Chhatarpur : SDM ने भाजपा नेता और यूनिवर्सिटी मालिक के साथ रची थी हमले की साजिश

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एसडीएम ने कराया था अपने ही दफ्तर पर हमला, पुलिस ने किया चौंकाने वाला खुलासा

सोफे पर अनिल सपकाले, जैकेट में पुष्पेंद्र गौतम और तीसरे नंबर पर जावेद अख्तर

छतरपुर। Chhatarpur SDM Anil Sapkale Case प्रशासनिक पद पर बैठकर पेशेवर अपराधियों जैसी साजिश रचने वाले अनुविभागीय अधिकारी (SDM) की करतूत पढ़कर आप हैरान रह जाएंगे। यूनिवर्सिटी मालिकों के बीच चली आ रही जानी दुश्मनी के बीच विलेन बने एसडीएम ने ऐसा षड़यंत्र रचा कि कोई कल्पना भी नहीं कर सकता। लेकिन पुलिस ने एसडीएम का नकाब उतार दिया। इतनी बारिकी से जांच की गई कि सब पानी की तरह साफ हो गया। तथ्यों के साथ पुलिस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर एडीएम, यूनिवर्सिटी मालिक और भाजपा नेता के बीच रचे गए षड़यंत्र का खुलासा किया तो पत्रकार भी चौक गए। बुधवार को एडीएम कार्यालय में हुई तोड़फोड़, हवाई फायर के मामले में पुलिस ने एसडीएम अनिल सपकाले, श्री कृष्ण यूनिवर्सिटी के मालिक पुष्पेंद्र गौतम और भारतीय जनता पार्टी के नेता जावेद अख्तर समेत 6 को गिरफ्तार किया गया है। एसडीएम अनिल सप्काले की करतूत उजागर होते ही कमिश्नर ने उन्हें सस्पेंड कर दिया है।

घटना 5 फरवरी दिन बुधवार की है। जब एसडीएम अनिल सपकाले सुबह-सुबह 8.50 पर ही दफ्तर पहुंच गए, जबकि आमतौर पर अधिकारी 11 बजे तक तफ्तर पहुंचते है। उन्होंने आरआई अखिलेश बबेले और रीडर रामानंद पटेल को भी सुबह जल्दी बुलाया था। लिहाजा वो भी दफ्तर में मौजूद थे। सपकाले साहब ने जो रिपोर्ट दर्ज कराई थी, उसके मुताबिक बुधवार को उन्हें बहुत ज्यादा काम था, लिहाजा वो जल्दी दफ्तर पहुंच गए थे। साहब 8.50 पर दफ्तर पहुंचे और उनके पीछे-पीछे ही हमलावर भी आ धमके। सुबह 9 बजे तक तो हमलावरों ने एसडीएम कार्यालय का दरवाजा तोड़ दिया, गाड़ी के कांच फोड़ दिए और हवाई फायर करते हुए एसडीएम को धमका भी दिया कि- अभी तो ये ट्रेलर है, नहीं सुधरे तो फिल्म भी दिखा देंगे। अबकी बार तो बच गए, अगली बार नहीं बच पाओगे। धमकाते हुए बदमाशों ने खजुराहो यूनिवर्सिटी के मालिक अभय भदौरिया का नाम लिया और निकल गए।

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बदमाशों के बेखौफ अंदाज देखने के बाद एसडीएम ने पुलिस को सूचना दी। सीएसपी के साथ थाना पुलिस मौके पर पहुंची और जांच शुरु हो गई। मामले की सूचना पुलिस के साथ-साथ मीडिया को भी दी गई थी, जिसके बाद एसडीएम कार्यालय पर हुए हमले की खबर ने दिनभर सुर्खियां बटोरी। एसडीएम साहब ने शक जताते हुए बयान दिया कि उन्होंने भूमाफियाओं के खिलाफ कार्रवाई की है, जिनके खिलाफ नामजद कार्रवाई की गई है, या जिनके खिलाफ कार्रवाई होने वाली है, हो सकता है उन्होंने ही ये हमला कराया हो।

