MP Cop News: पुलिस मुख्यालय जल्द कर सकता है महकमे में बड़ा फेरबदल, अटैचमेंट में चल रहे कर्मचारियों का ब्यौरा जुटाने का काम शुरु
भोपाल। राजधानी पुलिस से जुड़े सैंकड़ों मामले कई थानों में जांच के नाम पर धूल खा रहे हैं। जिनकी सुध लेने का समय आला अधिकारियों को नहीं हैं। जिस कारण राष्ट्रीय स्तर पर एमपी पुलिस (MP Cop News) की कई मामलों में किरकिरी हो चुकी हैं। लेकिन, खबर है कि जहांगीराबाद थाना क्षेत्र में हुए सांप्रदायिक तनाव के बाद डीजीपी कैलाश मकवाना ने पूरे प्रदेश के जिला विशेष शाखा में प्रशासनिक सर्जरी करने की इच्छा जता दी हैं।
ऐसा करने की है तैयारी
पुलिस मुख्यालय (PHQ) में पदस्थ सूत्रों के अनुसार डीजीपी कार्यालय ने दो तरह की जानकारी संकलित करके भेजने के निर्देश दिए हैं। पहली जानकारी यह मांगी है जो पुलिस विभाग के हैं लेकिन दीगर स्थानों पर जमे हुए हैं। उनकी जानकारी जुटाकर ऐसे कर्मचारियों की निगरानी का दायित्व जल्द सीआईडी को देने की मंशा हैं। इसके अलावा उन्हें यहां—वहां शिफ्ट करने का भी काम किया जाएगा। भोपाल पुलिस कमिश्नरेट कार्यालय के सूत्रों से पता चला है कि राजधानी में ही यह आंकड़ा दो दर्जन के पार जा चुका हैं। वहीं दूसरी कवायद जिला विशेष शाखा में हो रही हैं। वहां तैनात ऐसे अधिकारी और कर्मचारी जो अंगद बनकर बैठे हैं उनके कार्यों की समीक्षा रिपोर्ट बनाई जा रही है। जिसके बाद उन्हें भी इधर—उधर किया जाएगा। व्यापक स्तर पर हो रही इस कवायद से पुलिस महकमे के भीतर काफी हलचल मची हुई हैं।
यह हैं वो मामले जिनके कारण पुलिस विभाग की हुई है किरकिरी
सेवानिवृत्त परिवहन आरक्षक सौरभ शर्मा (Saurabh Sharma) जिसने नौकरी में रहते हुए अपना नेटवर्क बनाया फिर रातोंरात महकमे को बाए—बाए बोलकर अकूत संपत्तियों का खजाना भर लिया। पुलिस विभाग के इंटेलीजेंस को नहीं लगी उसके गठबंधन की भनक। कोलार रोड (Kolar Road) में यातायात सिपाही हेमंत एक महीने से फरार चल रहा है। वह भी बिल्डर के लिए काम कर रहा था। उसने एक अपहरण के मामले में साथ दिया था। जिसके बाद से वह नौकरी से गायब चल रहा है। पुलिस की तमाम इंटेलीजेंस झोंक दी गई वह नहीं मिला। छोला मंदिर थाना क्षेत्र में ड्रायवर संदीप प्रजापति (Sandeep Prajapati) की बेरहमी से हत्या की गई। इस हत्याकांड का मुख्य आरोपी अवकेश आज तक फरार है। वह दूसरे राज्य का कुख्यात बदमाश था जिसने भोपाल में गठजोड़ बनाकर क्राइम कर रहा था। पुलिस को इस बात की भनक ही नहीं लगी। कटारा हिल्स (Katara Hills) स्थित इंडस्ट्रीयल एरिया में ड्रग्स की फैक्ट्री चल रही थी। इसकी कानोंकान भनक ही नहीं लगी। यह नेटवर्क तब उजागर हुआ जब गुजरात (Gujrat) और दिल्ली (Delhi) की जांच एजेंसियों ने दबिश देकर छापा मारा। आलम यह था कि लोकल पुलिस से मदद ही नहीं ली गई। (सुधि पाठकों से अपील, हम पूर्व में धाराओं की व्याख्याओं के साथ समाचार देते रहे हैं। इसको कुछ अवधि के लिए विराम दिया गया है। आपको जल्द नए कानूनों की व्याख्या के साथ उसकी जानकारी दी जाएगी। जिसके लिए हमारी टीम नए कानूनों को लेकर अध्ययन कर रही हैं।)
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