Bhopal Property Fraud: एसीपी ने तफ्तीश की तो एक नाम का व्यक्ति पते पर नहीं पाया गया, दो व्यक्तियों के खिलाफ जालसाजी का प्रकरण दर्ज
भोपाल। फर्जी पॉवर ऑफ अटॉर्नी के जरिए प्लॉट को हथियाने का एक सनसनीखेज मामला सामने आया है। इस मामले में शामिल एक संदेही उसके लिखाए पते पर नहीं मिला है। जिस कारण उसके छद्म होने की अटकलें पुलिस ने लगाई है। यह घटना भोपाल (Bhopal Property Fraud) शहर के शाहजहांनाबाद इलाके की है। जिसकी शिकायत पहले सेंट्रल डीसीपी रियाज इकबाल से की गई थी। जिन्होंने घटनाक्रम की जांच एसीपी शाहजहांनाबाद उमेश तिवारी (ACP Umesh Tiwari) से कराई। मामला जालसाजी का होने के चलते अब प्रकरण दर्ज कर लिया गया है।
यह है दर्ज प्रकरण जिसमें जांच की गई
शाहजहांनाबाद (Shahjahanabad) थाना पुलिस के अनुसार इस संबंध में जांच प्रतिवेदन के आधार पर एसआई बीएल पांडे (SI BL Pandey) ने प्रकरण दर्ज कर लिया है। जिसमें 405/23 धारा 419/420/467/468/471/120—बी (जालसाजी, दस्तावेजों की कूटरचना, कूटरचित दस्तावेजों का इस्तेमाल और साजिश के तहत प्रकरण) दर्ज किया गया है। इस मामले में आरोपी फराज अली (Faraz Ali) पिता सैयद युसूफ अली निवासी कुद्दूस मियां का अहाता शाहजहांनाबाद और अब्दुल राशिद (Abdul Rashid) पिता मोहम्मद सईद अशोका गार्डन निवासी को बनाया गया है। शिकायत ईदगाह हिल्स निवासी प्रताप राय (Pratap Rai) पिता ठाकुर दास प्रत्यानी ने दर्ज कराई थी। उन्होंने बताया कि आरोपी फराज अली उनके सनराइज कॉलोनी (Sunrise Colony) में स्थित प्लॉट को 2014 में खरीदने का दावा करता था। जबकि यह प्लॉट सतीमल राजदेव (Satimal Rajdev) ने 1989 में सेल डीड के जरिए खरीदा था।
यह दावा कर रहे थे आरोपी
आरोपियों ने मकसूद मकरानी (Maqsood Makrani) और मोहम्मद शाहिद (Mohammed Shahid) को प्लॉट बेचा था। उन्होंने अपने दस्तावेज (Bhopal Property Fraud) एसीपी के सामने पेश किए थे। जांच में वे कूटरचित पाए गए। यह दोनों पीड़ित प्रताप राय को प्लॉट पर काम करने से रोकते थे। जिसको लेकर पीड़ित कई बार थाने के चक्कर काटा। जांच में पता चला कि अब्दुल राशिद का पता गलत पाया गया। पुलिस के उसके नकली होने की संभावना जता रही है। आरोपियों ने मकसूद मकरानी और मोहम्मद शाहिद को प्लॉट कितने में बेचा यह साफ नहीं हो सका है। हालांकि वे दोनों प्रताप राय से पांच लाख रूपए मांग रहे थे। अब्दुल राशिद नाम के व्यक्ति के खिलाफ शाहजहांनाबाद थाने में जालसाजी का एक अन्य मामला भी दर्ज किया गया था।
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