Food Corporation Bribe News: तीन करोड़ नकद, 387 ग्राम सोना, 670 ग्राम चांदी और नोट गिनने की मशीन भी बरामद, आरोपियों के घरों से डायरी मिली, जिसमें कई रसूखदार लोगों के नाम
भोपाल। मध्य प्रदेश फूड कार्पोरेशन (Food Corporation Bribe News) के गिरफ्तार घूसखोर चार अफसरों के घर हुई सर्चिंग में भोपाल सीबीआई की टीम को करोड़ों रुपए की संपत्ति बरामद हुई है। क्लर्क के घर से नोट गिनने की मशीन भी मिली है। सीबीआई ने नकद तीन करोड़ रुपए बरामद होने का खुलासा किया है। सीबीआई ने अपनी छानबीन अब बंद कर दी है। वहीं गिरफ्तार डिवीजनल मैनेजर हरीश हिनोनिया (Harish Hinonia) के सारे प्रकरण सीबीआई ने जांच के लिए जब्त करने के लिए पत्र लिख दिया है। आरोपियों के बैंक खातों की जानकारी अभी सामने आना बाकी है।
नोटों के बंडल में थे पार्टी के नाम
सीबीआई के अनुसार शुक्रवार को फूड कार्पोरेशन के डिवीजनल मैनेजर हरीश हिनोनिया, लेखा मैनेजर अरुण श्रीवास्तव (Arun Shrivastava), सिक्योरिटी मैनेजर मोहन पराते (Mohan Parate) और क्लर्क ग्रेड—1 किशोर मीना (Kishore Meena) को गिरफ्तार किया गया था। इनमें से दो आरोपी अरुण श्रीवास्तव और मोहन पराते को माता मंदिर से हिरासत में लिया गया था। जिसके बाद उन्होंने हरीश हिनोनिया से बातचीत कराई थी। हिनोनिया ने घूस में ली जा रही पहली किस्त एक लाख रुपए की रकम क्लर्क किशोर मीना को देने के लिए कहा था। इसके बाद सीबीआई की टीम ने चारों आरोपियों के घर सर्चिंग की थी। इस दौरान पुलिस को नोटों के बंडल भी मिले। इनमें जिन पार्टियों से यह रिश्वत ली गई थी उनके नाम लिखे हुए थे। इन सभी पार्टियों का ब्योरा सीबीआई ने खंगालने का काम शुरु कर दिया है।
डेढ़ लाख रुपए मांगे गए थे
आरोपियों को भोपाल की स्पेशल सीबीआई अदालत में पेश किया जा रहा है। जिन नोटों के बंडल जब्त हुए हैं उसमें तारीख भी लिखी हुई है। सीबीआई ने उनकी सूची भी बना ली है। यह मामला अनाज घोटाले की तरफ भी मुड़ता नजर आ रहा है। इसमें कई रसूखदार फंस सकते हैं। नामों में प्रशासनिक सेवा के अफसरों का भी नाम सामने आ रहा है। उन्होंने अपने रिश्तेदार के लिए रकम पहुंचाकर अपना उल्लू सीधा किया था। उल्लेखनीय है कि गुरुग्राम स्थित कर्नल कपूर एंड संस सिक्योरिटी कंपनी से डेढ़ लाख रुपए की किस्त मांगी गई थी। यह किस्त सिक्योरिटी एजेंसी के पुराने बिल भुगतान के लिए ली जा रही थी। कंपनी को जनवरी, 2021 से सिक्योरिटी का ठेका मिला था। लेकिन, उसका भुगतान यह सारे अफसर मिलकर होने नहीं दे रहे थे।
आरोपियों को रिमांड पर लिया जाएगा
सीबीआई सूत्रों के अनुसार इस पूरे घूस कांड को मोबाइल फोन पर रिकॉर्ड किया जा रहा था। इसलिए सभी आरोपियों की वाईस रिकॉर्डिंग जांच के लिए सैम्पल लेने का काम किया जाएगा। इसके लिए अदालत में आरोपियों को पेश करके रिमांड मांगा जाएगा। सीबीआई की इस पूरे मामले में जांच करने के लिए अलग—अलग टीम भी बनाई गई है। जिसमें घूस देने वाले कारोबारियों की पड़ताल, मोबाइल रिकॉर्ड, बैंक—संपत्ति की जानकारी जुटाने और एफसीआई अफसरों से पत्राचार करना शामिल है। इसके लिए दो डीएसपी को सीबीआई एसपी ने नियुक्त कर दिया है।