Shivpuri Crime News: दो कथित पत्रकारों की भूमिका जांच के दायरे में आई, एसपी ने थानेदार समेत पांच पुलिसकर्मियों को सस्पेंड किया
शिवपुरी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Narendra Modi) नोटबंदी को अपनी सरकार का ऐतिहासिक फैसला बताते हैं। जबकि इस मुद्दे को विपक्ष आर्थिक मंदी की वजह बताता है। नोटबंदी (India Demonetization Effect) के बाद चलन से बाहर हुई मुद्रा आज भी लोगों के पास है। इसका इस्तेमाल करके लोगों को फंसाने (Shivpuri Cop Fake FIR) का काम किया जा रहा है। ऐसा ही एक मामला मध्य प्रदेश (MP Crime News) के शिवपुरी (Shivpuri Crime News) जिले से सामने आया है। इसमें दो कथित पत्रकारों की भी भूमिका सामने आ रही है। मामला शिवपुरी एसपी के पास पहुंचा तो उन्होंने थानेदार समेत पांच पुलिसकर्मियों को सस्पेंड (Shivpuri Cop Suspended News) कर दिया है।
यूपी पुलिस के रिटायर्ड दरोगा ने खोला राज
देश में नोटबंदी 8 नवंबर, 2016 की आधी रात से प्रभावी हुई थी। इस आदेश के चार साल बाद शिवपुरी जिले के करैरा थाना (Karera Police Station News) क्षेत्र में 24 नवंबर को 10 लोगों को हिरासत में लिया गया था। यह लोग दो वाहनों में सवार थे। इनसे प्रतिबंधित भारतीय मुद्रा जो 500 रुपए के रुप में थी बरामद की गई थी। रकम 49 हजार रुपए थी। कार्रवाई एसआई आदित्य राजावत (SI Aditya Rajavat) के मार्गदर्शन में हुई थी। उस दिन थाना प्रभारी मनीष शर्मा (TI Manish Sharma) अवकाश पर थे।
इसलिए एसआई के पास थाने का प्रभार था। इस मामले में यूपी पुलिस के रिटायर्ड दरोगा का परिवार घेरे में आया था। इसलिए उन्होंने एसपी राजेश सिंह चंदेल (SP Rajesh Singh Chandel) से मिलकर कुछ आॅडियो क्लिप के साथ इस फर्जी मुकदमे की जानकारी दी थी। पीड़ित परिवार का आरोप था कि पुलिस वालों ने चार लाख रुपए की रिश्वत मांगी थी।
कारणों के पीछे गहरा राज
एसपी शिवपुरी राजेश सिंह चंदेल ने बताया कि अभी हमारे पास प्राथमिक जानकारी मिली है। आॅडियो (Shivpuri Bribe Audio) की जांच की जा रही है। एसआई समेत पांच लोगों को सस्पेंड (Shivpuri Cop Bribe News) कर दिया गया है। इस मामले में दो कथित पत्रकारों (Shivpuri Journalist News) की भूमिका सामने आई है। अभी हम उनके नाम उजागर नहीं कर सकते हैं। इधर, खबर है कि जिन्हें सस्पेंड किया गया उनमें आदित्य राजावत, एएसआई नरेन्द्र यादव (ASI Narendra Yadav), हवलदार देवेश और ड्रायवर अमित और अनिल हैं। सस्पेंड हुए पुलिसकर्मियों के बयान में पता चला है कि दोनों पत्रकारों की मदद से पुराने नोट का इंतजाम किया गया था। उन दोनों ने ही यूपी के परिवार को फंसाने के लिए करैरा बुलाया था।
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