आरोपी की प्रेमिका ने जली हुई लाश को भी पहचान लिया, पुलिस ने ऐसे सुलझाई अंधे कत्ल की गुत्थी
भोपाल। (Niwari Crime News In Hindi) तीन करोड़ रुपए की भारी—भरकम बीमा पॉलिसी के लिए एक सनसनीखेज हत्याकांड (Niwari Brutal Murder Case) को अंजाम दिया गया। घटना दो महीने पहले मध्य प्रदेश (MP Crime News) के निवाड़ी (Niwari Crime News) जिले में हुई थी। इस पूरे षडयंत्र का मुख्य किरदार टीवीएस बाइक कंपनी का डिस्ट्रीब्यूटर (Niwari TVS Distributer Kill Case) निकला। पुलिस इस अंधे कत्ल की सिलसिलेवार परतें खंगाल रही थी। तभी पुलिस को डिस्ट्रीब्यूटर के राज उसकी एक प्रेमिका से हासिल हुए। उससे मिले सुराग के बाद पुलिस ने तह तक जाकर इस अंधे कत्ल का खुलासा किया। मुख्य आरोपी ने अपने दोस्त की गला दबाकर हत्या की थी। फिर उसको अर्द्धनग्न हालत में पेट्रोल डालकर जला दिया था। उसकी इस साजिश में पिता की भी भूमिका सामने आ रही है।
यहां से शुरु हुई कहानी
मध्य प्रदेश (MP Hindi News) का कुछ साल पहले निवाड़ी (Niwari Hindi News) जिला बनाया गया है। यह जिला मध्य प्रदेश (MP Hindi Khabar) का 52वां जिला है। पहले यह इलाका टीकमगढ़ (Tikamgarh Hindi News) जिले में था। निवाड़ी जिले में ही ओरछा थाना आता है। यहां पुलिस को 19 मार्च की सुबह बनगांय पर जली हुई लाश मिली थी। लाश के नजदीक पेंट—शर्ट, जूते समेत दस्तावेज मिले थे। यह दस्तावेज उत्तर प्रदेश (UP News) के झांसी (Jhansi News) जिले में बबीना में रहने वाले पवन राजपूत पिता सीतराम राजपूत के निकले। मौके पर सीताराम राजपूत (Sitaram Rajput) से संपर्क करके बुलाया गया। सीताराम राजपूत ने शव अपने बेटे पवन राजपूत (Pavan Rajput) का बताया। शव को पीएम के लिए भेजा गया। जिसमें पता चला कि शव जलाने से पहले उसकी गला घोंटकर हत्या की गई थी।
कपड़े अलग थे इसलिए हुआ शक
ओरछा थाने में पीएम रिपोर्ट मिलने के बाद अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ धारा 302/201 (हत्या करके सबूत मिटाने) के तहत मुकदमा दर्ज किया गया। पवन राजपूत राज्यस्तरीय जूडो चैम्पियन (Judo Chapion Fake Murder Case) भी रहा था। उसके पिता सीताराम राजपूत उत्तर प्रदेश पुलिस (UP Police) के रिटायर हवलदार भी थे। पवन राजपूत (Pavan Rajput Fake Murder Case) की शादी पुलिस परिवार में ही हुई थी। पवन के ससुर झांसी जीआरपी में तैनात है। पुलिस को लाश के नजदीक कपड़े और अन्य सामान सुरक्षित रखने के पीछे कोई ठोस वजह समझ नहीं आई थी। इसलिए पुलिस पूरे मामले को संदिग्ध मान रही थी। तभी लॉक डाउन हो गया और पुलिस की जांच में असर पड़ने लगा।
पिता की जिद ने दिलाया यकीन
मामले की गंभीरता को देखते हुए एसपी निवाड़ी मुकेश श्रीवास्तव (SP Niwari Mukesh Shrivastav) ने इस राज से पर्दा उठाने वाले व्यक्ति को 10 हजार रुपए का इनाम देने का ऐलान किया। इसके बाद डीआईजी छतरपुर रेंज विवेकराज सिंह (DIG Vivekraj Singh) ने यह राशि बढ़ाकर 20 हजार रुपए कर दी। पुलिस को मौके पर कपड़ों के अलावा पर्स जिसमें ड्रायविंग लायसेंस, पंजाब नेशनल बैंक का एटीएम (PNB ATM) कार्ड समेत बीमा पॉलिसी के दस्तावेज मिले थे। पुलिस मामले को संगीन मानकर चल रही थी। तभी पवन राजपूत के पिता सीताराम राजपूत बेटे की मौत की खात्मा रिपोर्ट जल्द देने के लिए पुलिस अफसरों के पास बार—बार चक्कर काटने लगे। यहां से पुलिस को यकीन हो गया कि कुछ तो गड़बड़ है जिसकी जानकारी परिवार को भी है।
