Police Constable Suicide Attempt : आईपीएस एसोसिएशन ने भी चेताया था, फोर्स अकेला महसूस न करे

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भोपाल में पुलिस कांस्टेबल को लगी गोली की घटना के कई तथ्यों पर डाला जा रहा है पर्दा

Bhopal Police
राजधानी भोपाल में कोरोना से निपटने तैनात पुलिस अधिकारी संदेश के साथ फाइल फोटो

पुलिस कांस्टेबल सुसाइड अटैम्पटभोपाल। (Bhopal Crime News In Hindi) देश में कोरोना वायरस ने दहशत है। इस महामारी से मध्य प्रदेश भी (Madhya Pradesh Corona News) अछूता नहीं है। प्रदेश में कोरोना पॉजिटिव का आंकड़ा 800 के पार जा पहुंचा है। वहीं 53 लोगों की मौत हो चुकी है। इनमें भोपाल में पांच मरीजों की मौत हुई है। इस महामारी से पुलिस कांस्टेबल सुसाइड अटैम्पटनिपटने के लिए मध्य प्रदेश का स्वास्थ्य विभाग का अमला और पुलिस महकमा भी जुटा है। भोपाल में स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही (Bhopal Healthworker Neglligence)पुलिस कांस्टेबल सुसाइड अटैम्पट से यह बीमारी फैल गई। दरअसल, कोरोना पॉजिटिव 166 में से लगभग 75 स्वास्थ्य विभाग के अफसर और कर्मचारी ही है। इसके अलावा पुलिस महकमे के दो दर्जन से अधिक अफसर और कर्मचारी (Bhopal Police Effected Coronavirus) इस गंभीर वायरस की चपेट में आ चुके हैं।

जनता में जहां दहशत हैं वही स्वास्थ्य और पुलिस महकमे में भी इस बीमारी के आतंक ने पैर पसार लिए हैं। इधर, खबर यह भी आ रही है कि जो पुलिसकर्मी कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं उनसे भी ड्यूटी ली जा रही है। जबकि मंगलवार को पुलिस कांस्टेबल चेतन सिंह ठाकुर (Constable Chetan Singh Thakur Case) ने स्वयं को गोली मार ली थी। मैदानी रिपोर्ट बता रही है कि शहर में इस बीमारी से निपटने के दौरान पुलिस के मैदानी अफसर गंभीर लापरवाही बरत रहे हैं। कई तथ्यों को तोड़—मरोड़कर मीडिया के सामने भी परोसा जा रहा है। ऐसा करके अफसर अपने ही महकमे के लिए बड़ा संकट खड़ा कर रहे हैं। यदि यह संकट विकराल हुआ तो बीमारी शहर के साथ—साथ प्रदेश के लिए चुनौती बन जाएगी।

सिपाही की घटना पर कई सस्पेंस

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रातीबड़ थाने में तैनात सिपाही चेतन सिंह ठाकुर को मंगलवार दोपहर गोली (Chetan Singh Thakur Shot Case) लग गई थी। पुलिस अफसरों का दावा है कि वह अपने ही स्टाफ के दूसरे साथियों की मजाक से परेशान हो गया था। इस कारण आवेश में आकर उसने स्वयं को गोली मारी (Bhopal Police Constable Suicide Attempt Case) थी। जबकि यह तथ्य काफी विरोधभास पैदा कर रहे हैं। चेतन सिंह ठाकुर दमोह (Damoh News) का रहने वाला है। उसका छोटा भाई लीलाधर ठाकुर (Leeladhar Thakur) भी पुलिसकर्मी है जो कि एमपी नगर थाने में तैनात है। चेतन की थाने में यह पहली पोस्टिंग हैं। चेतन का परिवार दमोह में ही रहता है। पुलिस को सुसाइड नोट भी मिला है। इस पत्र में उसने साथियों पर आरोप लगाए हैं। सुसाइड नोट और गोली के घाव पुलिस अफसरों की थ्योरी को झूठला रहे हैं। चेतन को बाएं कंधे में सर्विस रिवॉल्वर की गोली लगी है। पुलिस को सुसाइड नोट भी मिला है। ऐसे में सवाल यह खड़ा होता है कि गोली फिर कंधे पर कैसे चली। वह भी बाएं तरफ। मतलब साफ है कि वहां किसी तरह का संघर्ष हुआ है या फिर उसको गोली मारने से किसी व्यक्ति ने रोका था। इस दौरान चली गोली उसको कंघे पर जा लगी। हालांकि पुलिस के अफसर इस बात को जांच का विषय बताकर जिम्मेदारियों से पल्ला झाड़ रहे हैं।

अफसरों के लिए सबक

पुलिस के वरिष्ठ और जानकार अफसर रातीबड़ इलाके में हुई घटना की आहट को पहले से भांप चुके थे। इसलिए आईपीएस एसोसिएशन (MP IPS Association) की तरफ से 6 अप्रैल को ही मैदानी कर्मचारियों और उनके परिवार की देखरेख के लिए एडवायजरी जारी की गई थी। एसोसिएशन के अध्यक्ष और एसएएफ में स्पेशल डीजी विजय यादव (IPS Vijay Yadav) ने नए पुलिस अधीक्षकों को इस जिम्मेदारी को ज्यादा बेहतर तरीके से सुलझाने की सलाह दी गई थी। रातीबड़ की घटना भोपाल दक्षिण क्षेत्र में हुई है। यहां के पुलिस अधीक्षक साई कृष्णा थोटा (SP Sai Krishna Thota) है। थोटा 2014 बैच के आईपीएस अफसर है और युवा अधिकारी हैं। इधर, खबर है कि भोपाल के कई थानों में तैनात कर्मचारियों को घर जाने की अनुमति नहीं दी जा रही। उन्हें मैरिज गार्डन में रखा जा रहा है। वहां पर भोजन से लेकर रहने—खाने के इंतजाम किए गए हैं। उनके सारे इंतजाम हैं लेकिन परिजनों की सुध (Bhopal Police Welfare Issue) कोई ले रहा है या नहीं इस बात की चिंता पुलिसकर्मियों को सता रही है। इसी तरह हनुमानगंज थाने में एक पुलिस कर्मचारी कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे। उन्हें होटल में रहना था पर वह ड्यूटी कर रहे हैं।

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अपील

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