Bhopal Property Fraud: कोर्ट ने एक सप्ताह पूर्व दिया था आदेश, पॉवर ऑफ अटॉनी जिस व्यक्ति के पास थी उसके निधन के बाद भी कई लोगों को प्लॉट बेचा
भोपाल। न्यायाधीश नितेंद्र सिंह तोमर के आदेश पर जालसाजी समेत अन्य धाराओं में प्रकरण दर्ज किया गया है। यह घटना भोपाल (Bhopal Property Fraud) शहर के शाहजहांनाबाद थाना क्षेत्र की है। मामला प्लॉट बेचने से जुड़ा है। एफआईआर दर्ज करने के आदेश एक सप्ताह पहले दिए थे। पुलिस को 13 जुलाई तक एफआईआर के संबंध में अवगत कराना था। इसी आदेश के तारतम्य में यह मुकदमा दर्ज किया गया है। जिसमें आरोपी देवर—भाभी है।
दो किस्त में हुआ था भुगतान
शाहजहांनाबाद (Shahjahanabad) थाना पुलिस के अनुसार पीड़ित ने अदात में परिवाद दायर किया था। जिस पर हुए आदेश के बाद 344/23 धारा 420/406/466/468/472/120—बी/506 (जालसाजी, गबन, दस्तावेजों की कूटरचना, साजिश और धमकाने का प्रकरण) दर्ज किया गया है। इस मामले में आरोपी सरोज ठाकुर (Saroj Thakur) और उसका देवर दीपक ठाकुर हैं। इस संबंध में शिकायत सुल्तान खान (Sultan Khan) पिता रईस खान ने दर्ज कराई। वे जहांगीराबाद स्थित कुम्हारपुरा (Kumharpura) में रहते हैं। उन्होंने पुलिस को बताया कि दीपक ठाकुर (Deepak Thakur) के पास पॉवर आफ अटॉनी थी। दोनों आरोपी शाहजहांनाबाद स्थित अमीरगंज (Ameerganj) में रहते हैं। आरोपियों ने प्लॉट का सौदा अक्टूबर, 2021 किया थाा। सौदा 65 लाख रूपए में हुआ था। बयाने के तौर पर तीन लाख रूपए दे दिए गए थे। आरोपियों के कब्जे में 4700 स्क्वायर फीट की जमीन थी। जिसमें से सौदा 1471 स्क्वायर फीट का हुआ था। सुल्तान खान को तीन महीने के भीतर में दो लाख रूपए देने थे।
मौत के बाद किया गया जमीन का सौदा
सुल्तान खान ने जिस प्लॉट पर अनुबंध किया वहां उसने शेड तान दिया। इस सौदे को लेकर समाचार पत्र में जाहिर सूचना (Bhopal Property Fraud) भी प्रकाशित हुई थी। जब बाकी रकम लेकर वह रजिस्ट्री के लिए गया तो उसे टाल दिया गया। इसी बीच 18—19 फरवरी, 2022 की दरमियानी रात को उसके बनाए गए शेड को तोड़ दिया गया। विरोध करने पर आरोपियों ने कहा कि अब वह जमीन उसको नहीं बेचेंगे। इसके अलावा रकम लौटाने से भी इंकार कर दिया। पता करने पर जानकारी मिली कि आरोपियों ने मार्च, 2017 में पुतलीघर निवासी शराफत खान (Sharafat Khan) पिता जफर खान को प्लॉट बेचा था। यह रजिस्ट्री राजेश सिंह ठाकुर (Rajesh Singh Thakur) ने की थी। यह लेन—देन मार्च, 2017 में किया गया। जबकि राजेश सिंह ठाकुर की हमीदिया अस्पताल (Hamidia Hospital) में 1 जनवरी, 2017 को ही मौत हो गई थी। इससे साफ था कि शराफत खान के साथ भी आरोपियों ने फर्जीवाड़ा किया था। इस संबंध में थाना पुलिस को भी आवेदन दिया गया था। लेकिन, पुलिस ने उस वक्त कोई कार्रवाई नहीं की थी। इस कारण अदालत को एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए गए।
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