Bhopal News: पंडित खुशीलाल आयुर्वेद चिकित्सा महाविद्यालय में हुई घटना
भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल की ताजा न्यूज (Bhopal News) कोरोना से संबंधित मिल रही है। शहर में जिला प्रशासन कई अस्पतालों में ऑक्सीजन प्लांट लगा रहा है। इसमें से एक प्लांट चूना भट्टी स्थित पंडित खुशीलाल आयुर्वेद चिकित्सा महाविद्यालय में लगाया जा रहा था। इस निर्माणाधीन प्लांट से कॉपर के पाइप चोरी होने के समाचार है। इस पाइप की मदद से ही ऑक्सीजन की सप्लाई संभव है। चोरी गए पाइप और उसकी कीमतों का खुलासा अभी नहीं हुआ है।
प्रिंसीपल ने दर्ज कराई एफआईआर
चूना भट्टी थाना पुलिस के अनुसार 24 मई को धारा 380 चोरी के तहत केस दर्ज किया गया है। यह घटना की शुरुआत 20 मई से हुई थी। रिपोर्ट में हुई देरी की वजहों पर भी पुलिस जांच कर रही है। घटना शासकी पंडित खुशीलाल शासकीय होम्योपैथी अस्पताल की है। शिकायत महाविद्यालय के प्रिंसीपल डॉक्टर एसके मिश्रा (Dr SK Mishra) ने दर्ज कराई है। अस्पताल से कॉपर के पाईप चोरी गए हैं। यह पाईप आक्सीजन प्लांट में लगने थे। फिलहाल चोरी गई संपत्ति की कीमत अस्पताल प्रबंधन ने पुलिस को नहीं बताई है। ऑक्सीजन प्लांट का निर्माण किया जा रहा है। पुलिस सूत्रों के अनुसार पुलिस को आवेदन 21 मई को मिल गया था। जिसकी जांच करने के लिए थाने से टीम रवाना भी हुई थी। पुलिस ने पूरे मामले की तस्दीक करने के बाद चोरी का केस दर्ज किया है।
अस्पताल के अफसरों को आया पसीना
मध्य प्रदेश समेत भारत के कई राज्यों में ऑक्सीजन के महत्व की बात सामने आ चुकी है। उसके न होने के परिणाम भी देखे गए है। इस संवेदनशील विषय पर सरकार ने आनन—फानन में कई अस्पतालों में प्रोजेक्ट को अनुमति दे दी है। हालांकि यह अनुमति सिर्फ कागजी घोषणा दिख रही है। दरअसल, पंडित खुशीलाल आयुर्वेद चिकित्सा महाविद्यालय में हुई चोरी के बाद तो यह साबित हो रहा है। चोरी का केस प्रोजेक्ट लगा रही कंपनी को दर्ज कराना था। लेकिन, रिपोर्ट अस्पताल के प्रिंसीपल से दर्ज कराई गई। कौन सी कंपनी यह काम कर रही है यह बताने में अस्पताल के अफसरों को पसीना आ गया।
कॉल ही रिसीव नहीं किया
उन्होंने बताया कि यह प्लांट जिला प्रशासन की निगरानी में लगाया जा रहा है।अधीक्षिका डॉक्टर सुनीता तोमर (Dr Sunita Tomar) ने कहा कि जब यह फैसला हुआ तब उन्हें कोविड था। इस कारण इस योजना के बारे में डॉक्टर अजय सिंह परिहार (Dr Ajay Singh Parihar) ज्यादा बेहतर बता सकेंगे। जब उनसे संपर्क किया गया तो वे कुछ देर बाद बताने का कहकर जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ गए। दोबारा उन्होंने कॉल ही रिसीव नहीं किया। यह उस ऑक्सीजन प्लांट की हालत है जिसको लगाने के लिए सरकार युद्धस्तर पर जुटी हुई है। वहां प्लांट लगाने वाली कंपनी से लेकर कर्मचारियों की जानकारी ही अस्पताल को नहीं हैं।