MCU News: विजय मनोहर तिवारी की अर्हता विवादों में आई 

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MCU News: नियुक्ति और बजट को लेकर निगरानी रखने वाला जनसंपर्क विभाग ने आंखे मूंदकर सीएम सचिवालय को भेज दी रिपोर्ट, अब उपराष्ट्रपति के पास पहुंची शिकायत, सीएम को जांच करने बोला

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जनसंपर्क संचालनालय-File Image

भोपाल। मध्यप्रदेश का जनसंपर्क विभाग विवादों में घिरा रहता है। विभाग मुख्यमंत्री सचिवालय के अधीन है। यह जानते हुए भी लगातार यहां कई तरह की तकनीकी चूक मुख्यमंत्री निवास को सूचनाएं देने पर बरती जा रही है। एक दिन पूर्व ही बड़े तालाब में मोटर बोट प्रतिबंध होने के बावजूद उस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री को पहुंचा दिया। अब दूसरा विवाद माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय (MCU News) में हुई कुलगुरु की नियुक्ति का बन गया है। इसमें जनसंपर्क विभाग की तरफ से भारी लापरवाही करने की बात सामने आई है। जिस कारण यह पूरा विवाद उपराष्ट्रपति के पास पहुंच गया है।

इस कारण जनसंपर्क विभाग सर्वाधिक दोषी

प्रदेश का एकमात्र माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय (Makhanlal Chaturvedi National Journalism and Communication University) जनसंपर्क विभाग के अ​धीन आता है। यहां जब कुलगुरु की नियुक्ति होती है तो वह जनसंपर्क विभाग (District Public Relation) के ही अधीन होते हैं। यहां कुलगुरु का पद रिक्त हुआ था। जिसका विज्ञापन जनसंपर्क विभाग की तरफ से जारी हुआ था। इस विज्ञापन में जो अर्हताएं थी उसमें यूजीसी नियमों का पालन किया जाना आवश्यक था। जिसे जनसंपर्क विभाग ने नजर अंदाज करके पिछले दिनों विजय मनोहर तिवारी को कुलगुरु नियुक्त कर दिया गया। यह आदेश जनसंपर्क विभाग के उप सचिव डॉक्टर कैलाश बुंदेला (Deputy Secretary Kailash Bundela) के हस्ताक्षर से 11 फरवरी को जारी हुए थे। आदेश में तारीख हाथ से लिखी गई है। जबकि महीना और साल कंप्यूटर पर टाईप है। जिसमें विजय मनोहर तिवारी (Vijay Manohar Tiwari) को चार साल अवधि के लिए नियुक्त आदेश जारी हुए हैं। आदेश में पत्रकारिता यूनिवर्सिटी की स्थापना के नियम 1990 का हवाला देते हुए जारी किया गया।

यह है विवाद के कारण जिसमें कुलगुरु की नियुक्ति फंसी

इस संबंध में उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ (Vice President Jagdeep Dhankhad) से शिकायत की गई है। दरअसल, उनके ही हाथों में नियमों को शिथिल करने और उसके अंतिम संशोधन करने का अधिकार है। शिकायत चंडीगढ़ के प्रोफेसर डॉक्टर आशुतोष मिश्रा (Dr Ashutosh Mishra) ने की है। उन्होंने बताया कि विज्ञापन 1990 के आधार पर जारी किया गया। जबकि यूजीसी ने 2010 में नए नियमों के पालन में देशभर की यूनिवर्सिटी को आदेश दिए हैं। यूजीसी से ग्रांट लेने के बावजूद उनके नियमों की अवहेलना कुलगुरु की नियुक्ति में की गई। मिश्रा ने कुलगुरु नियुक्ति को लेकर सर्च कमेटी की निष्पक्षता पर तंज कसा है। उन्होंने कहा कि उपराष्ट्रपति इस यूनिवर्सिटी के चांसलर होते हैं। इसके बावजूद उनके कार्यालय से किसी भी व्यक्ति को शामिल ही नहीं किया गया। मिश्रा के मुताबिक यूजीसी की 2010 की गाइड लाइन  के अनुसार दस वर्ष तक किसी कॉलेज में अध्यापन की अर्हता अनिवार्य है। जिसमें विजय मनोहर तिवारी अयोग्य हो जाते। इसलिए 1990 के आधार पर यह प्रक्रिया अपनाई गई।

जनसंपर्क को स्थापना से लेकर अब तक का सारा इतिहास ज्ञात

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सांकेतिक ग्राफिक डिजाइन टीसीआई

माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय (MCU News) में इससे पहले कुलगुरु केजी सुरेश (VC K.G Suresh) थे। उनका कार्यकाल 15 सितंबर, 2024 को समाप्त हो गया था। यूनिवर्सिटी महापरिषद के अध्यक्ष प्रदेश के पदेन मुख्यमंत्री होते हैं। यहां अभी तक कुलगुरु के लिए कभी भी विज्ञापन जारी ही नहीं हुआ था। विज्ञापन जारी होने के बाद 46 आवेदन वहां पहुंचे थे। सरकार ने तीन सदस्यीय सर्च कमेटी गठित की ​थी। जिसमें अटल बिहारी बाजपेयी हिंदी विवि के कुलगुरु प्रोफेसर खेमसिंह डहेरिया को अध्यक्ष बनाया गया था। समिति में दो सदस्य एमपी प्रवेश एवं शुल्क विनियामक समिति के अध्यक्ष रविन्द्र कान्हेरे (Ravindra Kanhere) और लेखक प्रशांत पोल थे। केेजी सुरेश के जाने के बाद इस पद के लिए यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार अविनाश बाजपेयी, रेडियो कर्मवीर के निदेशक प्रोफेसर आशीष जोशी, डॉक्टर विकास दवे से लेकर कई अन्य लोगों के नाम दौड़ाए गए। जनसंपर्क विभाग के उप सचिव डॉक्टर कैलाश बुंदेला ने 13 सितंबर, 2024 को इस संबंध में आदेश निकाल दिया था। जिसमें नियुक्ति होने तक के लिए जनसंपर्क विभाग के आयुक्त डॉक्टर सुदाम खाड़े (Dr Sudam Khade) को यूनिवर्सिटी का अतिरिक्त प्रभार दिया गया था।

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