MP PHQ News: बच्चों से जुड़े कानून को लेकर अदालत में कैसे दी जाती है गवाही इस बात के लिए दिया जाएगा प्रशिक्षण, सुप्रीम कोर्ट में लगी जनहित याचिका के बाद कई राज्यों के पुलिस मुख्यालय की नींद खुली
भोपाल। मध्यप्रदेश में जल्द अब स्कूल टीचर को भी कठघरे में खड़े होकर गवाही देना पड़ सकता है। यह फैसला सुप्रीम कोर्ट की तरफ से आए निर्णय के बाद लिया गया है। अदालत ने अपना फैसला एक जनहित याचिका पर दिया था। इसी बात को लेकर हुई चिंतन बैठक में कई समस्याओं को चिन्हित करके उसका समाधान निकाला गया। बैठक मध्यप्रदेश के पुलिस मुख्यालय (MP PHQ News) में आयोजित की गई थी। बैठक में पुलिस विभाग के अलावा कई अन्य शाखाओं के प्रभारी मौजूद थे।
यह अधिकारी जो चिंतन बैठक में थे मौजूद
पुलिस मुख्यालय (PHQ) की तरफ से जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार पुलिस महानिदेशक सुधीर कुमार सक्सेना (DGP Sudhir Kumar Saxena) के निर्देश पर यह बैठक बुलाई गई थी। जिसमें महिला सुरक्षा शाखा और पुलिस मुख्यालय ने उच्चतम न्यायालय की रिट पिटीशन 76/18 को लेकर चिंतन किया। इसमें अलख आलोक विरूद्ध भारत सरकार एवं अन्य में पारित निर्णय के संदर्भ में कई राज्यों में एसटीएफ बनाई गई है। जिसमें POCSO प्रकरणों में व्यवसायिक अनुसंधान, विचारण तथा संमस वारंट की तामीली का काम करती है। जिसके संबंध में गठित राज्य स्तरीय स्पेशल टास्क फोर्स (STF) की समन्वयक एडीजी प्रज्ञा ऋचा श्रीवास्तव बनाई गई है। , उन्होंने अपने कार्यालय में पहली बैठक आयोजित की। जिसमें समिति के सदस्य सीआईडी विशेष पुलिस महानिदेशक जीपी सिंह, एडीजी इंटेलीजेंस आर्दश कटियार, एडीजी एससीआरबी चंचल शेखर, आईजी रेल महेन्द्र सिंह सिकरवार, निदेशक एफएसएल शशिकांत शुक्ला, एआईजी शालिनी दीक्षित, पिंकी जिवनानी, वैभव श्रीवास्तव समेत अन्य अधिकारी मौजूद थे।
बैठक में इन बातों का रखा गया था एजेंडा
बैठक में उपस्थित अधिकारियों ने कई बिंदुओं पर एजेंडा रखा गया था। जिसमें सबसे ज्यादा प्राथमिकता में जांच में रफ्तार और क्वालिटी को लेकर चिंता जाहिर की गई। इसके अलावा बच्चों से जुड़े मामलों के आरोपियों या फिर गवाहों के समंस वारंट की तामीली को लेकर चर्चा की गई। कई मामलों में समंस तामील नहीं होने के कारण प्रकरण लंबित चल रहे हैं। इसके अलावा पीड़िता की आयु निर्धारण के संबंध में स्कूल में स्कॉलर रजिस्टर के रखरखाव को लेकर प्रशिक्षण पर चिंता जताई गई। वहीं ऐसे मामलों (MP PHQ News) से जुड़े टीचरों को साक्ष्य के तौर पर गवाही देने के लिए प्रशिक्षित दिए जाने को लेकर सहमति बनी। वहीं राज्य सायबर डीएनए का डाटाबेस तैयार करने का काम करेगा। इसके अलावा मजदूरी हेतु आने जाने वाले साक्षियों के संबंध में श्रम विभाग को रिकार्ड संधारित करने के संबंध में विस्तृत चर्चा की गई।
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