घटना की बारिकी से जांच में जुटी पुलिस ने एसबीएन ग्रुप चैयरमेन और खजुराहो यूनिवर्सिटी के मालिक अभय सिंह भदौरिया से पूछताछ की, लेकिन हमले में उनकी संलिप्तता के संबंध में कुछ हासिल न हो सका। इसी दौरान पुलिस को पता चला कि एसडीएम अनिल सपकाले, श्रीकृष्ण यूनिवर्सिटी के मालिक पुष्पेंद्र गौतम और भारतीय जनता पार्टी के नेता जावेद अख्तर के बीच बड़ी ही घनिष्ट दोस्ती है। यहीं से मामले की परतें खुलना शुरु हो गई।

पुलिस ने तीनों की कॉल डिटेल निकाली तो हैरान रह गई। हमले के एक दिन पहले से लेकर हमले के बाद तक तीनों ने एक-दूसरे से कई बार बात की थी। पुलिस को शक हुआ कि हमले के लिए इन्हीं फोन कॉल्स के जरिए खिचड़ी पकाई गई है। लिहाजा पुष्पेंद्र गौतम को पूछताछ के लिए बुला लिया गया। शुरुआती पूछताछ में तो गौतम अपने और एसडीएम साहब के बीच के संबंधों की महानता की कहानी सुनाता रहा। लेकिन जब पुलिस ने थोड़ी सख्ती दिखाई तो गौतम टूट गया। उसने बताया कि उसकी अभय सिंह भदौरिया से व्यापारिक लड़ाई है। इसी लड़ाई में जीतने और अपने अन्य काम करवाने के लिए पुष्पेंद्र गौतम एसडीएम साहब को 15 लाख रुपए दे चुका था। पुलिस ने गौतम के कॉल रिकॉर्ड्स में पाया कि एसडीएम ने ही उनके दफ्तर में तोड़फोड़ कराने के लिए 4-5 लड़के बुलाए थे। गौतम ने ये काम अपने सबसे खास राजू बुंदेला को सौंप दिया।

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इस मामले में तीसरा मुख्य आरोपी भाजपा नेता जावेद अख्तर है। जावेद अख्तर के मुताबिक उसे जमीन नेशनल हाईवे के लिए ली गई थी, लिहाजा उसे मुआवजे के तौर पर 40 लाख रुपए मिलने थे। जिसकी फाइल एसडीएम साहब के पास थी। लिहाजा एसडीएम ने जावेद को भी इस षड़यंत्र में शामिल कर लिया। उसे लड़के भेजने को कहा गया तो जावेद ने तीन हमलावरों की व्यवस्था करा दी। साथ ही हमले के वक्त जावेद मौके पर ही मौजूद था, ताकि भाड़े के लड़के कोई गड़बड़ी न कर दें।

जावेद ने अमित सिंह परमार, अर्जुन श्रीवास और सतीश सोनी को हमलावर बनाया, तीनों को गौतम के करीबी राजू बुंदेला के नेतृत्व में हमला करना था । एसडीएम ने एक हमलावर अर्जुन श्रीवास को अपने कार्यालय में बुलाकर ट्रेनिंग दी कि कैसे दरवाजा तोड़ना है, गाड़ी के कांच फोड़ना है, फिर कहां खड़े होकर फायरिंग करनी है और हां…जाते-जाते किसका नाम लेना है। चारों ने वहीं किया भी जैसा उनसे कहां गया था।

पुलिस ने मामले में एसडीएम अनिल सपकाले, पुष्पेंद्र गौतम, जावेद अख्तर, राजू बुंदेला, अर्जुन उर्फ संतोष श्रीवास तथा अमित परमार से की गई पूछताछ से घटना में प्रयुक्त कट्टा, कारतूस, बेसबॉल बैट और दो लाठी जब्त की गई है। मामले को सुलझाने में एसपी तिलक सिंह के नेतृत्व में सीएसपी जयराज कुबेर की पूरी टीम ने अहम भूमिका निभाई। टीम को पुरुस्कृत करने की भी बात कहीं जा रही है।

 

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