MP Cyber Cop Innovation: झारखंड़ और उत्तराखंड़ को मनाने की तैयारी में पीएचक्यू

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MP Cyber Cop Innovation: यदि सरकार ने पुलिस मुख्यालय के इस प्रस्ताव को मंजूरी दी तो मध्यप्रदेश का यह ऐतिहासिक फैसला माना जाएगा

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एमपी राज्य सायबर पुलिस मुख्यालय के सभागार में आगामी रणनीतियों और उपलब्धियों की मीडिया को जानकारी देते हुए बाएं तरफ से सायबर एडीजी योगेश देशमुख, बीच में भोपाल एसपी रियाज इकबाल और दाहिनी तरफ सुधीर अग्रवाल फोटो— टीसीआई।

भोपाल। देशभर के लिए मध्यप्रदेश पुलिस मुख्यालय की डायल—100 स्कीम को कई अन्य राज्यों की पुलिस ने अपनाया है। अपनी तरह की इस स्कीम से प्रभावित होकर एक ओर प्रस्ताव (MP Cyber Cop Innovation) पुलिस मुख्यालय ने तैयार किया है। यदि इस प्रस्ताव को मध्यप्रदेश सरकार ने अपनी मंजूरी दी तो वह देशभर में ऐसा प्रयोग करने वाला पहला राज्य बन जाएगा। इस बात के संकेत सोमवार को स्टेट सायबर क्राइम में आयोजित पत्रकार वार्ता के दौरान पुलिस के अफसरों ने दिए हैं। इस संबंध में कई राज्यों का दौरा करके अफसरों ने अपनी रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंपी है।

इसलिए बनाई गई ​रिपोर्ट

मध्यप्रदेश में पिछले दो साल के भीतर में सायबर क्राइम के बहुत ज्यादा मामले सामने आए। जिसके बाद पुलिस मुख्यालय ने राज्य सायबर मुख्यालय को देशभर में स्टडी के लिए अफसरों की टीम को भेजा। जिसमें पता चला कि पंजाब और दिल्ली के राज्यों में सायबर की चुनौतियों से निपटने के लिए एक योजना बनाई है। इसके लिए गई सायबर कोर्स चलाने वाली यूनिवर्सिटी से संपर्क करके वहां के छात्रों को कांट्रैक्ट पर इन केस को सुलझाने के लिए अपने यहां रखा। इसमें आंशिक सुधार करते हुए एमपी राज्य सायबर मुख्यालय (MP State Cyber Headquarter) ने एक प्रस्ताव बनाया है। इसके तहत मध्यप्रदेश पुलिस विंग में रेडियो, मिनिस्ट्रीयल स्टाफ, एसएएफ जैसे ही सायबर कैडर को निर्मित करने का सुझाव दिया है। इसके तहत आईटी क्षेत्र के युवाओं को सरकारी सेवा में अवसर देने के लिए प्रस्ताव बनाया है। यदि ऐसा हुआ तो इस तरह का प्रयोग करने वाला एमपी पहला राज्य बन जाएगा।

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दो राज्यों में एक साथ दबिश देने की तैयारी

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एमपी राज्य सायबर पुलिस मुख्यालय के सभागार में एडीजी योगेश देशमुख बीच में, बाएं तरफ डीआईजी निरंजन एस.वायंगणकर और दाहिनी तरफ एसपी सायबर क्राइम भोपाल रियाज इकबाल। फोटो—टीसीआई।

राज्य स्तरीय सायबर मुख्यालय में आयोजित पत्रकार वार्ता को संबोधित करते एडीजी योगेश देशमुख (ADG Yogesh Deshmukh) ने एक साल के भीतर अलग—अलग जोन के पुलिस अधीक्षकों के जरिए किए गए अच्छे कार्यों की रिपोर्ट पेश की। इसके अलावा उन्होंने बताया कि स्टेट सायबर क्राइम की तरफ से कई प्रपोजल बनाकर सरकार को सौंपे गए है। आगामी वर्ष में उनको अंतिम दौर में ले जाकर सायबर क्राइम कंट्रोल में यह बेहद कारगर साबित होंगे। इसके तहत प्रत्येक थानों में सायबर डेस्क (MP Cyber Desk Scheme) खोलने की योजना है। इसमें जिले के डीसीपी, एसपी की निगरानी में जांच की जाएगी। ऐसा करने से मैदानी कर्मचारियों को प्रशिक्षित करने में बहुत ज्यादा मेहनत की आवश्यकता नहीं होगी। इधर, खबर है कि स्टेट सायबर क्राइम मुख्यालय ने एमपी सरकार के जरिए उत्तराखंड़ (Uttrakhand) और झारंखड़ (Jharkhand) में जाकर काम्बिंग एम्बुश करने की अनुमति मांगी है। इसके लिए सरकार के जरिए दोनों राज्यों की पुलिस एजेंसियों को तैयार किया जा रहा है।

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