ऐसे पुलिस ने की रैकी
इस शक के बाद पुलिस ने पवन राजपूत से जुड़ी सारी जानकारियां जुटाना शुरु किया। जले शव की तस्वीर दिखाकर दोस्त से पता लगाया गया। दोस्तों ने उसका शव होने से इनकार कर दिया। इसी बीच पवन राजपूत की एसयूवी झांसी रेलवे स्टेशन पर लावारिस मिली। इसकी वजह पता लगाई गई तो उसकी प्रेमिका की जानकारी पुलिस को मिली। प्रेमिका (Niwari Girl Friend Disclose Case) ने भी तस्वीर देखकर बताया कि यह पवन राजपूत नहीं है। फिर पुलिस ने बयान दर्ज करने के नाम पर पवन राजपूत के पिता और उसकी पत्नी के हावभाव जाने। परिवार के चेहरे पर किसी तरह की शिकन नहीं पाई गई।
यहां से मिला सुराग
इसके बाद पुलिस ने पवन राजपूत के मोबाइल कॉल डिटेल खंगाले। पुलिस ने लाश मिलने वाले दिन से तीन दिन पहले जिन—जिन व्यक्तियों से बातचीत की उनका पता लगाया। वहीं पवन के पिता सीताराम राजपूत के मोबाइल की कॉल डिटेल घटना के बाद खंगाली गई। पवन राजपूत ने जिन—जिन व्यक्तियों से बातचीत की थी वह सारे मिले। लेकिन, एक व्यक्ति गायब था जिसका कोई सुराग नहीं मिल रहा था। वह नीरज परिहार (Neeraj Parihar) पिता अशोक परिहार नहीं मिल रहा था। नीरज मूलत: मध्य प्रदेश के दतिया (Datiya Hindi News) जिले का रहने वाला था। फिलहाल झांसी में रहता था। उसकी पवन राजपूत से गहरी दोस्ती थी। यहां से पुलिस को राज पता चलना शुरु हुए।
होटल में ठहरा
सीताराम राजपूत के मोबाइल पर एक नंबर बार—बार आ रहा था। उसका पता लगाया गया तो वह राजस्थान के कोटा में विनायक होटल (Vinayak Hotel Kota) से फंक्शन कर रहा था। पुलिस ने होटल के रिकॉर्ड खंगाले तो वह पवन राजपूत के नाम पर मिले। पवन राजपूत जिसकी लाश दो महीने पहले मिली वह जिंदा कैसे हो सकता है। यहां से पूरा मामला ही मुड़ गया। पुलिस ने पवन राजपूत को दबोच लिया। उसने शेव न करके अपना हुलिया बदल लिया था। वह अपने चेहरा बदलने के लिए प्रयास भी कर रहा था। उसको हिरासत में लेकर ओरछा थाने पूछताछ के लिए लाया गया।
भोपाल में एटीएम से निकाली रकम
पवन राजपूत ने पूछताछ में कबूला कि उसने ही नीरज परिहार की गला घोंटकर हत्या (Neeraj Parihar Murder Case) की थी। फिर अपनी एसयूवी से शव ले जाकर पेट्रोल डालकर जिंदा (Petrol Dalkar Jinda Jalaya) जलाया था। इसके बाद उसने एसयूवी झांसी स्टेशन पर पार्क कर दी थी। फिर वह भोपाल (Bhopal Hindi News) में बैरागढ़ इलाके में पहुंचा। एटीएम से 40 हजार रुपए निकाले और वहां से राजस्थान (Rajasthan Hindi News) के कोटा शहर में चला गया। हत्याकांड के बाद से वह पिता सीताराम राजपूत के संपर्क में था। उसने बताया कि वह बीमा के तीन करोड़ रुपए हथियाना (Insuarance Claim Fake Death Case) चाहता था। इसलिए दोस्त को मारकर अपनी लाश बताने की यह साजिश रची।
परिवार में ऐसा षडयंत्र दूसरी बार
पवन राजपूत ने पूछताछ में कबूलने के बाद पुलिस ने नीरज परिहार के शव का डीएनए कराने का निर्णय लिया है। पुलिस ने पवन को हत्या के आरोप में गिरफ्तार कर लिया है। पवन ने बातचीत के लिए भोपाल (Bhopal Crime News) से ही सिम खरीदी थी। उसको साजिश का यह आइडिया फिल्मों और टीवी सीरियल से मिला था। उसने बताया कि उसके चाचा के लड़के जैन सिंह ने भी बुरहानपुर (Burhanpur Fake Insuarance Claim Case) में ऐसे ही करके पैसा हथियाने की कोशिश की थी।
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