Bhopal Crime: मार्कफेड के अफसर पर साढ़े 12 लाख रुपए की घूस लेने का आरोप

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कलेक्टर से सीडी के साथ की गई शिकायत, अफसर का दावा पॉली हाउस गलत तरीके से आवंटन करने का मेरे पर डाला गया दबाव

Bhopal Bribe
कलेक्टर को सौंपा गया यह वीडियो जिसमें ड्राइविंग सीट में बैठे मालवीय पीछे बैठे हुए व्यक्ति से कथित रिश्वत लेते हुए दिख रहे हैं। इसको दिखाकर ही गुरुवार को लिखित में शिकायत की गई है।

भोपाल। प्रदेश में किसानों को खेती में ही वैकल्पिक आय के लिए मध्यप्रदेश सरकार (Madhya Pradesh Government) ने पॉली हॉउस (Polly House) की स्कीम लॉच की थी। यह स्कीम तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Former CM Shivraj Singh Chouhan) के कार्यकाल में शुरू हुई थी। अब इस स्कीम में भ्रष्टाचार (Polly House Corruption) होने की शिकायतें सामने आ रही है। ताजा मामला मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल (#Bhopal) में कलेक्टर तरूण पिथोड़े के पास पहुंचा है। हालांकि इस मामले में आरोप लगाने वाले व्यक्ति के खिलाफ अफसर ने दबाव बनाने का आरोप लगाया है।

जानकारी के अनुसार लिखित शिकायत कलेक्टर तरूण पिथोड़े (DM Tarun Pithode) के पास पहुंची है। कलेक्टर ने जांच के बाद कार्रवाई का आश्वासन दिया है। शिकायत पंचवटी नगर फेस—2 करोद निवासी नितेश कुमार शर्मा (Nitesh Kumar Sharma) और देवकी नगर निवासी आशीष अग्रवाल (Ashish Agrawal) ने संयुक्त रूप से की है। यह शिकायत मार्कफेड के फील्ड अफसर आरपी मालवीय (RP Malviya) के खिलाफ की गई है। दोनों ने आरोप लगाते हुए बताया कि मालवीय (RP Malviya Bribe Case) ने पॉली हाउस खुलाने के नाम पर उनसे साढ़े 12 लाख रुपए लिए गए। एक लाख काम कराने के लिए और बाकी रकम आवंटन की राशि सरकार के पास जमा कराने के लिए। दोनों ने एक वीडियो भी कलेक्टर तरूण पिथोड़े को दिखाया है। जिसको देखने के बाद कलेक्टर ने जांच का भरोसा दिलाया है। इधर, नितेश के बड़े भाई राजेश शर्मा ने बताया कि इस मामले की पहले उन्होंने मार्कफेड में शिकायत की थी। वहां मालवीय के खिलाफ कई गड़बड़ियों का पता चला है। हालांकि हमारे मामले में पुख्ता सबूत हैं।

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इधर, कलेक्टर के पास हुई शिकायतों के आरोपों पर जवाब देते हुए मालवीय ने कहा कि नितेश और आशीष ने जालसाजी की है। उनके पास कोई जमीन नहीं थी। उन्होंने किसी साई फर्म से महज पांच सौ रुपए के पेपर पर अनुबंध किया था। इस अनुबंध पत्र में मेरे नाम का इस्तेमाल करते हुए जाली हस्ताक्षर किए गए है। इसके अलावा पॉली हाउस उन्हें ही बनाने की अनुमति है जिनके पास स्वयं की जमीन है। नितेश और आशीष के पास ऐसा कुछ नहीं था। यह तमाम गड़बड़ी पता चलने के बाद ही मैंने आवंटन रोकने की जानकारी दी थी। जिसके बाद मुझे धमकाया गया था। उन्होंने वीडियो में पैसा लेते हुए दिखने पर कहा कि वह मेरा पैसा भी हो सकता है। मैं भी इन दोनों के खिलाफ कलेक्टर के पास शिकायत करूंगा।

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