MP PHQ News: भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम को लेकर डीजीपी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए तैयारियों की समीक्षा की
भोपाल। एमपी समेत पूरे देश में 1 जुलाई से आईपीसी और सीआरपीसी की जगह भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम लागू होने जा रहा है। इसको लेकर कई महीनों से मैदानी अफसरों और कर्मचारियों को प्रशिक्षण दिया जा रहा था। इसमें अब तक एसपी से लेकर एसआई स्तर तक प्रशिक्षण दिया जा चुका है। बाकी एएसआई और कांस्टेबल (MP PHQ News) को इस बारे में प्रशिक्षण दिया जाना शेष है। इसी विषय को लेकर पुलिस महानिदेशक सुधीर कुमार सक्सेना ने मैदानी अफसरों के साथ वीसी के जरिए समीक्षा की। इसमें सभी जिलों के पुलिस अधीक्षक और एसडीओपी मौजूद थे।
सभी पुलिस थानों में कार्यक्रम आयोजित करने के आदेश
पुलिस मुख्यालय (PHQ) की तरफ से जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार डीजीपी सुधीर सक्सेना (DGP Sudhir Saxena) ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में जुड़े समस्त एडीजी/आईजी, रेंज डीआईजी एवं समस्त पुलिस अधीक्षकों से नए कानूनों के क्रियान्वयन की तैयारियों की जानकारी लेते हुए दिए आवश्यक निर्देश दिए हैं। इस दौरान उन्होंने प्रशिक्षण शाखा से रिपोर्ट मांगी थी। एडीजी ट्रेनिंग सुश्री सोनाली मिश्रा (ADG Sonali Mishra) ने बताया कि नए कानूनों के संबंध में प्रदेश भर में 302 मास्टर ट्रेनर्स द्वारा 60 हजार से अधिक पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों को प्रशिक्षित किया गया है। इसके अलावा लर्निंग मैनेजमेंट सिस्टम तथा ऑनलाइन माध्यम से इस प्रशिक्षण को कॉन्टेबल स्तर तक भी पहुंचाया गया। एफएसएल के सभी अधिकारी एवं कर्मचारियों का प्रशिक्षण हो चुका है। सीआईडी ने व्यापक एफएक्यू का निर्माण किया है एवं सीसीटीएनएस में तीनों कानून अपलोड किए जा चुके हैं। कुछ टेबल्स बनाई गई है, जिसकी मदद से आसानी से पुराने कानूनों के बदले नए कानूनों काे समझा जा सकता है। यह डिटेल टेबल्स कल तक पूरे प्रदेश में हर पुलिसकर्मी के मोबाइल में होना सुनिश्चित करने के लिए डीजीपी ने बोला। हर थाने में पूरा एक्ट उपलब्ध हो तथा विवेचना अधिकारी के पास व्यक्तिगत रूप से भी हो यह सुनिश्चित करें।
थानों में 01 जुलाई को होंगे आयोजन
डीजीपी ने कहा कि कानूनों को लेकर व्यापक जन जागरुकता भी सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा कि 1 जुलाई को प्रदेश के सभी थानों में कार्यक्रम आयोजित कर नागरिकों को नए कानूनों के प्रति जागरूक किया जाए। इन कार्यक्रमों में विशेष रूप से महिलाओं, बच्चों को कानून के प्रति जागरूक करें। यह सुनिश्चित करें कि कार्यक्रम (MP PHQ News) में महिलाओं एवं बच्चों के अलावा युवा, विद्यार्थी, वरिष्ठ नागरिक, सेवानिवृत्त पुलिस अधिकारी, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, स्थानीय ग्राम एवं नगर रक्षा समिति, शांति समिति के पदाधिकारियों और सदस्यों को आमंत्रित करें। इस दौरान उनकी जिज्ञासाओं और समस्याओं का समाधान भी करें। इन आयोजनों में एक्सपर्ट को भी बुलाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि नए कानूनों के क्रियान्वयन में मैदानी स्तर पर आगामी दिनों में और भी गंभीरता से प्रशिक्षण प्राप्त करें। यदि कोई भी शंका या जिज्ञासा हो तो वरिष्ठ अधिकारियों से मार्गदर्शन प्राप्त करें। एडीजी सीआईडी पवन श्रीवास्तव (ADG Pawan Shrivastav) ने बीएनएस, बीएनएसएस की परिभाषाओं और प्रक्रियाओं के बारे में जानकारी दी। एडीजी एससीआरबी चंचल शेखर ने बताया नए कानूनों में तकनीक को बहुत महत्व दिया है। इससे जांच प्रक्रिया में तेजी आएगी और पीड़ितों को जल्द न्याय दिलाने में आसानी होगी।
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