Employee Protest : सीएम कमलनाथ को वचन की याद दिलाई तो पड़े पुलिस के डंडे

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लाठीचार्ज होने से एक मिनट पहले की तस्वीर
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लाठीचार्ज होते ही मची भगदड़ की दूसरी तस्वीर

आउटसोर्स कर्मचारियों की रैली को पुलिस ने लाठी की दम पर किया खत्म, कई जख्मी, पुलिस ने लाठीचार्ज से किया इंकार

भोपाल। मध्यप्रदेश बिजली आउट सोर्स कर्मचारी संगठन के (Employee Protest) प्रदर्शन को भोपाल पुलिस ने लाठी के दम पर खत्म कर दिया। प्रदेश भर के आउट सोर्स कर्मचारी राजधानी में मुख्यमंत्री कमलनाथ को याद दिलाने के लिए जमा हुए थे। इस दौरान मची भगदड़ में कई कर्मचारी जख्मी हुए और कुछ को लाठी का दर्द भी सहना पड़ा।
संगठन के प्रदेश अध्यक्ष शिव राजपूत ने ​बताया कि पिछले साल चुनाव से पहले कांग्रेस पार्टी ने बिजली कर्मचारियों को नियमि​त करने का वादा किया था। यह वादा बकायदा कांग्रेस के घोषणा पत्र में भी था। घोषणा पत्र में कहा गया था कि सरकार बनते ही दो महीने के भीतर आउट सोर्स परंपरा बंद करके योग्यता और अनुभव के आधार पर कर्मचारियों को नियमित किया जाएगा। लेकिन, आठ महीने बीत जाने के बावजूद सरकार ने हमारी सुध नहीं ली। इसलिए संगठन ने तय किया था कि वह सरकार को अपना वचन याद दिलाने के लिए (Employee Protest) विरोध प्रदर्शन करने राजधानी पहुंचेंगे। संगठन के बैनर तले एक रैली निकाली गई जो चिनार पार्क से होते हुए तुलसी नगर स्थित बिजली कार्यालय के नजदीक पहुंची। यहां बैरीकेड लगाकर पुलिस छावनी में इलाके को तब्दील कर दिया गया था। कर्मचारियों की संख्या लगभग एक हजार थी जिसको रोकने के लिए पुलिस ने लाठी का सहारा लिया।

पुलिस ने किया इंकार
कर्मचारी नेताओं ने लाठीचार्ज करने के आरोप लगाए हैं तो पुलिस का कहना है कि ऐसा नहीं हुआ है। एएसपी जोन—2 संजय साहू ने बताया कि संगठन ने (Employee Protest) एक हजार लोगों का दावा करते हुए रैली की अनुमति मांगी थी। लेकिन, भीड़ पांच हजार से अधिक थी। ज्ञापन ले लिया गया फिर जाने को कहा गया। लेकिन, भीड़ वहां धरने पर बैठ गई। मौके पर एसपी एडीएम भी आए उन्होंने समझाईश देकर जाने को कहा। सारे कर्मचारी सड़क पर बैठ गए थे। इसलिए रोड जाम हो गया था। नतीजतन रोड खाली करने के लिए धक्का देकर वहां से उठाया गया।

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मंत्री ने बोला अभी स्थिति प्रदेश की अच्छी नहीं
इस मामले में मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर का बयान आया है। उन्होंने कहा कि पिछली सरकार ने हमें खजाना खाली दिया। कर्मचारी जो मांग रहे हैं वह अपनी जगह है। समय आएगा बजट की स्थिति अच्छी होगी तो मांग पर विचार किया जाएगा।

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