MP Political News: भारतीय जनता पार्टी अब ‘गनमैन’ के भरोसे, सिंधिया के आने के बाद ग्वालियर—चंबल को लेकर विशेष रणनीति
भोपाल। मध्यप्रदेश में पांच महीने बाद चुनाव की रणभेरी बजने वाली है। इसलिए प्रदेश में भाजपा, कांग्रेस, बसपा, सपा, आप समेत कई राजनीतिक पार्टिंयां (MP Political news) दंगल के लिए तैयारी कर रही है। इसी योजना के तहत पिछले दिनों भाजपा नेता और पूर्व विधायक रहे दीपक जोशी (Deepak Joshi) को कांग्रेस ने अपने पाले में कर लिया। इस फैसले से भाजपा को अंदरूनी रूप से काफी नुकसान पहुंचा। अब भाजपा ने कांग्रेस और दलित समाज में पैंठ जमाने वाले नेता को अपनी पार्टी में शामिल कर लिया। ऐसा करने से भाजपा को कितना फायदा और नुकसान होगा यह समय आने पर साफ हो जाएगा।
कांग्रेस गुटों में बंटी हुई पार्टी
भाजपा कार्यालय की तरफ से जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान (CM Shivraj Singh Chauhan) , भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष व सांसद विष्णुदत्त शर्मा, प्रदेश संगठन महामंत्री हितानंद जी एवं प्रदेश के गृहमंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा की मौजूदगी में यह कार्यक्रम आयोजित किया गया। जिसमें मंगलवार को भारतीय जनता पार्टी प्रदेश कार्यालय में बसपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष, पूर्व विधायक, विधायक दल के पूर्व नेता एवं कांग्रेस नेता सत्यप्रकाश सखवार (Satyaprakash Sakhwar) ने भारतीय जनता पार्टी का दामन थाम लिया। पार्टी में सखवार को अंगवस्त्र पहनाकर स्वागत किया। उनके साथ मुरैना (Muraina) जिले से युवा कांग्रेस के जिला उपाध्यक्ष राधाकृष्ण पचौरी (Radhakrishna Pachauri) ने भी पार्टी की सदस्यता ग्रहण की। सत्यप्रकाश सखवार ने कहा कि कांग्रेस पार्टी में ना कोई संगठन है, ना ही कोई नेता है, ना ही कोई विधान है। कांग्रेस गुटों की पार्टी है और गुटों में लड़ रहे हैं। कांग्रेस में मेरी लगातार उपेक्षा हो रही थी। कांग्रेस ने पूरे देश के दलितों के साथ कुठाराघात करने का काम किया है। कांग्रेस ने मुझे पिछला चुनाव हराने का काम भी किया। उन्होंने कहा कि पार्टी हमें जो दायित्व देगी हम उस पर खरे उतरेंगे।
यह है सखवार का पुराना इतिहास
सत्यप्रकाश सखवार दलित नेता है। उन्होंने 2013 में चुनाव जीता था। उन्होंने 2018 में हुए विधानसभा चुनाव (MP Political News) में कांग्रेस का दामन थाम लिया था। सखवार इससे पहले बहुजन समाज पार्टी में प्रदेश अध्यक्ष भी रहे। उनकी पहचान बसपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष फूल सिंह बरैया (Phool Singh Baraiya) से बनी थी। दरअसल, किसी जमाने में सत्यप्रकाश सखवार उनके गनमैन हुआ करते थे। जब 2008 में बसपा टूटी तो उन्हें बसपा में अपनी प्रतिभा दिखाने का मौका मिला था। यह प्रतिभा अभी भी बरकरार है कि नहीं यह इस विधानसभा चुनाव में साफ हो जाएगा।
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