केस्टर सीड्स के वायदा बाजार में पैसा लेकर उसे लौटाने से मुकर गए थे आधा दर्जन आरोपी
शाजापुर। मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) के शाजापुर (Shajapur Crime) जिले में करीब एक पखवाड़े पहले पत्रकार की आत्महत्या (Journalist Suicide Case) के मामले में पुलिस ने खुलासा कर दिया है। पुलिस का दावा है कि पत्रकार दो नंबर में वायदा बाजार का कारोबार कर रहा था। इसी कारोबार में एक लंबी डील हुई थी। इस डील की राशि उसने भोपाल में रहने वाले सटोरिए समेत कई अन्य को बांटी थी। लेकिन, रकम लौटाने से इनकार कर दिया था। पुलिस ने आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए टीमें रवाना कर दी है।
क्या है मामला
शाजापुर के भेरूडुंगरी में पंकज हिरवे (Journalist Pankaj Hirve) ने सल्फास खा लिया था। भावसार मोहल्ला निवासी पंकज पत्रकारिता करते थे। परिवार वाले निजी अस्पताल ले गए। वहां से पंकज को इंदौर के बॉम्बे अस्पताल (Bombay Hospital Indore) रैफर कर दिया गया। इलाज के दौरान अगले दिन 2 और 3 अक्टूबर की दरमियानी रात पंकज की मौत हो गई थी। मौत के लेकर कई तरह की चर्चाए पत्रकारिता जगत की जाने लगी। इसलिए पुलिस पर वास्तविकता का पता लगाकर उसको सार्वजनिक करने का भारी दबाव था। पुलिस ने सच्चाई का पता लगाने के लिए परिजनों के बयान दर्ज किए। जिसके बाद पूरे मामले का खुलासा हुआ।
कैसे खुला राज
पुलिस ने इस मामले में पंकज की पत्नी निशा, पिता मोहनलाल, बहन रितु चौहान के बयान दर्ज किए। इसके अलावा प्रेस में कार्यरत कर्मचारी सतीश मेवाड़ा के भी बयान लिए गए। इन्हीं बयानों के आधार पर पूरा उजागर हो सका। पूछताछ में पता चला कि पंकज कमोडिटी (NCDEX) का अवैध कारोबार करता था। यह कारोबार व्यवहार पर चलता है। इसी कारोबार में पंकज को इंदौर के रहने वाले रवि माहेश्वरी ने बड़ी रकम लगाई थी। हालांकि इतनी रकम पर कारोबार करने में पंकज सक्षम नहीं था। इसलिए उसने कारोबार को आगे फॉरवर्ड कर दिया। लेकिन, यहां उसने धोखा खा लिया था। जिन्हें यह रकम दी गई थी उन्होंने खाईबाजी कर ली। नतीजतन परेशान होकर पंकज ने आत्महत्या कर ली।
क्या है वायदा बाजार
पुलिस ने जांच के बाद इंदौर निवासी रवि माहेश्वरी, अविनाश उर्फ सोनू नायक, सीपी चावड़ा, राजेश मेवाड़ा के अलावा भोपाल निवासी राजेश तांतेड़ के खिलाफ प्रकरण दर्ज कर लिया है। आरोपियों के खिलाफ पुलिस ने आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज किया है। आरोपी वायदा बाजार (Futures Market) से जुड़े हुए थे। यह पूरी तरह से अवैध होता है और इसमें सटोरिए कमाई करते हैं। इसी बाजार की वजह से दाम घटते और बढ़ते हैं। इन लोगों को राजनीतिक संरक्षण के अलावा पुलिस का भी सहयोग प्राप्त होता है।