Indo-Nepal Border Dispute: नई संसद भवन उदघाटन कार्यक्रम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विवादित हुआ

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Indo-Nepal Border Dispute: देश में विपक्षी नेताओं के बाद नेपाली नागरिकों की तरफ से सोशल मीडिया में जताई जा रही नाराजगी, नेपाली पीएम की यात्रा से पहले तूल पकड़ सकता है नई संसद भवन का यह चित्र का मुद्दा

Indo-Nepal Border Dispute
यह है वह नक्शा जिसको लेकर नेपाल में जमकर आलोचना की जा रही है। इसको अखंड भारत के रूप में प्रस्तुत करने के लिहाज से लगाया गया है। यह चित्र नेपाली समाज के सोशल मीडिया ग्रुप से लिया गया है।

नई दिल्ली/भोपाल। भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पिछले रविवार को नई संसद भवन का उदघाटन किया है। इस उदघाटन को लेकर 20 विपक्षी पार्टियों ने विरोध करते हुए कार्यक्रम से किनारा किया था। अब नए संसद भवन उदघाटन के बाद उसकी तस्वीर से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत सरकार की काफी आलोचना की जा रही है। खासतौर पर यह विवाद नेपाल (Indo-Nepal Border Dispute) में चल रहा है। वहां के हजारों नागरिक सोशल मीडिया के जरिए भारत के खिलाफ जमकर आलोचना कर रहे हैं। यह विषय तब सामने आ रहा है जब नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल प्रचंड भारत की राजनयिक यात्रा पर आ रहे हैं।

हैदराबाद हाउस में आमने—सामने होंगे पीएम

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल प्रंचड (PM Pushp Kamal Dahal Prachand) 2 और 3 जून को मध्यप्रदेश में भी रहेंगे। उनका स्वागत मध्यप्रदेश केे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj Singh Chauhan) करेंगे। नेपाली मूल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल यहां टीसीएस एवं इंफोसिस विशेष आर्थिक क्षेत्र का दौरा करेंगे। यात्रा की तैयारी को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इंदौर और उज्जैन (Ujjain) कलेक्टर के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए बैठक की। दहल इंदौर (Indore) से दिल्ली फिर वहां से नेपाल (Nepal) के लिए रवाना होंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी  और पुष्प कमल दहल प्रचंड के बीच हैदराबाद हाउस (Hedrabad House) में मुलाकात होगी। इस मुलाकात के बाद एमपी (MP) का दौरा है। वहीं प्रचंड राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु और उपराष्ट्रपति जयदीप धनखड़ से भी सौजन्य मुलाकात करेंगे। प्रचंड की प्रधानमंत्री बनने के बाद यह पहली आधिकारिक भारत यात्रा है। इससे पहले वे भारतीय जनता पार्टी (Bhartiya Janta Party) के निमंत्रण में 2022 में भारत आए थे। उस वक्त प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) से उनकी मुलाकात नहीं हो सकी थी। उल्लेखनीय है कि हैदराबाद हाउस में ही 2019 में नेपाल के पूर्व प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली की भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मुलाकात हुई थी। लगभग चार साल बाद दोनों देश के प्रधानमंत्री मुलाकात कर रहे हैं।

नेपाली पीएम की यात्रा से पूर्व बॉर्डर विवाद फिर गहराया

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प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल प्रचंड, पूर्व प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा एवं केपी शर्मा ओली— फाइल फोटो

भारत—नेपाल (Bharat-Nepal) के बीच 2014 से रिश्ते सामान्य नहीं हैं। नेपाल (Indo-Nepal Border Dispute) में भेजा जाने वाला सामान भी भारत ने रोक दिया था। नेपाली संविधान को लेकर भी भारत ने आपत्ति जताई थी। इधर, नेपाल में चीन बहुत तेजी से निवेश कर रहा है। तत्कालीन प्रधानमंत्री केपी ओली (KP Oli) ने उसको बहुत ज्यादा रफ्तार दी थी। भारत नेपाल के बीच सीमा विवाद नया नहीं है। दोनों देशों के बीच लिपुलेक, कालापानी क्षेत्र को लेकर दशकों से विवाद चला आ रहा है। अब नई संसद भवन में रखे गए अखंड भारत के नक्शे से नेपाल में कई राजनीतिक पार्टियां नाराज हो गई है। उनका आरोप है कि यह छोटे देश के प्रति भारत की तरफ से की गई यह ज्यादती है। दरअसल, नई संसद भवन में कपिलवस्तु और लुम्बिनी को लेकर विवाद गहराया है। लुम्बिनी (Lumbini) में चीन (China) ने भारी निवेश करके एयरपोर्ट भी बनाया है। यह पूरा विवाद मैन स्ट्रीम मीडिया से ज्यादा सोशल मीडिया में चल रहा है। इधर, भोपाल में 27 मई को नेपाल से आए राष्ट्रीय जनमोर्चा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष जनकराज शर्मा (Janakraj Sharma) ने भी सीमा विवाद को लेकर बयान नेपाली नागरिकों के सामने दिया था।

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