BMC News: भोपाल नगर निगम ने अशासकीय संस्था की सार्थक पहल पर डाका डालकर उसको छीना, गाडी वाला आया घर से कचरा निकाल गीत के पीछे की सामने आई मूल वजह, घर में खाना बनाने और सफाई करने वाली महिलाओं ने रंगीन चश्में पहनकर पूरे आयोजन में बांधा समां
भोपाल। विश्व में अंतराष्ट्रीय महिला दिवस (International Woman Day) 8 मार्च को मनाया जाता है। इस दिन भारत में होली का त्यौहार है। इसलिए कई शहरों में इसे मनाने की शुरूआत रविवार से भोपाल (BMC News) में कई जगहों पर हो गई। ऐसा ही एक आयोजन सेंट जोसेफ को—एड स्कूल के सभागार में आयोजित किया गया था। जिसका आयोजन सम्मान संस्था की तरफ से रखा गया था। यह इंदौर से संचालित जन विकास सोसायटी (Jan Vikas Society) की ब्रांच हैं। संस्था से जुड़े बस्तियों में रहने वाली महिलाओं ने कार्यक्रम में सक्रिय रूप से भाग लिया। यहां मौजूद भोपाल पुलिस की महिला अधिकारियों समेत कई अन्य संगठनों के पदाधिकारियों ने भाग लिया। इसी आयोजन के दौरान बातचीत में भोपाल नगर निगम का कड़वा सच सामने आया।
मुझे देखकर ‘हिम्मत’ आ जाएगी
राजधानी भोपाल में जाग्रति कामकाजी महिला सहकारी संस्था, जागृति समेत कई अन्य नामों से बनी स्व सहायता समूह से जुड़ी महिलाओं ने अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस सेंट जोसेफ को—एड स्कूल के सभागार में मनाया। इसमें अतिथियों में शामिल पूनम श्रोति (Poonam Shroti) ने कई महिलाओं का दिल जीत लिया। वे उद्दीप नाम से संस्था का संचालन करती है। कम वजन, अधिक उम्र के बावजूद कद नहीं बढ़ने और शरीर की हड्डी के विकारों से ग्रसित रहने वाली पूनम श्रोति को राष्ट्रपति पुरस्कार समेत एमपी के कई प्रतिभा सम्मान मिल चुके हैं। पूनम श्रोति महिला विकास को लेकर काम करती है। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि व्यक्ति को सोच पीछे धकेलने का काम करती है। पूनम श्रोति ने कहा कि वह जिस रूप और समस्याओं से ग्रसित है उसको देखते हुए उन्हें पीछे रह जाना चाहिए था। लेकिन, माता—पिता के आर्शीवाद और उनकी दी गई शिक्षा के बदौलत वे इस मुकाम पर पहुंची है। उन्होंने कहा कि जहां आपकी सोच मुश्किल जैसे हालात पैदा करने लगे, उस वक्त मुझे एक बार मन में सोच लेना। सारी दुविधाएं दूर हो जाएगी।
पुलिस के सामने यह डॉयलाग बोलकर हंसाया
कार्यक्रम के दौरान छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) समेत कई अन्य आदिवासी परंपराओं से जुड़े लोकनृत्य महिला कामकाजी महिलाओं ने पेश किए। महिलाओं ने रंगीन चश्मे पहनकर साड़ी पहनकर डांस भी किया। जिसको कार्यक्रम में मौजूद सैंकड़ों महिलाओं ने सराहा। इसी दौरान नशा और उसके कारण होने वाली घरेलू हिंसा पर केंद्रीत नाटक का मंचन किया गया। संस्था गोविंदपुरा के अन्ना नगर और विकास नगर में ज्यादा सक्रियता के साथ काम करती है। इस कारण गोविंदपुरा ऊर्जा डेस्क के अधिकारियों को विशेष रूप से आमंत्रित किया गया था। गोविंदपुरा ऊर्जा डेस्क की महिला अधिकारी एएसआई रामकुंवर धुर्वे (ASI Ramkunwar Dhurve), सोनिया पटेल (Soniya Patel), काउंसलर सुषमा संजीव (Sushma Sanjiv) भी मौजूद थीं। इस नाटक को भी काफी सराहा गया। संस्था की तरफ से गरीब बस्तियों में रहने वाली महिलाओं को स्वरोजगार दिलाने के लिए सिलाई मशीन चलाने का प्रशिक्षण, ब्यूटी पार्लर, बच्चों को ट्यूशन पढ़ाने, शाला छोड़ चुके बच्चों को स्कूल में दाखिला दिलाने का भी करते हैं। सम्मान संस्था के डायरेक्टर फादर जेम्स साइमन (Father James Siman) ने बताया कि भोपाल में करीब 15 बस्तियों में हम सक्रिय होकर काम कर रहे हैं। आयोजन के दौरान प्रशिक्षण में बेहतर प्रदर्शन करने वाली महिलाओं और युवतियों को प्रमाण पत्र भी वितरित किए गए।
हमें इस बात का बहुत मलाल रहता है
फादर साइमन जेम्स ने बताया कि हम बस्तियों की बिजली, सीवेज, सड़क समेत अन्य मुद्दों को भी प्रशासन की मदद से सुलझाने का काम करते हैं। यह संस्था 2005 से लगातार चली आ रही है। संस्था की ही कार्यकर्ता सुमति तिग्गा ने बताया कि आप जो कचरा कलेक्शन (BMC News) करने आता है उसमें जो गाना सुनते हैं ‘गाडी वाला आया घर से कचरा निकाल’ वह पहल की शुरूआत हमारी संस्था की तरफ से की गई थी। हालांकि यह गीत इस अनूठी योजना के लिए मंडला (Mandla) में स्कूल टीचर श्याम बैरागी (Shayam Bairagi) ने लिखा है। इस बात की जानकारी उन्होंने ही अपने नाम से बनाई वेबसाइट पर भी दी है। हमारी तरफ से उनसे संपर्क करने का प्रयास किया था। सुमति तिग्गा (Sumati Tigga) ने बताया कि 2010 में महिला स्व सहायता समूह ने ही डोर टू डोटर कचरा कलेक्शन की शुरूआत की थी।
हमने लाल और हरी गोली का अंतर न समझाया होता तो अस्पताल में वह आती ही नहीं…समाचार के बाद अस्पतालों में दवा का इंतजाम तो हुआ। वीडियो को पूरा एक बार जरूर सुनना। शायद आपको हमारी गंभीर पत्रकारिता के जज्बे का अहसास हो सके।
सायबर क्राइम और थानों की योजनाएं बताई गई
यह पहल सम्मान संस्था की तरफ से प्रयोग के तौर पर साकेत नगर के ए और बी सेक्टर में इन्हीं महिलाओं की मदद से 2010 में शुरू हुई थी। जिसको भोपाल नगर निगम ने अपना लिया और हमारी संस्था को इस अनूठी पहल के लिए काफी कोई सकारात्मक परिणाम नहीं मिला। अंतराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर सायबर क्राइम में तैनात नीतू कुंसारिया (TI Neetu Kunsariya) भी कामकाजी महिलाओं का उत्साह बढ़ाने पहुंची थी। उन्होंने प्रत्येक थाने में खोले गए ऊर्जा डेस्क के महत्व को बताया। इसके अलावा सायबर क्राइम से संबंधित बातें भी उन्होंने महिलाओं को बताई।
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