Bhopal Loot : भोपाल के तंग इलाके में भारी तनाव, पुलिस का भारी अमला तैनात, किसान से छीने थे 50 हजार
भोपाल। (Bhopal Loot) पुलिस और आम नागरिकों के बीच शुक्रवार शाम घमासान (Bhopal Police Attacked Catching Robbery Suspect ) हो गया। कार्रवाई का विरोध कर रहे नागरिकों का एक जत्था और दूसरी तरफ भारी पुलिस बल (Bhopal Police Facing Angry Case) आमने—सामने था। पुलिस यहां संदिग्ध लुटेरों (Bhopal Suspect Robbery Accused Tense) को अपने साथ ले जाना चाहती थी। जबकि लोग उन्हें वहां से ले जाने पर देख लेने की चुनौती दे रहे थे। घटना मध्य प्रदेश (MP Robbery Crime News) की राजधानी भोपाल (Bhopal Loot) की है। मामले की गंभीरता को देखते हुए इलाके को भारी पुलिस बल ने घेर लिया था। इसमें मध्य प्रदेश पुलिस (Bhopal Police Per Hamla) का स्पेशल दस्ता भी विरोध कर रहे लोगों को सबक सिखाने के लिए तैनात कर दिया गया था।
टीआई को दी चुनौती
राजगढ़ निवासी 50 वर्षीय लक्ष्मीनारायण चंद्रवंशी (Laxminarayan Chandra Vanshi) तूफान वाहन से भोपाल के गुफा मंदिर के पास सर्वोत्तम अस्पताल (Sarvottam Hospital) आया था। उसके पिता दुलजी चंद्रवंशी को शुक्रवार सुबह बैल ने सींग मारकर पटक (Rajgarh Bull Attack Case) दिया था। जिसकी वजह से वह गंभीर रुप से जख्मी थे। पिता को लेकर वह इलाज (Saand Ka Hamla) कराने भोपाल आया था। यह इलाका कोहेफिजा थाना क्षेत्र में आता है। यहां के टीआई अनिल बाजपेयी (TI Anil Bajpai) ने गुरुवार को ही आमद दी है। हालांकि बाजपेयी की इस थाने में दूसरी बार पोस्टिंग हैं।
अस्पताल के कैमरे में कैद
पिता को भर्ती कराने के बाद लक्ष्मीनारायण चंद्रवंशी ने केश काउंटर में 10 हजार जमा कराए। इसके बाद वह बैच में बैठा था। तभी अस्पताल (Sarvottam Asptal Ke Samne Loot) के सामने दो बाइक पर चार युवक सवार होकर आए। इनमें से दो युवक अस्पताल की बैंच तक आए। उन्होंने बाहर खड़े दो साथियों की तरफ इशारा करते हुए कहा कि वह उसको बुला रहे हैं। उन दोनों के पास पहुंचने पर लक्ष्मीनारायण चंद्रवंशी से सरकारी अस्पताल (Bhopal Jhansa Dekar Lutna) का पता पूछा गया। वह पता बताते उससे पहले चारों झूम गए। यह घटना कैमरे में भी कैद हुई।
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कैमरे से मिला सुराग
लक्ष्मीनारायण की जेब से चारों बदमाशों ने पैसे छीन (Bhopal Cash Snatch) लिए। यह रकम लगभग 50 हजार रुपए थी। अस्पताल के कैमरे में घटना (Bhopal Robbery Case) तो कैद हुई लेकिन आरोपियों की बाइक का नंबर नहीं मिला। यह नंबर अगले चौराहे पर लगे पुलिस के कैमरे में आ गया। जिसके बाद संदेहियों की जानकारी जुटाई गई। लूट की यह घटना (Bhopal Loot Case) शुक्रवार सुबह लगभग 11 बजे हुई थी। जिसके बाद दोपहर तीन बजे पुलिस को आरोपियों का सुराग मिल गया।
दो बाहरी लुटेरे
पुलिस सूत्रों ने बताया कि आरोपियों के संबंध में खबर लगी कि वह निशातपुरा स्थित ईरानी डेरे (Bhopal Irani Dera Me Baval) में पनाह लिए हुए हैं। इसलिए वहां एक टीम सादे कपड़ों में भेजी गई। पुलिस उन्हें दबोचती उससे पहले यह राज उजागर हो गया। पुलिस सूत्रों ने बताया कि सादी वर्दी वाले पुलिसकर्मियों को रोक लिया गया। यह खबर पुलिस के अफसरों को लगी जिसके बाद पूरा इलाका छावनी में तब्दील हो गया। यहां जनता का गुट जो लुटेरों को दबोचने का विरोध कर रहा था वह पुलिस को ललकार रहा था। बदले में पुलिस का भारी बल वहां पूरे इंतजाम के साथ तैनात था।
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