Bhopal Custodial Death: वीडियो में देखिए कैसे मची थी अंत्येष्टि के लिए वाहन उपलब्ध कराने और ले जाने की पुलिस और परिजनों के बीच होड़, हंगामा, प्रदर्शन के बाद विधायक ने पीड़ित परिवार को आश्वासन दिया तो शांत हुआ मामला
भोपाल। पुलिस अभिरक्षा में एक व्यक्ति की मौत होने का यह मामला सामने आया है। घटना भोपाल (Bhopal Custodial Death) शहर के कोलार रोड थाना क्षेत्र की हैं। इस पूरे घटनाक्रम पर पुलिस की तरफ से दो दिनों तक पर्दा डाला गया था। वारदात ने तूल जब पकड़ा जब एलबीएस अस्पताल में मौत होने के बाद पुलिस के अफसर गुपचुप शव को ले जाने लगे। घटना के बाद हमीदिया अस्पताल में हंगामा भी हुआ। उसके बाद भारी लाव—लश्कर के साथ शव ले जाया गया। लेकिन, कोलार रोड थाने के सामने उसे रखकर परिजनों ने प्रदर्शन शुरु कर दिया। विधायक रामेश्वर शर्मा के आने के बाद मामला शांत हुआ और फिर अंत्येष्टि की जा सकी।
एम्बुलेंस वाले ने परिजनों को यह दी थी खबर
कोलार रोड (Kolar Road) स्थित कजलीखेड़ा के पास अमरावद कला (Amrawad Kala) गांव में रहने वाले अनमोल लोधी ने बताया कि उसके पिता किसान थे। उनका नाम मुकेश लोधी (Mukesh Lodhi) पिता कन्हैया लाल लोधी उम्र 40 साल है। उन्हें 29 जनवरी की शाम लगभग चार बजे डायल—100 पुलिस ले गई थी। बेटे का आरोप है कि ऐसा गांव में ही रहने वाली आशा कार्यकर्ता आशा साहू (Asha Sahu) और उसके पति भगवान साहू (Bhagwan Sahu) के कहने पर किया गया था। कुछ देर बाद एम्बुलेंस से कॉल आया और बताया गया कि थाने के सामने पिता को जख्मी हालत में वे जेपी अस्पताल (JP Hospital) ले जा रहे हैं। यहां से चिकित्सकों ने तुरंत हमीदिया अस्पताल रैफर कर दिया था। बेटे का कहना है कि एम्बुलेंस वाले ने यह भी कहा था कि उन्हें पुलिस की तरफ से जख्मी के बारे में जानकारी दी गई थी। परिजन वहां पहुंचे तो 29—30 जनवरी की दरमियानी रात लगभग एक बजे एलबीएस अस्पताल (LBS ospital) ले आए थे। यहां इलाज के दौरान 31 जनवरी की सुबह मौत हो गई। जिस पर कोलार रोड पुलिस मर्ग 05/24 दर्ज कर मामले की जांच करने वहां पहुंची। अस्पताल में मुकेश लोधी के परिवार की दर्जनों महिलाएं और परिजन वहां मौजूद थे। यह पता चलने के बाद वहां भारी भरकम पुलिस बल तैनात कर दिया गया।
वीआईपी मूवमेंट बोलकर यह किया जाने लगा
मौत होने की जानकारी सामने आने के बाद न्यायिक जांच के आदेश दे दिए गए। जांच जेएमएफसी भारत सिंह रघुवंशी की तरफ से की जा रही है। वे हमीदिया अस्पताल (Hamidia Hospital) की मॉर्चुरी रुम में भी पहुंचे थे। यहां उन्होंने परिजनों के भी प्राथमिक बयान (Bhopal Custodial Death) दर्ज किए। उसके बाद वहां से चले गए। मुकेश लोधी के शव को ले जाने के लिए इसके बाद पुलिस विभाग और परिजनों में काफी मशक्कत हुई। परिजन अपने साधनों से शव को ले जाना चाहते थे। वहीं पुलिस को शक था कि परिजन हंगामा करेंगे। इसलिए पुलिस ने अपनी तरफ से वाहन मॉर्चुरी रुम के बाहर लगा दिया था। पुलिस की तरफ से तर्क दिया जा रहा था कि शहर में वीआईपी मूवमेंट होने के चलते सुरक्षा की दृष्टि से शव अपनी निगरानी में ले जा रहे हैं। काफी हंगामें के बाद पुलिस ने शव परिजनों के वाहन से ले जाने दिया। इसके बाद परिवार वालों ने कोलार रोड थाने के सामने शव रखकर चक्काजाम कर दिया। यह जानकारी भाजपा विधायक रामेश्वर शर्मा (Rameshwar Sharma) को लगी तो उन्होंने परिवार को आश्वासन दिया। विधायक ने ऐलान किया है कि वह मुकेश लोधी के दोनों बेटों की कक्षा बारहवीं तक पूरी शिक्षा का खर्च वहन करेंगे। इसके अलावा कलेक्ट्रैट से जो भी आर्थिक मदद दिलाई जा सके वह उसके लिए पूरा प्रयास करेंगे। इसके बाद शव को अंत्येष्टि के लिए ले जाया जा सका।
वीडियो में देखिए पूरा घटनाक्रम का सटीक विश्लेषण जिसके बाद पुलिस की कमजोरी की वजह पता चलेगी
पुलिस की तरफ से यह किए जा रहे हैं दावे
हमीदिया अस्पताल में सुरक्षा के लिए एडीसीपी क्राइम ब्रांच शैलेंद्र सिंह चौहान, शालिनी दीक्षित समेत आधा दर्जन थानों के प्रभारी और बल तैनात था। डीसीपी जोन—4 सुंदर सिंह कनेश प्रशिक्षण कार्यक्रम के चलते बाहर गए हैं। इस कारण प्रभार डीसीपी क्राइम ब्रांच श्रुतकीर्ति सोमवंशी (DCP Shrutkirti Somvanshi) के पास हैं। हालांकि उन्होंने बातचीत के लिए फोन नहीं उठाया। इधर, एसीपी चूना भट्टी संभाग अंजली रघुवंशी (ACP Anjali Raghuvanshi) ने बताया कि मुकेश लोधी (Bhopal Custodial Death) चलते वाहन से कूदा था। दोनों पक्ष एक—दूसरे के खिलाफ प्रकरण दर्ज कराना चाहता था। इसलिए डायल—100 (Dial-100) में उन्हें ले जाया जा रहा था। पुलिस सूत्रों ने बताया कि डायल—100 में चालक के अलावा हवलदार गोपालधर शर्मा (HC Gopaldhar Sharma) थे। इसके अलावा आशा कार्यकर्ता और मुकेश लोधी पिछली सीट पर बैठा हुआ था।
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