Police Commissioner System : प्रदेश के बड़े जिलों से शुरू की जा सकती है एक्सरसाइज

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Police Commissioner Systemरेंज आईजी की जगह तैनात होंगे अब एडीजी, मैदान में अफसरों को तैनात करके कमलनाथ सरकार दूर करेगी आईपीएस लॉबी का विरोध

भोपाल। मध्यप्रदेश में कमलनाथ सरकार जल्द एक बड़ा (Police Commissioner System) प्रयोग करने जा रही है। इस प्रयोग के जरिए वह एक तीर से दो निशाने साधने जा रही है। दरअसल, प्रदेश में एडीजी स्तर के अफसर ज्यादा है। लेकिन, उनके अनुरूप शाखाएं नहीं हैं। इसको ध्यान में रखते हुए सरकार पुलिस कमिश्नर प्रणाली की भी एक्सरसाइज करने जा रही है।
जानकारी के अनुसार प्रदेश में इस वक्त 51 एडीजी स्तर के अफसर है। इसमें से कुछ प्रतिनियुक्ति पर हैं। बाकी पुलिस मुख्यालय में तैनात है। इसी तरह आईजी स्तर के 34 अफसर प्रदेश में इस वक्त मौजूद है। इनमें से 15 रेंज हैं जिसमें आईजी तैनात किए जाते है। इसके बाद बचे आधे आईजी के मुकाबले मंजूर प्रशासकीय पद में भी कोटा पूरा नहीं हो पा रहा है। आलम यह है कि दो महीने से आईजी एसएएफ भोपाल का पद ही खाली पड़ा है। इस कारण भारतीय पुलिस सेवा के अफसरों में सरकारी नीतियों को लेकर बड़ा असंतोष चल रहा है। जिस बात से कमलनाथ सरकार भी वाकिफ है। इसे दूर करने के लिए कमलनाथ के आस—पास रहने वाले विशेषज्ञों की टीम को जिम्मेदारी सौंपी गई है। इसका फॉर्मूला लगभग तय माना जा रहा है। लेकिन, उसमें एक अड़चन सामने आ रही है जिसके लिए रास्ता निकाला जा रहा है।

राज्य पुलिस सेवा का भी कोटा
प्रदेश कोटे से आईपीएस बने अफसरों को रेल, ईओडब्ल्यू, एसटीएफ, लोकायुक्त जैसे संगठनों में बैठाकर संतुष्ट किया गया था। कार्य विभाजन में प्रदेश कोटे का हक न मारा जाए इसके लिए भी मशक्कत की जा रही है। इस मामले में पूर्व आईपीएस अफसरों से भी राय ली जा रही है। सूत्रों के अनुसार ताजा फैसले के लिए सीएस एसआर मोहंती, डीजीपी वीके सिंह, गृह सचिव एसएन मिश्रा, एडीजी एसडब्ल्यू नकवी समेत अन्य को जिम्मेदारी सौंपी गई है। इन अफसरों की रिपोर्ट के बाद मुख्यमंत्री कमलनाथ के सलाहकार निर्णय लेंगे।

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यह निकाला जा रहा है हल
इस मामले में सरकार हल निकालने जा रही है। इसके तहत प्रदेश के पहली श्रेणी के शहरों जैसे भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर, सागर में एडीजी स्तर के अफसरों के हवाले रेंज सौंपा जा सकता है। इन रेंज के आईजी पद समाप्त किया जा सकता है। ऐसा पुलिस कमिश्नर प्रणाली से जोड़कर देखा जा रहा है। दरअसल, कमिश्नर एडीजी स्तर का अफसर होता है। इससे आईपीएस के असंतोष को दूर किया जा सकता है।

एक दर्जन अफसर हो रहे रिटायर
आईजी के पद पीएचक्यू में भी मंजूर है। जैसे सीआईडी, प्रशासन, गुप्तवार्ता, योजना—प्रबंध आदि। इनमें भी संशोधन किए जाने की तैयारी की जा रही है। इस बात के संकेत गृहमंत्री बाला बच्चन पुलिस मुख्यालय में हुई बैठक के बाद पत्रकारों की तरफ से पूछे पुलिस कमिश्नर प्रणाली के सवाल पर दे चुके हैं। इधर, 2019 और 2020 के बीच में दर्जनों आईपीएस अफसर भी रिटायर हो रहे है। रिटायर होने वाले अफसरों में स्पेशल डीजी केएन तिवारी, अनिल कुमार, डा. शैलेन्द्र श्रीवास्तव, महान भारत, राजेन्द्र कुमार तथा आलोक पटेरिया शामिल हैं। इसके अलावा संजीव कुमार सिंह, आईपी कुलश्रेष्ठ, एसपी सिंह, डा. रमन सिंह सिकरवार, आरके अरूसिया, प्रीतम सिंह उइके, आईपी अरजरिया, दीपक वर्मा, आरए चौबे, मनोहर सिंह वर्मा तथा अखिलेश झा वर्ष 2020 में सेवानिवृत्त हो रहे हैं।

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