसलिए जांच के आदेश सीआईडी को सौंपे जाने थे।
दक्षिण रेलवे भेजा गया
होशंगाबाद (Hoshangabad) स्थित महिला थाने में पीड़िता ने 6 मई को जीरो पर रिपोर्ट दर्ज कराई थी। पीड़िता ने आत्महत्या की कोशिश की थी। जिसके बाद उसको वन स्टाप क्राइसिस सेंटर लाया गया था। यहां बयानों के बाद पूरे मामले का खुलासा हुआ था। जीरो पर केस दर्ज करके केस डायरी गोविंदपुरा थाने को भेजी गई थी। गोविंदपुरा पुलिस ने 7 मई की शाम लगभग 6 बजे 244/22 धारा 376(2)एन/506 (कई बार बलात्कार और धमकाने) का मामला दर्ज किया गया था। इस मामले में आरोपी एडीआरएम गौरव सिंह हैं। इसी एफआईआर के बाद हुई मीडिया रिपोर्टिंग के बाद रेलवे बोर्ड के डायरेक्टर स्थापना रविंद्र पांडे (Ravindra Pandey) ने तबादला आदेश जारी कर दिए। यह आदेश 9 मई को जारी हुए हैं। जिसमें कहा गया है कि पश्चिम—मध्य रेलवे से से दक्षिण रेलवे में तबादला करने का आदेश दिया।
रिटायरिंग रूम को बना रखा था अय्याशी का अड्डा
पीड़िता की उम्र 25 साल है। जिसके पिता के फरवरी, 2019 में निधन होने के बाद उसकी अनुकंपा नियुक्ति के दौरान आरोपी एडीआरएम गौरव सिंह (Bhopal ADRM Gaurav Singh) से पहचान हुई थी। वह डीआरएम कार्यालय के सामने सरकारी बंगले में रहते थे। वह स्टेनोग्राफर की परीक्षा में पहली बार फैल हो गई थी। आरोपी ने ही उसको परीक्षा में पास कराने का बोलकर उनके हिसाब से काम करने के लिए कहा था। उनसे बातचीत करते रहने और संपर्क में रहने के लिए कहा था। वह भोपाल के ही हॉस्टल में रहने लगी थी। पीड़िता की मार्च, 2021 में तबीयत बिगड़ी तो गौरव सिंह हॉस्टल से ले जाकर सिटी अस्पताल में डॉक्टर से चैकअप कराया था। फिर उसी रात वह हॉस्टल ले जाने की बजाय अपने घर ले गए। यहां उसके साथ पहली बार शारीरिक संबंध बनाए थे। अगले दिन उसको गौरव सिंह ने हॉस्टल में ले जाकर छोड़ा था।
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पीड़िता ने बताया कि पहली बार बने शारीरिक संबंध के बाद उसको अप्रैल, 2021 में सीनियर क्लर्क की नौकरी मिल गई थी। नौकरी मिलने पर जश्न के बहाने उसको अपने घर ले जाकर शारीरिक शोषण किया। पीड़िता यहां सागर ईडन गार्डन में रहने लगी थी। वह उसके फ्लैट में भी आकर शारीरिक संबंध बनाता था। शिकायत करने की बात पर वह नौकरी से निकालने की धमकी देता था। दोनों के बीच संबंधों के कुछ वीडियो और तस्वीर भी थी। जिन्हें आरोपी वायरल करने की धमकी देता था। इसी बीच पीड़िता की शादी फरवरी, 2022 में हरदा में रहने वाले युवक से हो गई। उसका हरदा से भोपाल ट्रांसफर करा लिया गया। यहां तबादला होने के बाद उसको 4 मई 2022 को हबीबगंज रेलवे स्टेशन के रिटायरिंग रूम में शारीरिक संबंध बनाए गए थे। पुलिस इसी आवेदन की जांच करती उससे पहले रेलवे बोर्ड ने तबादला आदेश थमा दिया।
पीड़िता के पति का आवेदन वायरल
जिस दिन पीड़िता ने होशंगाबाद केे महिला थाने में गौरव सिंह के खिलाफ मामला दर्ज कराया उसी दिन उसके पति का आवेदन भी वायरल हुआ। इस आवेदन के तीन पेज वायरल हुए है। जबकि चौथा पेज अभी भी पहेली बना हुआ है। आवेदन हरदा एसपी को संबोधित है। इस पत्र में पीड़िता के पति ने लिखा है कि गौरव सिंह और उसकी पत्नी के बीच अवैध संबंध है। यह जानते हुए पत्नी ने उसको धोखे में रखकर शादी की। शादी के वक्त गौरव सिंह को पिता के समान बताया था। लेकिन, उसके मोबाइल कॉल रिकॉर्ड उसने सुने है जिसमें वह गंदी—गंदी बाते एडीआरएम से करती थी। वह कभी भी भोपाल रेलवे में काम के सिलसिले में जाने का बोलकर घर से निकल जाती थी। गौरव सिंह ने एक बार दोनों के बीच सुलह कराने की कोशिश भी की थी। उसको लेकर वह भोपाल के डीबी मॉल में कार से आया था। पीड़िता के पति ने बताया है कि पत्नी के पिता की हार्ट अटैक से मौत हुई है। उनकी मौत के बाद कोरोना की लहर में पत्नी की मां की भी मौत हुई थी। शादी के वक्त मुझसे एडीआरएम ने पैसे भी मांगे थे। यह रकम शादी के बाद लौटाना थी। लेकिन, उन्होंने ऐसा नहीं किया।
गैरों पर करम अपनो पर सितम
मतलब साफ है कि इस पूरे मामले में कई पेंच है। जिसको सुलझाने के लिए पीड़िता के अलावा उसके पति के बयान भी पुलिस के लिए मदद साबित हो सकते हैं। हालांकि रेलवे मंत्रालय का रवैया बताता रहा है कि वह गौरव सिंह (Bhopal ADRM Gaurav Singh) के साथ है। यदि ऐसा नहीं होता तो उसका इतने दूर तबादला नहीं किया जाता। इधर, एडिशनल डीसीपी राजेश सिंह भदौरिया ने बताया कि पीड़िता के मजिस्ट्रीयल बयान दर्ज किया जाना है। वहीं आरोपी केे भी बयान दर्ज करने के लिए नोटिस भेजा जाएगा। भोपाल रेलवे मंडल बलात्कार के मामले में तटस्थ है। जबकि भोपाल रेलवे स्टेशन के रिटायरिंग रूम में हुए बलात्कार के एक अन्य मामले में तीन अफसरों को तत्काल निलंबित कर दिया गया था। इस मामले में मुख्य आरोपी राजेश तिवारी, आलोक मालवीय को बनाया गया था। हालांकि अभी दोनों जमानत में हैं। यह मुकदमा 26 सितंबर, 2020 को भोपाल जीआरपी में दर्ज किया गया था। इस प्रकरण में रिटायरिंग रूम के प्रभारी इंजीनियर अभिजीत शाह को सस्पेंड कर दिया गया था। लेकिन, कुछ दिनों बाद उनकी बहाली हो गई थी। एफआईआर दर्ज कराने वाली पीड़िता अब बलात्कार के अन्य झूठे मुकदमे दर्ज कराने के आरोपों में जेल में बंद है। इस मामले में रेलवे विभाग ने जो फुर्ती दिखाई थी वह एडीआरएम गौरव सिंह के मामले में नहीं दिखा रही।
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