एसटीएफ ने दर्ज किया तीन अभ्यर्थियों के खिलाफ जालसाजी का मुकदमा
भोपाल। मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh Crime) का बहुचर्चित व्यापमं घोटाला (Vyapam Return’s) कांग्रेस सरकार आने के बाद दूसरे रुप में बाहर निकलकर आया है। अब सरकार उन मामलों में एफआईआर दर्ज करा रही है जिसको दर्ज करने से सीबीआई (CBI) ने इनकार कर दिया था। ऐसे शिकायतों की संख्या 197 थी। जिसमें से अब तक 10 शिकायतों पर स्पेशल टास्क फोर्स (Madhya Pradesh Special Task Force) मुकदमा दर्ज कर चुकी है।
यह जानकारी देते हुए स्पेशल टास्क फोर्स एडीजी अशोक अवस्थी (ADG Ashok Avasthi) ने पत्रकारों को बताया कि अब तक कुल 13 अलग-अलग केस दर्ज किए जा चुके हैं। इसी क्रम में तीन उम्मीदवारों के खिलाफ धोखाधड़ी समेत अन्य धाराओं में तीन नए केस दर्ज किए गए हैं। इनमें शिव सिंह (Shiv Singh) एवं अन्य, पंकज कुमार सिंह (Pankaj Kumar Singh) एवं अन्य और सुनील सोनकर (Sunil Sonker) एवं अन्य को आरोपी बनाया गया है। शिव सिंह ने वर्ष 2009 की पीएमटी में और पंकज व सुनील ने वर्ष 2010 की पीएमटी में फर्जी मूल निवास प्रमाण पत्र का इस्तेमाल कर सरकारी मेडिकल कॉलेज में दाखिला लिया था। संबंधित जिलों से उनके मूल निवास के फर्जी होने की रिपोर्ट एसटीएफ को मिली थी। उसी रिपोर्ट के आधार पर शिव सिंह, पंकज कुमार सिंह और सुनील सोनकर के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।
एडीजी ने बताया कि इस मामले में अब तक कई आरोपियों की अग्रिम जमानत अर्जी खारिज हो चुकी है। अधिकांश शिकायतें पीएमटी के जरिए मप्र राज्य कोटा हासिल करने और भोपाल के गांधी मेडीकल कॉलेज (जीएमसी) में दाखिला लेने से जुड़ी है। इसमें व्यापमं के तत्कालीन अफसर, काउंसलिंग प्रभारी और जीएमसी के अधिकारियों की भी मिलीभगत हो सकती है।
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