मध्यप्रदेश : किसान कर्जमाफी पर बोले राहुल गांधी- जो कहा, वो किया

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कृषि मंत्री कमल पटेल के खिलाफ एफआईआर कराएगी कांग्रेस

Rahul Gandhi
राहुल गांधी, कांग्रेस सांसद

भोपाल। किसानों की कर्जमाफी (Kisan Karjmafi) के मुद्दे पर मध्यप्रदेश की सियासत में नया मोड आ गया है। शिवराज सरकार ने विधानसभा में माना है कि कमलनाथ सरकार (Kamalnath Govt) ने किसानों का कर्ज माफ किया था। जिसके बाद कांग्रेस को संजीवनी मिल गई है। विधानसभा में दिए गए जवाब को कांग्रेस भुनाना चाहती है। कांग्रेस का कहना है कि सच, सबके सामने आ गया है। इस मुद्दे पर राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने ट्वीट कर दिया है। राहुल गांधी ने एक मीडिया रिपोर्ट को साझा करते हुए ट्विटर पर लिखा कि- जो कहा, वो किया।

बता दें कि 2018 के चुनाव में राहुल गांधी ही मध्यप्रदेश के किसानों से वादा करके गए थे कि 10 दिन में कर्ज माफ हो जाएगा। वहीं इस मुद्दे पर बैकफुट पर आई शिवराज सरकार का कहना है कि विधानसभा में अधिकारियों ने गलत जवाब प्रस्तुत किया था। भाजपा के जवाब पर कांग्रेस का कहना है कि विधानसभा में जवाब मंत्री के हस्ताक्षर के बाद ही दिए जाते है।

हरदा जाएंगे कांग्रेस नेता

प्रेस वार्ता करते पूर्व मंत्री जीतू पटवारी

इस मुद्दे पर बुधवार को मध्यप्रदेश कांग्रेस कार्यालय में प्रेस वार्ता का आयोजन किया गया। पूर्व मंत्री जीतू पटवारी ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, कृषि मंत्री कमल पटेल पर जमकर निशाना साधा। पटवारी ने कहा कि किसानों की कर्जमाफी के मुद्दे पर कृषि मंत्री कमल पटेल, पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ पर एफआईआर दर्ज कराने की बात कहते थे। वो कहते थे कि किसी किसान का कर्ज माफ नहीं हुआ। लेकिन अब विधानसभा में सब साफ हो गया है। अब कांग्रेस कमल पटेल के खिलाफ उनके विधानसभा क्षेत्र हरदा में ही एफआईआर दर्ज कराएगी। कांग्रेस का कहना है कि-  कमल पटेल मंत्री पद की शपथ लेकर झूठ बोल रहे है। उन्होंने कमलनाथ सरकार की छवि धूमिल करने की कोशिश की है।

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सुनिए क्या कहा पूर्व मंत्री जीतू पटवारी

पीसीसी में पूर्व मंत्री जीतू पटवारी की प्रेस वार्ता

Gepostet von The Crime Info am Mittwoch, 23. September 2020

कृषि अध्यादेशों के खिलाफ आंदोलन

वहीं कृषि अध्यादेशों के खिलाफ भी मध्यप्रदेश कांग्रेस ने आंदोलन की तैयारी कर ली है। पूर्व मंत्री जीतू पटवारी ने बताया कि केंद्र सरकार के फैसले के खिलाफ कांग्रेस चरणबद्ध आंदोलन करेगी। 24 सितंबर को जिला स्तर पर प्रेस वार्ता की जाएगी। 28 सितंबर को राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा जाएगा। 1 अक्टूबर से 8 अक्टूबर तक जिला स्तर पर किसानों के साथ आंदोलन किए जाएंगे। फिर भी सरकार नहीं मानी तो 10 अक्टूबर को राजधानी भोपाल में मोदी सरकार के खिलाफ बड़ा प्रदर्शन किया जाएगा।

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